कल जब नेशनल टीवी चैनल ओबामा की आरती उतारने में लगे रहे और पश्चिम बंगाल में
भयानक हिंसाचार हो गया और 48घंटे से सभी महान चैनल सोए रहे। यह वाकया
तकरीबन नंदीग्राम की पुनरावृत्ति है। बीरभूम के दुबराजपुर गांव में पुलिस
का नंगा नाच देखने को मिला है। ममता बनर्जी इसे नंदीग्राम मानने को तैयार
नहीं है। यहां पुलिस और गांववालों में जमकर संघर्ष हुआ है और 50से ज्यादा
लोग घायल हुए हैं। गांववालों ने पुलिस को गांव में आने से रोका हुआ है और
कोई भी टीएमसी नेता वहां घुस नहीं पाया है। बंगला चैनलों में कल यह खबर
बड़ी प्रमुखता से दिखाई गयी।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में दो दिन पहले हुई
किसान-पुलिस मुठभेड़ में जिन किसानों ने प्रतिवाद किया था वे पहले ममता के
साथ थे अब वे किसी दल में नहीं हैं , इन लोगों ने किसानजमीन रक्षा कमेटी
बनायी है, ये लोग खेती की ज़मीन का उचित मुआवजा माँग रहे हैं, पहले इनको
सरकारी दर से मुआवजा ले चुके हैं लेकिन संतुष्ट नहीं हैं़, ये लोग ज़मीन
अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं, इन तथ्यों की रोशनी में देखें तो माकपा
-कांग्रेस की किसानों के प्रतिवाद में कोई हाथ नहीं है।।
माकपा सांसद वंशगोपाल चौधरी व सांसद डॉ
रामचंद्र डोम के नेतृत्व में वाम मोर्चा, कांग्रेस के सांसद अभिजीत मुखर्जी
के नेतृत्व में कांग्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथागत राय के नेतृत्व
में भाजपा शिष्टमंडल ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने की
घोषणा की. कांग्रेस ने सीबीआइ और वाम मोर्चा ने न्यायिक जांच की मांग की
है. वहीं, एसयूसीआइ समर्थकों ने सिउड़ी सर्किट हाउस में बैठक कर रहे
उद्योगमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया.
निजी कंपनी की मशीन को मुक्त कराने के लिए इतनी बड़ी
संख्या में पुलिस का पहुंचना व पुलिस फायरिंग से इनकार करने के बाद भी
घटनास्थल से बड़ी संख्या में खोखे मिलने से सवाल खड़े होते हैं. इस मामले
की सीबीआइ जांच होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. उन्होंने
ग्रामीणों के इलाज व आंदोलन में सहयोग करने का आश्वासन दिया.
-जगदीश्वर चतुर्वेदी
2 टिप्पणियां:
आजकल मीडिया सिर्फ रेटिंग बढाने के पीछे भाग रही है
RECENT POST:..........सागर
BANGLADESHIYON KO BHARAT ME LANE KA SHREY B NEHRU KO HI JATA HAI. JAB TAK YE BANGLADESHI RAHENGE TAB TAK ASSAM KO SHANT NAHI HONE DENGE.
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