सोमवार, 2 दिसंबर 2024

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उ प्र का पांचवा प्रांतीय सम्मेलन

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उ प्र का पांचवा प्रांतीय सम्मेलन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का उत्तर प्रदेश का पांचवा प्रांतीय सम्मेलन 18 से 22 अप्रैल 1959 को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ की मशहूर कैसरबाग स्थित सफ़ेद बारादरी में संपन्न हुआ था। सम्मेलन का उदघाटन का. एके गोपालन ने किया और सम्मेलन में का. बीटी रणदिवे एक दिन चर्चा के दौरान मौजूद रहे। यह सम्मेलन, फ़ैज़ाबाद में हुए चौथे सम्मेलन के बाद पार्टी के विकास को दर्शा रहा था। सम्मेलन में पिछले सम्मेलन के मुकाबले सदस्यता में तीन गुना वृद्धि हो चुकी थी। लगभग 15000 सदस्य पूरे प्रदेश में थे। सम्मेलन में राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट कामरेड कालीशंकर शुक्ला ने रखी। प्रदेश भर से 343 चुने हुए प्रतिनिधियों में से 323 प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। इसके अतिरिक्त लगभग 250 पर्यवेक्षक भी जिलों से सम्मेलन में आमंत्रित किये गये थे। कामरेड शंकरदयाल तिवारी और कामरेड जय बहादुर सिंह ने किसान मोर्चे और कामरेड राम आसरे ने मजदूर मोर्चे की रिपोर्ट रखी। सम्मेलन में 101 सदस्यों की नई जनरल काउंसिल का चुनाव हुआ। (काउंसिल का नियम इसी वर्ष से शुरू हुआ) जो कि प्रदेश के 51 जिलों में से 48 जिलों का प्रतिनिधित्व कर रही थी। काउंसिल ने 25 सदस्यीय राज्य कमेटी का चुनाव किया, जिस ने कामरेड कालीशंकर शुक्ल को नया राज्य सचिव चुना। कमेटी में कामरेड शंकरदयाल तिवारी, कामरेड शिवकुमार मिश्रा, कामरेड जय बहादुर सिंह, कामरेड रमेश सिन्हा, कामरेड राम आसरे, कामरेड संत सिंह युसुफ, कामरेड हरीश तिवारी, कामरेड झारखंडे राय, कामरेड सरजू पाण्डे, कामरेड शिव वर्मा, कामरेड अशोक बोस, कामरेड मोहनलाल शुक्ला, कामरेड रवि सिन्हा, कामरेड चंद्रशेखर, कामरेड शांति त्यागी, कामरेड राम नरायन उपाध्याय, कामरेड जगदीश पाठक, कामरेड धर्मदेव लाल, कामरेड चंद्रजीत यादव, कामरेड राम सुमेर यादव, कामरेड प्रताप कुमार टंडन, कामरेड रूस्तम सैटिन, कामरेड सुनील दास गुप्ता, कामरेड मुंशी गजाधर सिंह शामिल थे। सम्मेलन को लेकर लखनऊ शहर में व्यापक तैयारियां की गयीं थीं। 2000 से अधिक सदस्यों की स्वागत समिति बनायी गयी थी, जिसमें लखनऊ के मजदूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी, डाक्टर, वकील, लेखक, कथाकार व नागरिक वर्गों के अन्य लोग शामिल थे। सम्मेलन के अवसर पर एक विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। 20 अप्रैल को कवि सम्मेलन, 22 अप्रैल को बड़ा मुशायरा, 21 अप्रैल को नाटक व प्रहसनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कामरेड शिव वर्मा की देखरेख में राष्ट्रीय आंदोलन पर एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी। सांस्कृतिक कमेटी के प्रमुख कामरेड सज्जाद जहीर थे। मुशायरा कमेटी की प्रमुख कामरेड रजिया सज्जाद जहीर थीं। सफेद बारादरी के पास ही पार्क में मज़ाज लखनवी के नाम पर नगर बनाया गया था। जहां उपरोक्त सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। अनुमान है कि सभी कार्यक्रमों को लगभग 50 से 60 हजार जनता में देखा।

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