रविवार, 11 नवंबर 2012

तेरी बीबी की बेइज्जती तेरे सामने करेंगे


    मैं, मु0 रिजवान सिद्दीकी पुत्र श्री मु0 शफीक निवासी मोहल्ला चिल्ला अमरोहा (जे0पी0 नगर) यू0पी0। मैं 3 मार्च 2006 से एम0क्यू0एम0 इण्टर कालेज अमरोहा में हाईस्कूल व इण्टर मीडिएट की परीक्षा में सुबह शाम दोनांे मीटिंग में ड्यूटी कर रहा था और लगातार 01 अप्रैल 2006 तक ड्यूटी की। 02 अप्रैल को इतवार था उसी रात लगभग 1.30 बजे अमरोहा कोतवाली के सी0ओ0 के साथ एस0टी0एफ0 के बी0एम0 पाल जो कि पहले अमरोहा कोतवाली में सी0ओ0 रह चुके हंै अपने साथ यह कहकर बुला लिया कि कुछ जरूरी पूछताछ करना है। परन्तु लखनऊ ले आए दो दिन तक खूब टार्चर किया और बराबर यह कहा कि जैसा हम कह रहे हैं वैसा ही मीडिया के सामने कहना नहीं तो 14 दिन का रिमाण्ड लेंगे और तेरी बीवी की तेरे सामने बेइज्जती करेंगे। जैसे तुझे उठा लाए है वैसे ही उसको भी उठा लाएँगे। इसके बाद 5 अपै्रल 2006 को मेरे साथ चार और लोगों की (जो मुझसे कई दिन पहले से एस0टी0एफ0 आफिस में थे) गिरफ्तारी थाना सरोजनी नगर लखनऊ से शो की गयी। और गैरकानूनी सामान की बरामदगी दिखाई गई उस सामान को मैंने पहले कभी देखा भी नहीं था।
    03 अप्रैल 2006 को ही मेरे घर वालों की तरफ से माननीय राज्यपाल उ0प्र0 एवं मानव अधिकार आयोग लखनऊ उ0प्र0 को फैक्स किए गए और 2-3 दिन तक मेरे घर से उठाए जाने के खिलाफ धरने हुए और स्थानीय समाचार पत्र दैनिक जागरण आदि में खबरे छपीं, एफ0टी0सी0 में मेरा केस चला तथा 21 जनवरी 2008 को माननीय न्यायाधीश श्री धर्मराज मिश्र ने यह कहते हुए कि इतना बड़ा अधिकारी (एस0टी0एफ0 का ए0एस0पी0) झूठ नहीं बोल सकता। केवल पुलिस के गवाहों पर ही सजा (आजीवन कारावास) दे दी। 05 मई 2007 को ही हम पाँचों पर गैंगस्टर भी लगा दिया गया था जो कि अभी ट्रायल पर चल रहा है। मुझे 6 साल हो गए है जिला कारागार लखनऊ में और मेरे वकील काजी सबीह-उर-रहमान साहब हाईकोर्ट में अपील की हुई है।


suman
लो क सं घ र्ष !

3 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…


त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए,,,,

RECENT POST:....आई दिवाली,,,100 वीं पोस्ट,


ग्रीटिंग देखने के लिए कलिक करें,

ABHISHEK DAS ने कहा…

Sir
although it is not acceptable to me that mr Rijwaan was quite innocent because there is no fire without any smoke.

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