गुरुवार, 28 अगस्त 2025

उ प्र और दिल्ली के अधिवक्ताओं में अंतर जिस बात के लिए दिल्ली में हड़ताल है वह उ प्र में लागू है।

उ प्र और दिल्ली के अधिवक्ताओं में अंतर जिस बात के लिए दिल्ली में हड़ताल है वह उ प्र में लागू है। दिल्ली की अदालतों मे 28 अगस्त को भी काम ठप रहेगा. छठे दिन वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी. दिल्ली एलजी के नोटिफिकेशन का वकील विरोध कर रहे हैं जिसमें पुलिस को थानों से अदालतों में सबूत पेश करने की इजाजत दी गई है. दिल्ली बार एसोसिएशन ने बुधवार (27 अगस्त) को एक नोटिस जारी करते हुए हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है. इसमें कहा गया है कि कोई भी वकील न तो कोर्ट में फिजिकल या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में भाग लेंगे. अध्यादेश पूरी तरह से गैरकानूनी- दिल्ली बार एसोसिएशन दिल्ली बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी तरुण राणा ने बुधवार को कहा कि अध्यादेश बिल्कुल गैरकानूनी और जनविरोधी अध्यादेश है. किसी भी तरीके से हम इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. ये फेयर और फ्री ट्रायल के कॉन्सेप्ट के खिलाफ है. 'आने वाली पीढ़ी के लिए वकीलों की लड़ाई' इसके आगे उन्होंने कहा कि आश्वासन तो बहुत आए. लेकिन हमने ये ठानी है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा. जब तक इस अध्यादेश को रोका नहीं जाता है, हमारी हड़ताल नहीं रुकेगी. 15 जुलाई 2024 को भारत सरकार के गृह सचिव का जो सर्कुलर है, हम चाहते हैं कि अक्षरशः उसी का पालन हो. दिल्ली के वकीलों की लड़ाई हर उस व्यक्ति के लिए है जिस पर क्रिमिनल केस चल रहा है. ये अध्यादेश उन्हें संविधान से मिलने वाले मौलिक अधिकारों का हनन है. ये जो लड़ाई दिल्ली के वकील लड़ रहे हैं वो आने वाली पीढ़ी के लिए है. 22 अगस्त से जारी है वकीलों की हड़ताल बता दें कि 22 अगस्त से दिल्ली के वकील पूरी तरह से काम से अनुपस्थित हैं. इससे पहले मंगलवार को तरुण राणा ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. राणा ने कहा था कि यह भी फैसला लिया गया है कि ईडी और सीबीआई की ओर से पेश होने वाले सरकारी अभियोजकों और नायब अदालतों सहित पुलिस अधिकारियों को भी अदालतों में पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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