शनिवार, 1 दिसंबर 2012

मानव खोपड़ी उबाल के पियो

इलाहाबाद के पत्रकार की हत्या के आरोप में राजा कोलंदर उर्फ़ राम निरंजन को आजीवन कारावास की सजा हुई है।साल 2000 में इलाहाबाद में पत्रकार धीरेन्द्र सिंह समेत चौदह लोगों को राजा कोलंदर के फ़ार्म हाउस में बेरहमी से क़त्ल कर उनकी लाश के टुकड़े- टुकड़े कर दिए गए थे. राजा कोलंदर ने काली प्रसाद श्रीवास्तव की हत्या कर उसकी खोपड़ी को उबाल कर पी लिया जिससे वह बुद्धिमान हो जाए। राजा कोलंदर ने काफी लोगों की हत्या कर उनकी खोपड़ी को उबाल कर पिया। मानव रक्त भी वह शौक से पीता  था। नरमुंडो को जाति के अनुसार रंग कर रखता था।
                    राजा कोलंदर की शादी शंकरगढ़ के पत्रकार धीरेन्द्र सिंह के गाँव में हुई थी। उसकी पत्नी का नाम गोमती था वह जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं। राजा कोलंदर ने उनका नाम बदलकर फूलन देवी रख दिया  था। उनके बड़े बेटे का नाम जमानत था और छोटे बेटे का नाम अदालत था। बेटी का नाम क्रांती था।
          भारतीय समाज में किवदंतियों, आख्यानो, मिथकों में बे सिर-पैर की बातें आती रहती है। जिससे कम बुद्धि वाले मानव मस्तिष्क पर चमत्कारी असर होता है जिसके फल स्वरूप राजा कोलंदर जैसे मानवों का निर्माण होता है जो तरह-तरह की उलूल जुलूल हरकतें करके मानव जाति को कलंकित करने का काम करती रहती है। विभिन्न धर्मों के आख्यानो में सुपर पावर जैसी संरचना निर्मित होती है और जब वह वास्तविक दुनिया में लोग सुपर पॉवर बनने लगते हैं तो उसका असली चेहरा नरभक्षी के रूप में प्रकट होता है। इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया भी भूत-प्रेत से लेकर ज्योतिष तक काल्पनिक मनोविकारों का प्रचार-प्रसार करते रहते हैं जिसका सीधा असर समाज पर होता है और उससे समाज विकृत भी होता है। देखने में तो यहाँ तक आ रहा है की बगैर मेहनत किये धन-धान्य से परिपूर्ण होने के लिए उँगलियों में दर्जनों अंगूठियाँ लोग पहनने लगे हैं, हीरा, पन्ना, पुखराज, मूँगा आदि पहनने से भाग्य परिवर्तन की आशा में करोडो लोग लगे रहते हैं और अंत में माया मिली न राम।

सुमन
लो क सं घ र्ष ! 

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

प्रिय ब्लॉगर मित्र,

हमें आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है साथ ही संकोच भी – विशेषकर उन ब्लॉगर्स को यह बताने में जिनके ब्लॉग इतने उच्च स्तर के हैं कि उन्हें किसी भी सूची में सम्मिलित करने से उस सूची का सम्मान बढ़ता है न कि उस ब्लॉग का – कि ITB की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉगों की डाइरैक्टरी अब प्रकाशित हो चुकी है और आपका ब्लॉग उसमें सम्मिलित है।

शुभकामनाओं सहित,
ITB टीम

पुनश्च:

1. हम कुछेक लोकप्रिय ब्लॉग्स को डाइरैक्टरी में शामिल नहीं कर पाए क्योंकि उनके कंटैंट तथा/या डिज़ाइन फूहड़ / निम्न-स्तरीय / खिजाने वाले हैं। दो-एक ब्लॉगर्स ने अपने एक ब्लॉग की सामग्री दूसरे ब्लॉग्स में डुप्लिकेट करने में डिज़ाइन की ऐसी तैसी कर रखी है। कुछ ब्लॉगर्स अपने मुँह मिया मिट्ठू बनते रहते हैं, लेकिन इस संकलन में हमने उनके ब्लॉग्स ले रखे हैं बशर्ते उनमें स्तरीय कंटैंट हो। डाइरैक्टरी में शामिल किए / नहीं किए गए ब्लॉग्स के बारे में आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा।

2. ITB के लोग ब्लॉग्स पर बहुत कम कमेंट कर पाते हैं और कमेंट तभी करते हैं जब विषय-वस्तु के प्रसंग में कुछ कहना होता है। यह कमेंट हमने यहाँ इसलिए किया क्योंकि हमें आपका ईमेल ब्लॉग में नहीं मिला।

[यह भी हो सकता है कि हम ठीक से ईमेल ढूंढ नहीं पाए।] बिना प्रसंग के इस कमेंट के लिए क्षमा कीजिएगा।

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