मंगलवार, 24 सितंबर 2024
शहीद स्मारक को राजनैतिक हस्ती के नाम से जोड़ना शहीदों के बलिदान का अपमान-पी एल पुनिया
शहीद स्मारक को राजनैतिक हस्ती के नाम से जोड़ना शहीदों के बलिदान का अपमान
विजय उद्यान एक शहीद स्थल है जो विशेष रूप से उन वीर जवानों की स्मृति में बनाया गया था जिन्होने देश के लिये अपने प्राणों की आहूति दी थी ऐसे स्थान पर किसी राजनैतिक विचारधारा से जुड़े व्यक्ति की मूर्ति का अनवारण करना शहीदों के बलिदान की भावना को ठेस पहुंचाने वाला है यदि किसी राजनैतिक व्यक्ति की मूर्ति का अनावरण करना ही था तो इसके लिये उपयुक्त स्थान चुना जाना चाहिये था। विजय उद्यान जैसे स्थल जो शहीदों के सम्मान के लिये समर्पित है यह स्थान प0 दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के अनावरण के लिये किसी तरह उपयुक्त नही है अच्छा होता यदि इस विजय उद्यान में सरकार और प्रशासन वीरांगना उदा देवी जिनके नाम से अंग्रेज कांपते थे आज उनकी मूर्ति का अनावरण करती तो यह देश और समाज के लिये गौरव की बात होती।
उक्त प्रतिक्रिया पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन डा0 पी0एल0 पुनिया ने आज स्थानीय कचेहरी के समीप स्थित विजय उद्यान शहीद स्मारक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प0 दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के अनावरण पर की गयी।
पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने कहा कि भाजपा का आजादी और उसमें शहीद हुये लाखो जवानो से कोई लेना देना नही है एक शहीद स्मारक में राजनैतिक व्यक्ति की मूर्ति का अनावरण सरकार एवं प्रशासन का असंवेदनशील कदम है अगर यही कार्य किसी अन्य जगह या पार्क में किया जाता और वहाँ पर प0 दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण होता तो वह सरकार एवं प्रशासन का स्वागत योग्य कदम होता।
श्री पुनिया ने कहा कि, आज बाराबंकी जनपद के नागरिक भी सरकार और प्रशासन के इस निर्णय से आहत होंगे क्योंकि इस शहीद स्मारक को राजनैतिक हस्ती के नाम से जोड़ना शहीदों के बलिदान का अपमान है यह स्थान शहीदों की स्मृति के सम्मान का है इसे किसी राजनैतिक विचारधारा के प्रतीक के रूप में स्थापित करना सही नहीं है शहीदों का बलिदान हम सबके लिये प्रेरणा का स्त्रोत रहा है अैर ऐसे स्थानों की पहचान बदलने की कोशिश एक एैसा गम्भीर अपराध है जिसकेे लिये समाज कभी माफ नही करेगा।
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