बाराबंकी. मनुष्यता ही मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है मनुष्यता का अभाव सत्ता के शिखर पर बैठे हुए राजनीतज्ञों में है जिस कारण से सामाजिक व्यवस्था नष्ट हो रही है.
यह उद्गार व्यक्त करते हुए लोकसंघर्ष पत्रिका द्वारा आयोजित महंत गुरुशरण दास श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए जनसन्देश टाइम्स के संपादक डॉ सुभाष राय ने कहा कि जब मनुष्य को मनुष्य नहीं माना जा रहा था तब जगजीवन दास साहेब ने सतनाम संप्रदाय की स्थापना कर सभी जातियों और धर्मों के लोगों को मनुष्यता के रास्ते पर चलने की राह दिखाई थी और उसी संप्रदाय के प्रथम पावा कमोलीधाम के महंत गुरुशरण दास जी थे. जिनका इस देश के अन्दर सामाजिक एकरूपता को बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान था.
जनपद के सुप्रसिद्द साहित्यकार डॉ श्यामसुन्दर दीक्षित ने कहा कि देश और प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम एकता का जो वटवृक्ष चला आ रहा था उसको नया जीवन प्रदान करने में महंत जी की प्रमुख भूमिका रही है. जनेस्मा के प्रोफेसर डॉ राजेश मल्ल ने कहा कि सतनाम संप्रदाय ने विश्व भर में एकता का सन्देश दिया था जो आज भी प्रासंगिक है. पत्रकार तारिक खान ने कहा कि महंत जी इस जनपद के गौरव थे और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया. गाँधी ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि महात्मा गाँधी के रास्ते पर चलकर ही इस देश को बचाए और बनाये रखा जा सकता है. जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बृजेश दीक्षित ने कहा कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था के निंदक भी ब्राह्मणवादी जीवन जीना चाहते हैं इस विसंगति को दूर किया जाना चाहिए.
अध्यक्षीय भाषण देते हुए सुप्रसिद्ध कहानीकार शिवमूर्ति ने कहा कि साहित्य में
सतनाम साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान है और हिंदी साहित्य में सतनाम
संप्रदाय के सन्तों ने जो रचनाएं लिखी हैं उन रचनाओं ने हिंदी साहित्य को
समृद्ध किया है.
श्रद्धांजलि सभा को विनय दास, रणधीर सिंह सुमन, बाबा पत्रकार, बृजमोहन वर्मा, हिसाल बारी किदवई, अजय गुरूजी, श्रवण कुमार, जिला टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुमार वैश्य, निशांत द्विवेदी, महंत हरिशरण दास, डॉ एस एम हैदर आदि लोगों ने सभा को संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन विभव मिश्र एडवोकेट ने किया.
श्रद्धांजलि सभा में सुरेन्द्र प्रताप सिंह 'बब्बन', प्रदीप सिंह एडवोकेट, पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, भूपिंदर पल सिंह 'शैंकी', अजीत सिंह, शिव दर्शन वर्मा, अमर प्रताप सिंह, गिरीश चन्द्र, डॉ कौसर हुसैन, मो. कदीर, आलम, राहुल दास, अमर सिंह प्रधान, राम नरेश वर्मा, विनोद तिवारी, अवधेश यादव, प्रत्युष कान्त शुक्ला नीरज वर्मा, सीताकान्त शुक्ला, आशीष कुमार, विनय कुमार सिंह व संत शरण दास एडवोकेट आदि प्रमुख लोग थे.
3 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (02-10-2018) को "जय जवान-जय किसान" (चर्चा अंक-3112) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय संपादक महोदय
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