बुधवार, 5 मार्च 2025

हे रूद्राणी,हे बृम्हाणी-आलोक तिवारी

इमरजेंसी, हे रूद्राणी,हे बृम्हाणी, अगर इंदिरा जी को उपरोक्त शब्दों से अलंकृत करने में किसी को दिक्कत है तो ये उसकी धार्मिक विषयों में अज्ञानता है और वो पत्थरों में शक्ति तलाश करता है दिमाग में पत्थर लिये। ये फोटो गौर से देखें और इंदिरा जी के चेहरे पर स्वतंत्रता के भाव और भला ये फोटो अमरीकी यहूदी पूंजीवाद को भला कहां से अच्छी लगेगी। बैंकों के राष्ट्रीयकरण करने से इंदिरा जी ने फेडरल बैंक के गुलाम रिचर्ड निक्सन के पैरों तले से गलीचा खींचकर गिरा दिया था और उसके स्थानीय दूत मोरारजी देसाई को किनारे कर दिया जो कहता था कि ये लड़की ( इंदिरा जी) मानने को तैयार नहीं है। अमरीका पाकिस्तान के साथ पूरी तरह खड़ा था और इंदिरा जी हाथ में खड्ग लिये पाकिस्तान को काटने पर आमादा थीं। अमरीका में निक्सन को लताड़ने के बाद एक जनसभा में कहा था कि, अभी वो भारत की नारियों को नहीं जानते और हम बहुत पुरानी सभ्यता हैं और सभ्यता के इतिहास के अध्ययन में उनके पिता उनके टीचर थे और उनको याद था कि आइजनहावर के समय जब वो अपने पिता के साथ अमरीका गयीं थीं तब निक्सन बहैसियत उपराष्ट्रपति एयरपोर्ट पर उनको लेने आया था। इंदिरा जी आगे कहती हैं कि हम भारतीय स्वतंत्रता पर गर्व करते हैं जो विश्व की सबसे बड़ी घटना थी और वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं और अमरीकी अश्वेत लेखक डिबोई ने कहा था कि भारत की स्वतंत्रता ब्रिटेन में लोकतंत्र की स्थापना, अमरीका में दासता का अंत तथा सोवियत क्रांति से ज्यादा महत्वपूर्ण थी। इंदिरा जी आगे कहती हैं कि हम दूसरे गरीब गुलाम देशों की स्वतंत्रता के साथ खड़े हैं और यासिर अराफात वहीं शख़्स है जिनकी जमीन अमरीकी यहूदी पूंजीवाद खाता चला जा रहा है। इंदिरा जी फिल्म लीडर का गीत याद करते हुए कहा कि कहा कि समय आया तो हम सर भी देंगे ( सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं) । इंदिरा जी आगे कहती हैं कि ठीक है हमारे पास यूरोपीय देशों की तरह अच्छे हथियार नहीं हैं और माडर्न सेना नहीं है लेकिन हमारे पास आत्मा है और सबसे महत्वपूर्ण चीज आत्मा ही है जो आज हमारे वर्तमान देश के नायक के पास नहीं है और अमरीकी पूंजीवाद के सामने व्हाइट हाउस के भीतर घिग्घी बांधे बैठा रहा जिस व्हाइट हाउस की व्हाइटनेस को इंदिरा जी ने काला कर दिया था। फिर कुछ दिनों बाद नौबत आ भी गयी और इंदिरा जी ने ललकार दिया कि वो सातवां नहीं सत्रहवां बेड़ा भी भेज दें हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। सिनेमा की दम पर इंदिरा जी के रौद्र पर कालिमा डालने वालों तुम कायरों इमरजेंसी में इंदिरा जी से माफी मांग चुके हो।

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