तहसील प्रशासन के इशारे पर हो रहा है पोखरा –
पोख्रियो व तालाबो पर कब्जा सारे देश में – सुनील
दत्ता ‘ कबीर ‘
आजमगढ़ ---- जल ही जीवन है जल बिन सब
सून जनपद के ऐतिहासिक ताल - पोखरों , नदियों के साथ ही
पोखरियो , कुँओं पर हो रहे अवैध कब्जो को हटाने के साथ ही जल- संरक्षण
के लिए रैदोपुर स्थित दुर्गा जी के मंदिर से लखराव पोखरा संघर्ष समिति व नेशनल
लोकरंग एकेडमी उत्तर प्रदेश के संयुक्त
तत्वाधान लखराव पोखरा संघर्ष समिति के
सयोजक व में एन एल
ए के महासचिव सुनील दत्ता के नेतृत्त्व में मौन जलूस निकालकर जिलाधिकारी के माध्यम
से महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को ज्ञापन भेजा गया | रैदोपुर कालोनी से निकल कर पुरानी कलेक्ट्री – पुलिस
लाइन –दीवानी कचहरी –
नौरोली होते हुए मौन जलूस जिलाधिकारी कार्यालय पहुचा |
कैम्पस में प्रेस से बातचीत करते हुए एन.एल.ऐ उत्तर प्रदेश के महासचिव सुनील दत्ता ' कबीर '
ने कहा कि आज पूरा विश्व जल संकट से घिरा हुआ है खासतौर से हमारा देश भारत भी जिला प्रशासन को अवगत करना चाहता हूँ कि जल
संरक्षण के लिए प्रकृति ने इस जनपद को काफी कुछ दिया है | जिले
में छोटे - बड़े काफी संख्या में जलाशय मौजूद है | रानी की सराय क्षेत्र में
गंभीरवन
ऐसा क्षेत्र है यहाँ पर एक बड़ा ताल
और छोटे - बड़े सात ताल मौजूद है सैकड़ो बीघे में फैला बडैला का ताल अपने ऐतिहासिक
अस्तित्व से लड़ रहा है . दिन - प्रतिदिन यहाँ कब्जा होने से इसका जलमगन भाग काफी
कम हो गया है | यह ताल जाड़े के दिनों में प्रवासी पक्षियों का बसेरा
भी बनता है , विविध प्रकार की सम्पदाए इसमें होने से स्थानीय लोगो
की जीविका का साधन भी है , इसी तरह हजारो बीघे मैं फैला
अजमतगढ़ का ताल अपने ऐतिहासिक महत्व को फिर से प्राप्त करने के लिए लड़ रहा है इस ताल
से स्थानीय लोगो की जिन्दगी चलती है लेकिन इस ताल पर दबंगो द्वारा लगातार कब्जा
होने से यह ताल भी सिकुड़ता जा रहा है | अगर इस ताल का
सुन्दरीकरण करा दिया जाए तो इस जनपद के लिए यह एक पिकनिक सपाट बन सकता है |
46 लाख से अधिक आबादी वाले इस जिले में 70% से अधिक
लोग गाँव में रहते है बाकि 30% लोग
शहर व कस्बे में रहते है दिन बी दिन यहाँ का जलस्तर घटता जा रहा है जबकि यहाँ 400
सरकारी नलकूप - 214835 निजी नलकूप -- 73188निजी
बोरिंग करीब 65 हजार इण्डिया मार्का हैण्ड पम्प
व 95 हजार देशी हैण्ड पम्प से निरंतर
भूजल का दोहन हो रहा है | इसके साथ ही जिले में 2833 पक्के
कुए - 3 हजार से अधिक तलब पोखरे है
लेकिन शासन - प्रशासन की अनदेखी के कारन इन तलब ताल पोखरों पर लगातार कब्जा होता
चला जा रहा है और हमारे जल संरक्षण की समस्या बढती जा रही है जिले के प्राकृतिक
संसाधन यहाँ के प्रशासन केउपेक्षा शिकार बना हुआ है | लखराव
पोखरा संघर्ष समिति मेहनगर के सयोजक महेंद्र मौर्य ने कहा की पुरे जनपद में कुछ
ऐतिहासिक महत्व वाले पोखरे है खासतौर पे मेहनगर में 46 पोखरे
है इनमे महत्वपूर्ण हरीबांध पोखरा इस पोखरे लोनी नदी निकलती है , रानी
सागर पोखरा , महामंडलेश्वर - ( मधिलाहा ) लखराव पोखरा जिसके बारे
में कहा जाता है की इसमें पानी पातळ से आता है कभी इस पोखरे के पानी से घर का पूरा
खाना बनता था साथ में बाजार की मिठाईया भी लेकिन आज मेहनगर के इन ऐतिहासिक पोखरों
के साथ ही ऐतिहासिक अवंतिकापुरी का पूरा
अस्तित्व शासन - प्रशासन की अनदेखी के
कारण खतरे में है |
वहीं दूसरी कडी में सामाजिक कार्यकर्ता शिवम यादव ने इसे प्रशासनिक
लापरवाही बताया और इसकी घोर निंदा किया साथ ही साथ
जिला प्रशासन को चेतावनी दिया की इस मामले की जाँच दस दिन में करके प्रशासन उचित कार्रवाई करें वरना हम ग्रामीण
दोबारा सडक पर उतरने को बाध्य होंगे जिसका जिम्मेदार खुद शासन
होगा |
मौन जलूस रामजन्म , वीरेन्द्र राम धर्मेन्द्र मौर्य ,
न्रेंद्र्भादुर यादव , जगमोहन यादव , मनोज कुमार मो नेहाल , राजकुमार बाबा ,
कव्ल्धारी यादव , अनुज् यादव हरेन्द्र चौहान , रमाशंकर पाल , दीपचन्द्र मौर्य ,
सूरत राम , राज कुमार यादव , विश्वनाथ यादव दीना यादव के साथ सैकड़ो आमजन इस जलूस
को अपना समर्थन दिए |
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