मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

आदमी कुत्ता हो गया

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गलत उपयोग ओवैशी ने किया तो जेल में है और होना भी चाहिए वहीँ दूसरी ओर विश्व हिन्दू परिषद् के नेतागण जो भाषण देते हैं, वह भी देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाली ही बात ही होती है। परिषद् के नेता प्रवीण तोगड़िया ने अकबरुद्दीन ओवैसी का नाम लिए बिना उन्हें कुत्ता करार दे रहे हैं। वहीँ इस आरोप की पुष्टि भी उन्होंने की दंगो के समय पुलिस निष्क्रिय हो जाती है तब नरसंहार शुरू होता है। तोगड़िया ने कहा, 'एक बार असम में पुलिस हट गई। उस स्थान का नाम है नेड़ी। अरे मेरे भाइयो, फिर क्या हुआ... लाशों का ढेर लग गया था... गिनी तो 3 हजार लाशें गई थीं... उनमें हिंदू की लाश एक भी नहीं थी.. अरे मेरे भाइयो ऐसा 20 साल पहले बिहार के भागलपुर में हुआ... फिर तो क्या हुआ... भागलपुर के नजदीक गंगा बहती है... गंगा में लाशें ही लाशें दिखाई देने लगीं... गिन नहीं पाए.. सागर तक बह गईं। उनमें एक भी लाश हिंदू की नहीं थी।'  उन्होंने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा, 'ऐसा ही यूपी के मेरठ, मुरादाबाद में हुआ... अरे गुजरात में पुलिस खड़ी थी, देखो क्या हुआ। इसलिए पुलिस को हटा दो कहने वाले सपने भूल जाओ।'
 इस तरह से भाषणबाजी कर तोगड़िया सांप्रदायिक आधार पर वोटों का विभाजन करते रहते हैं और वोटों के लिए ओवैशी भी मुसलमानों के बीच में घ्रणापद भाषण देते हैं। तोगड़िया एंड कंपनी के खिलाफ कार्यवाई नहीं होने के कारण उनके हौसले बुलंद होते हैं और अंत में उसका परिणाम सांप्रदायिक दंगे होते हैं। 
                       वहीँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करने के लिए सरकार भी पीछे नहीं रहती है। कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी के बाद आगरा के दयालबाग के रहने वाले संजय चौधरी को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर राजनीतिक हस्तियों से संबंधित पोस्ट डालने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनका लैपटॉप, सिम कार्ड और डाटा कार्ड भी जब्त कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी मात्र उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खुश करने के लिए की गयी है। संजय चौधरी ने कपिल सिब्बल, मनमोहन सिंह व मुलायम सिंह यादव के सम्बन्ध में कार्टून फेसबुक पर पोस्ट किये थे। कार्टून कला है, शक्तिशाली प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर सभी राजनेताओं के खिलाफ कार्टूनिस्ट जनता की बात को रखते आये हैं। किन्तु कभी कोई कार्यवाई नहीं हुई है लेकिन नए दौर में फासीवादी विचारों से लैस नौकरशाही आकाओं को खुश करने के लिए इस तरह की कार्यवाई करती रहती है।

सुमन
लो क सं घ र्ष ! 
          

2 टिप्‍पणियां:

राजन ने कहा…

ये देखिए पूरी रामायण ये जताते हुए लिख दी कि देखो कैसे केवल मुसलमानों पर कारर्वाई की जाती है और हिंदुओं पर नहीं।कितनी सफाई से तथ्यों को ही गायब कर दिया ।अगर ऐसा है तो वरुण गाँधी पर कार्रवाई क्यों की गई थी?अभी औवेसी प्रकरण के बाद स्वामी कमलानंद भारती के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार किया गया ।क्या ये एकतरफा सेकुलरिज्म की पताका फहराने वालों की आदत है कि केवल आधा सच ही लोगों को बताना ताकि अल्पसंख्यकों को एक खास किस्म के असुरक्षाबोध में रखा जा सके ?

राजन ने कहा…

और हाँ अगर आप इतने ही धर्मनिरपेक्षता के हिमायती हैं तो जब औवेसी जैसे किसी शख्स का कोई भाषण बहुसंख्यकों के खिलाफ आए तो उसका भी विरोध अपने ब्लॉग पर करें और न सिर्फ विरोध करें बल्कि लाईन बाई लाईन उसकी पंक्तियों को भी वैसे ही कोट करें जैसे आपने तोगडिया की बातों को रखा।और उस समय इस बात की चिंता बिल्कुल न करें कि लोग अब मुसलमानों के बारे में क्या सोचेंगे।और उस लेख में ऐसा नहीं होना चाहिए कि अब मुस्लिम कट्टरपंथी के खिलाफ 10 शब्द लिख दिए तो बैलेँस करने के लिए तोगडिया जैसे के खिलाफ सौ शब्द लिखे जाएँ ।वर्ना आप भी वही राजनीति कर रहे होंगे जो नेता लोग करते हैं।बताइए क्या आप ऐसा कर सकते हैं?

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