बुधवार, 16 जनवरी 2013

धर्म के व्यापारी

चमक रहा है अपराध तुम्हारा 
समाज को प्रवचन देने वाले, उपदेशक, नैतिकता और आदर्श की बात करने वाले उनमें से ज्यादातर लोग  आर्थिक अपराधी हैं। आज पता चला है कि प्रवचनकर्ता आसाराम बापू ने 200 एकड़ जमीन का घोटाला  मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में किया है। इस घोटाले का मूल्य लगभग 700 करोड़ रुपये है। 
                              गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय [एसएफआइओ] ने इस मामले में आसाराम, उनके पुत्र नारायण साई तथा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता व कंपनी कानून-1956 के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। एसएफआइओ ने इस बाबत अपनी अनुशंसा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को भेज दी है। मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मामला विचाराधीन है।
      रामदेव यादव से लेकर आसाराम बापू तक चाहे जो उपदेश देते हो वह दूसरों के लिए ही है खुद सफेदपोश आर्थिक अपराधी हैं। भारतीय समाज में साधू और सन्यासियों की सामाजिक संरचना तथा उनके सन्यास लेने का कारण उनके द्वारा किये गए अपराध ही होते हैं और यह सब अपराधी मिलकर एक नए भावजगत की संरचना करते हैं। वस्तुस्तिथि यह है कि धर्म अब चालाक का जाल है और मूर्ख उसके शिकार हैं। इन बड़े-बड़े सन्यासियों और महंतो की जीवन शैली आदर्श नहीं है। यह सब लोग व्यापारी हैं और व्यापार में मुनाफा मुख्य है और मुनाफे के लिए यह सब कुछ करते है। 

सुमन
लो क सं घ र्ष ! 

3 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

भारतीय समाज में साधू और सन्यासियों की सामाजिक संरचना तथा उनके सन्यास लेने का कारण उनके द्वारा किये गए अपराध ही होते हैं और यह सब अपराधी मिलकर एक नए भावजगत की संरचना करते हैं।

recent post: मातृभूमि,

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सार्थक और सटीक!

Vinay ने कहा…

अति सुंदर कृति
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