
आज हम ऐसी जम्हूरियत में जीने को विवश हें जहां 20 करोड़ मुसलमानों को शक की निगाह से देखा जा रहा है। उन्हें अपने ही देश में बेगाना बना दिया गया है। हजारों नौजवानों को जेल में डाल दिया गया है, सैकड़ों को फर्जी एन्कान्टर में मारा जा रहा है। और हम लोगों को लगातर डिफेन्सिव बनाये रखने की यह साजिश है। हमारी खामोशी इस अन्याय को बढ़ावा दे रही है। यह हमारा संघर्ष हिन्दु मुसलमान के लिये नहीं बल्कि न्याय के लिये है। उन बेगुनाह नौजवानों के लिए है जो इस देश के बेटे हैं। यह विचार मुगलदरबार में आयोजित राजनैतिक आतंकवाद विरोधी जन जागरण अभियान में राजय सभा के सदस्य एवं जनजागरण अभियान केसंयोजक मोहम्मद हसीब ने मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए व्यक्त किये। माननीय अदीब साहब ने कहा हमने 20वीं शताबदी में एक गाँधी पाया था, अब हमें नये गाँधी का तलाश करना होगा। उन्होंनें अभियान का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारी मात्र तीन मांगें हैं पहली जिन्हें ऐसे मुकदमों में फंसया गया है या गिरफ्तार किया गया है उनकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवायी हो दूसरी जो लोग दोष मुक्त होते हैं उनके पुनर्वास की व्यवस्था सरकार करें और तीसरी ऐसे अधिकारियों पुलिसकर्मियों को सजा मिले। यह लोक तन्त्र का तकाजा है।
इससे पूर्व राजेश मल्ल ने जन जागरण के मुख्य उद्देश्यों को विस्तार से उजागर किया। कार्यक्रम के संयोजक मो0 मोहसिन ने कहा कि लोकतन्त्र की हिफाजत के लिए बगैर धार्मिक भेद-भाव के लोगों आगे आना चाहिए कार्यक्रम की अध्यक्षता जलील यार खाँ ने की व संचालन फजल इनाम मदनी ने किया। कार्यक्रम को रणधीर सिंह सुमन ,डाॅ0 फिदा हुसैन, शहाब खालिद, तालिब नजीब, फरहान वारसी, मसूद रियाज आदि लोगों ने सम्बोधित किया।
3 टिप्पणियां:
सटीक अभिव्यक्ति ।
बढिया --
"सज्जन ढूँढने से उत्तम है हम स्वयं सदाचारी बनें....."
सचाई से रूबरू कराती प्रस्तुती
मेरी नई रचना
ये कैसी मोहब्बत है
खुशबू
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