सोमवार, 14 अक्तूबर 2024

क्या मूर्ति विसर्जन ऐसे होता है - अखिलेश यादव

वहीं एक युवक को गोली लग गई और बाद में उसकी मौत हो गई। देखने पर तो ये सभी मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे, ऐसे होता है विसर्जन? ये सब पुलिस के सामने हो रहे थे? प्रोडक्शन का मामला पूरी तरह से साई फेल्योर, पुलिस फेल्योर, भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्यलोभी कुकृत्य का परिणाम है जिसमें आम आदमी निरंजन शिकार बन रहे हैं। राक्षस ख़राब नहीं हो रहा बल्कि जा रहा है। कल तक बीजेपी ने ये सब कार्य सत्ता प्राप्ति के लिए नामांकन में होने वाली विशेष पार्टी को बदनाम करने के लिए किया था और आज वही काम सामाजिक विभाजन के लिए जो कि ध्रुवीकरण करने का अवसर मिले और कुर्सी बचा सके के लिए कर रही है? इस मामले को हिंदू- मुस्लिम पक्ष से देखने के बजाय भाजपाई सत्यभी साजिश के एंगल से देखें, यही सत्य है।

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