हिन्दुवत्व वादी शक्तियां अगर बम विस्फोट करें तो वह राम राज्य का स्वागत करती नजर आती हैं जिसके ऊपर सरकार इंटेलिजेंस ब्यूरो, ए.टी.एस और एस.टी.ऍफ़ हलकी घटना बता कर अपना बचाव करती हुई नजर आती हैं अगर कोई विस्फोटक की घटना घटती है तो सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन कोई न कोई खान या मुसलमान का नाम आ जाता है।
पुणे बम विस्फोट सीरियल बम विस्फोट में रंगे हाथ जख्मी पकडे गए व्यक्ति का नाम
शिवानन्द पाटिल है। आर.एस.एस का कार्यकर्ता है इसलिए विस्फोट होने के बाद खुफिया एजेंसियों की छठी इन्द्री ने बता दिया था कि इसमें इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ है लेकिन अब वह शरमाये-शरमाये से नजर आ रहे हैं। हमारा इलेक्ट्रोनिक मीडिया चुप्पी साढ़े हुए हैं। हेमंत करकरे की हत्या से लेकर अधिकांश विस्फोट हिन्दुवत्व वादी संगठनो ने ही किये हैं किन्तु सांप्रदायिक सोच के कारण अल्पसंख्यकों को ही फंसाया जा रहा है। असीमानंद के 164 सी.आर.पी.सी के बयान के बाद स्तिथि साफ़ होनी चाहिए थी किन्तु हिन्दुवत्व वादी संगठनो की एक भारी संख्या नौकरशाही से लेकर खुफिया एजेंसियों में है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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