बुधवार, 5 मार्च 2025
आलमगीर जिदापीर औरंगज़ेब ने लिखा था - बाबाजी धुन- धुन
आलमगीर जिदापीर औरंगज़ेब ने लिखा था - बाबाजी धुन- धुन
औरंगज़ेब को लेकर महाराष्ट्र से लेकर उ प्र में वाकयुद्ध चल रहा है। एक तरफ फर्जी किस्से लिखने वाले तो दूसरी इतिहास का आधार बनाकर कहने वाले लोग हैं।हर शासक विरोधियों के लिए जल्लाद होता है और अपना चेहरा मानवीय दिखाने की कोशिश करता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी चेहरा मानवीय है लेकिन कार्य नर्क के सिपाही के है। जब भाषण देते हैं तब अपने मुंह से अपनी बड़ाई करते रहते हैं। इतिहास में दर्ज तथ्यों को नष्ट नहीं कर पा रहे हो। उसको तोड़ फोड कर पेश कर रहे हो।
हम औरंगज़ेब को कोई प्रमाणपत्र नहीं दे रहे हैं अन्य शासकों की तरफ वह भी शासक था राज सत्ता को बनाए और बचाएं रखने के लिए हर कार्य करने के लिए तैयार रहता था जिससे सत्ता बनी रहे।
वर्तमान समय में सदस्यों की खरीद फरोख्त से लेकर चुनाव में धांधली तक क्या है? कुर्सी बचाने के लिए कौन सा कुकर्म नहीं हो रहा है।
सत्ता बचाने के लिए हिन्दू मुस्लिम कुछ नहीं होता है औरंगज़ेब ने अपनी सेना में राजपूत कुलीन मिर्ज़ा राजा जय सिंह को सेनापति बना रखा था
औरंगजेब जो दो हिंदू बीवियां थीं, उनके नाम थे नवाब बाई और उदैपुरी. ये दोनों अपने पति औरंगजेब से बेहद प्रेम करती थीं.
औरंगजेब की हिंदू पत्नी उदैपुरी ने उसकी मौत के बाद सती होने की इच्छा जताई थी. मुगल बादशाह ने अपने बेटे काम बख्श को लिखे खत में इस बात का खुलासा किया था. संयोग की बात है कि उदैपुरी ने 1707 में औरंगजेब की मौत के कुछ महीने बाद ही दम तोड़ दिया था.
ट्रस्चके लिखती हैं कि औरंगज़ेब को एक कच्ची कब्र में ख़ुलदाबाद, महाराष्ट्र में दफ़न किया गया, जबकि इसके ठीक विपरीत हुमांयू के लिए दिल्ली में लाल पत्थर का मक़बरा बनवाया गया और शाहजहाँ को आलीशान ताजमहल में दफ़नाया गया.
उनके अनुसार 'ये ग़लतफ़हमी है कि औरंगज़ेब ने हज़ारों हिंदू मंदिरों को तोड़ा. ज्यादा से ज़्यादा कुछ दर्जन मंदिर ही उनके सीधे आदेश से तोड़े गए. उनके शासनकाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे हिंदुओं का नरसंहार कहा जा सके. वास्तव में औरंगज़ेब ने अपनी सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर हिंदुओं को आसीन किया.'
औरंगज़ेब दूरदर्शी शासक था उसने *बाबाजी धुन- धुन* पहले ही लिख दिया था।
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