रविवार, 20 नवंबर 2022
Canis lupus familiaris
विश्वास का संकट
पूंजीवादी व्यवस्था में सबसे बड़ा संकट है-विश्वास का संकट है। मालिक हर तरफ लूट - खसोट करता रहता है। लेकिन उसे अपनी लूट खसोट को बनाए रखने के लिए चाहिए कुत्ते से ज्यादा वफादार चापलूस कुत्ते।
जब उसे शेयर होल्डर में कुछ वफादार कुत्तों को चुनने का समय आया तो बड़ी आसानी से उसने कुछ वफादार कुत्तों को चुन लिया।
उन चुनें हुए वफादार कुत्तों में उसे मात्र तीन कुत्तों को चुनने का वक्त आया तो उसका विश्वास डगमगा गया और वह चयन नहीं कर पायाऔर हताश निराश होकर चुपचाप बैठ गया। कंपनी डूबने लगी।
यह है - पूंजीवाद का संकट
विश्वास का संकट
या यूं कहे
किस पर करुं यकीन
पूंजीपतियों का काम तो विश्वास के संकट के साथ भी चल जाता है, आखिर हड्डी उनके हाथ में है, कुत्ता उसके लिए आयेगा ही। पर पूंजीवाद विरोधी जब इस विश्वास के संकट के शिकार हो जाएं तो पूरी तरह बरबाद होते हैं।
पिया मोर आधंर
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1 टिप्पणी:
पूंजीपतियों का काम तो विश्वास के संकट के साथ भी चल जाता है, आखिर हड्डी उनके हाथ में है, कुत्ता उसके लिए आयेगा ही। पर पूंजीवाद विरोधी जब इस विश्वास के संकट के शिकार हो जाएं तो पूरी तरह बरबाद होते हैं।
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