रविवार, 14 दिसंबर 2025

हाय अल्ला संघी सिर्फ दरी बिछाता है

कांग्रेस का जादू देखो संघी दरी बिछाएगा कांग्रेसी अध्यक्ष बन हुक्म चलाएगा -हाय अल्ला संघी सिर्फ दरी बिछाता है

शनिवार, 13 दिसंबर 2025

केरल में भाजपा का जादू

भाजपा ने राजधानी तिरुवनंतपुरम की नगर निगम पर कब्जा किया केरल विधानसभा चुनाव से पहले, तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव में भाजपा ने बड़ा उलटफेर किया है। भाजपा और राजग ने 45 वर्षों से वामपंथी दलों के वर्चस्व को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने इसे ऐतिहासिक पल बताया। भाजपा को विभिन्न समुदायों का समर्थन मिला, जिससे राज्य की राजनीति में बदलाव की लहर देखी जा रही है। । इसके अलावा पार्टी को कुछ नगरपालिकाओं और पंचायतों में भी सफलता मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव में भाजपा-नीत राजग को मिले जनादेश को केरल की राजनीति का ऐतिहासिक क्षण बताया और शानदार नतीजों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। केरल में अगले साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पंचायत से लेकर नगर निगम तक हुए ये चुनाव राज्य की भावी राजनीति का संकेत माने जा रहे थे। नतीजों से राज्य में बदलाव की लहर दिखाई दी है और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ कई स्तरों पर एलडीएफ पर भारी पड़ा है। इसी बीच सबसे कम आंके जा रहे भाजपा-नीत राजग ने सबको चौंका दिया है। राज्य के इतिहास में अब तक एक विधानसभा सीट और पिछले लोकसभा चुनाव में एक लोकसभा सीट को अपवाद माना जाता रहा है। इन नतीजों ने इस धारणा को तोड़ते हुए स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में भाजपा का गठबंधन राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगा। भाजपा का यह उभार माकपा और वामपंथी दलों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। केरल देश का इकलौता राज्य है जहां वामपंथ सत्ता में है। भाजपा-नीत राजग ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में जीत दर्ज कर वामपंथ के 45 वर्षों के वर्चस्व को खत्म कर दिया है। खास बात यह है कि राज्य में भाजपा और राजग को मिली सफलता ने कांग्रेस से ज्यादा वामपंथी दलों को नुकसान पहुंचाया है। भाजपा ने वामपंथी दलों के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों में बड़ी सेंध लगाई है। उसे हिंदू समुदाय के साथ-साथ ईसाई समुदाय का भी समर्थन मिला है। तिरुवनंतपुरम में भाजपा के पास अब 50 सीटें 101 सदस्यीय तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा के पास अब 50 सीटें, लेफ्ट फ्रंट के पास 26 सीटें और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के पास 16 सीटें हैं। बता दें कि निवर्तमान तिरुवनंतपुरम नगर निगम में लेफ्ट फ्रंट के पास 51 सीटें थीं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 35 सीटें थीं। शेष सीटें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास थीं। --- राज्य की पहली महिला डीजीपी श्रीलेखा की जीत से भाजपा को बढ़त केरल की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहीं आर श्रीलेखा की जीत इस चुनाव की सबसे चर्चित उपलब्धियों में रही। उन्होंने सस्थामंगलम वार्ड से भाजपा की उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। उनकी सफलता को राजधानी तिरुवनंतपुरम में वाम मोर्चे को सत्ता से बाहर करने की दिशा में एक प्रतीकात्मक और मजबूत बढ़त के रूप में देखा जा रहा है। श्रीलेखा इसी वर्ष भाजपा में शामिल हुई थीं। उनका सक्रिय राजनीति में आना और सीधे नगर निगम चुनाव लड़ना राजनीतिक हलकों में चौंकाने वाला कदम माना गया। ईमानदारी, पेशेवर कार्यशैली और सुधारवादी छवि के लिए पहचानी जाने वाली श्रीलेखा का पुलिस सेवा करियर लंबा और प्रतिष्ठित रहा है। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्हें इस साल की शुरुआत में भाजपा की राज्य उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। पुलिस सेवा से पहले श्रीलेखा ने कुछ समय तक लेक्चरर के रूप में काम किया और बाद में भारतीय रिजर्व बैंक में सेवाएं दीं। उन्होंने 1986 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं। --- तिरुवनंतपुरम में जीत ऐतिहासिक क्षण : मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को विजयी बनाने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि लोगों को यकीन है कि राज्य की विकास की आकांक्षाओं को राजग ही पूरा कर सकता है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में इस जीत को ऐतिहासिक क्षण करार दिया। उन्होंने कहा, पूरे केरल के लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी और राजग उम्मीदवारों को वोट दिया। केरल यूडीएफ और एलडीएफ से तंग आ चुका है। वे राजग को एकमात्र विकल्प के रूप में देखते हैं, जो सुशासन दे सकता है और सभी के लिए अवसरों के साथ विकसित बना सकता है। धन्यवाद तिरुवनंतपुरम! नए अध्याय की शुरुआत : राजनाथ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने कहा, तिरुवनंतपुरम ने उम्मीद और विश्वास के साथ अपनी बात रखी है और नगर निगम में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के जरिए एक नए अध्याय की शुरुआत की है। यह बदलाव, विकास और स्वच्छ शासन के समर्थन का स्पष्ट संदेश है। उन्होंने कहा, मैं हमारे कार्यकर्ताओं और भाजपा की केरल इकाई को बधाई देता हूं और तिरुवनंतपुरम के लोगों का उनके विश्वास और स्नेह के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर भाजपा की केरल इकाई विनम्रता और समर्पण के साथ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और विकास व भरोसे पर आधारित भविष्य के निर्माण के लिए काम करेगी। शशि थरूर ने भाजपा को बधाई दी तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, नतीजे शानदार रहे। जनादेश साफ है और राज्य की लोकतांत्रिक भावना साफ झलकती है। पूरे राज्य में प्रभावशाली जीत के लिए यूडीएफ को हार्दिक बधाई। मैं तिरुवनंतपुरम में भाजपा के ऐतिहासिक प्रदर्शन को भी स्वीकार करता हूं और नगर निगम में उनकी अहम जीत पर बधाई देता हूं। यह राजधानी की राजनीति में एक उल्लेखनीय बदलाव है। उन्होंने कहा, मैंने 45 वर्षों के वाम मोर्चे के कुशासन के खिलाफ बदलाव के लिए अभियान चलाया था, लेकिन मतदाताओं ने एक और पार्टी को चुना, जो शासन में बदलाव चाहती थी। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। जनता के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। कोट::: तिरुवनंतपुरम नगर निगम में हमने पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। सीपीएम के खराब प्रदर्शन की वजह उनके खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर है। उनकी नीतियां ऐसी हैं कि वे पूरी तरह केंद्र सरकार का समर्थन कर रहे हैं। मुझे लगता है कि कुछ जगहों पर उनके कैडर ने भाजपा को वोट दिया, इसलिए ऐसे नतीजे आए। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। - केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस महासचिव कोट::: एलडीएफ को अपेक्षित नतीजे नहीं मिल पाए। हम पूरे राज्य में मजबूत जीत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके कारणों की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। तिरुवनंतपुरम में एनडीए की बढ़त और चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिकता का असर, धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वालों के लिए चिंता का विषय है। - पिनराई विजयन, मुख्यमंत्री, केरल कोट::: स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे पार्टी के लिए एक अप्रत्याशित झटका हैं। सबसे पहले हम परिणामों का आकलन करेंगे और सुधारात्मक कदम उठाएंगे। एलडीएफ को पहले भी चुनावी झटकों से उबरने का अनुभव रहा है और इस बार भी जरूरी सुधार कर आगे बढ़ेंगे। - एमवी गोविंदन, सीपीआई(एम) नेता --- त्रिशूर में भाजपा की मुस्लिम उम्मीदवार ने कांग्रेस से सीट छीनी केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों के बीच त्रिशूर नगर निगम के कन्ननकुलंगरा वार्ड से भाजपा को अहम जीत मिली है। हिंदू बहुल इस वार्ड में भाजपा की मुस्लिम उम्मीदवार मुमताज ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर सीट अपने नाम की है। इस परिणाम को निगम में भाजपा की रणनीतिक बढ़त और बदलते सामाजिक समीकरणों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। मुमताज की जीत इसलिए भी चर्चा में रही, क्योंकि वह इस चुनाव में त्रिशूर से भाजपा की एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार थीं। मुमताज पिछले आठ वर्षों से भाजपा से जुड़ी हुई हैं और उनके परिवार का भी पार्टी से पुराना नाता रहा है। मुमताज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की सोच से प्रेरित होकर वह भाजपा से जुड़ीं।

माफी वीर सावरकर क्या कह रहे हैं

माफी वीर सावरकर क्या कह रहे हैं

शुक्रवार, 12 दिसंबर 2025

पूर्व कम्युनिस्टों द्वारा वामपंथ के गड़े मुर्दे उखाड़ कर गंध फैलाई जा रही है-दुर्गंध

इन दिनों जब पूर्व कम्युनिस्टों द्वारा वामपंथ के गड़े मुर्दे उखाड़ कर गंध फैलाई जा रही है, तब याद आ रहे हैं, एरिक हॉब्सबाम. इतिहासकार हॉब्सबाम और कम्युनिस्ट पार्टी. प्रख्यात इतिहासकार एरिक हॉब्सबाम से अक्सर यह सवाल पूछा जाता था कि बहुत से बुद्धिजीवियों ने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता छोड़ दी, लेकिन आप इतने लम्बे समय तक पार्टी के सदस्य क्यों बने रहे? हॉब्सबाम ने अपनी आत्मकथा 'इंट्रेस्टिंग टाइम्स' में इस प्रश्न का जवाब कुछ इस तरह दिया है : " मैं पार्टी छोड़ने वाले उन भूतपूर्व कम्युनिस्टों की पांत में नहीं खड़ा होना चाहता था, जिनको तब तक चैन नहीं थी जब तक वे' 'दि गॉड दैट फेल्ड' को शैतान (satan) न सिद्ध कर दें. मैंने पार्टी सदस्यता एक यूरोपीय के रुप में फासिज्म के विरुद्ध संघर्ष के साथ विश्वक्रांति के सपने के साथ ली थी. ब्रिटेन में पला बढ़ा कोई भी कम्युनिस्ट सेंट्रल यूरोपियन कम्युनिस्ट की उस भावना को नहीं समझ सकता जिसने आकाश को फटते और जमीन को दरकते देखा और महसूस किया था. 1936 में जब मैंने पार्टी सदस्यता ग्रहण की थी वह दौर फ़ासिस्ट विरोधी एकता और युनाइटेड फ्रंट का था. यह मेरी सोच की नियामक धुरी आज भी है. मैं सोवियत संघ के प्रति जितना भी शंकालु और आलोचनात्मक होऊं, मेरी नाल विश्वक्रांति के स्वप्न और अक्टूबर क्रांति के मूल स्थान से अटूट रुप से जुड़ी हुई है. मेरे जैसा व्यक्ति जहाँ से आया था और जब उसने पार्टी सदस्यता ग्रहण की थी , उसके लिए पार्टी सदस्यता छोड़ना उतना आसान नहीं था, जितना उन लोगों के लिए जो कहीं और के थे और बाद में पार्टी सदस्य बने. यही कारण था कि मैं बाद तक पार्टी सदस्य बना रहा. किसी ने मुझे बाहर नहीं निकाला और मेरे स्वयं के पास पार्टी छोड़ने के पर्याप्त कारण नहीं थे." " यहाँ मैं उस भावनात्मक गर्व को नहीं भूलना चाहता. संदेह नहीं कि पार्टी सदस्यता छोड़ने पर मेरे कैरियर के अवसर बेहतर हो जाते, अमेरिका तक में भी. धीरे से मेरा निकल जाना आसान होता. लेकिन मुझे खुद को खुद के लिए एक जाने माने कम्युनिस्ट होने की पहचान के साथ शीतयुद्ध के उस दौर अपने को सफल सिद्ध करना था. मैं इस तरह के अहम् का पक्षकार न होकर भी इसकी ताकत से इंकार नहीं कर सकता. यही कारण है कि मैं टिका रहा." -वीरेंद्र यादव

गुरुवार, 11 दिसंबर 2025

देश के नागरिकों के हालात बद से बदतर है वही इंडिको यात्री अर्थात मोदी के अंध भक्तों की चिंता में कलम घिस्सू परेशान है

देश के नागरिकों के हालात बद से बदतर है वही इंडिको यात्री अर्थात मोदी के अंध भक्तों की चिंता में कलम घिस्सू परेशान है देश के हालात देखें विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 भारत में टॉप 10% कमाने वालों को नेशनल इनकम का 58% मिलता है, और नीचे के आधे लोगों को 15%। लेटेस्ट वर्ल्ड इनइक्वालिटी रिपोर्ट 2026 के अनुसार, भारत में इनकम इनइक्वालिटी दुनिया में सबसे ज़्यादा है, जहाँ टॉप 10 परसेंट कमाने वालों के पास नेशनल इनकम का 58 परसेंट हिस्सा है, जबकि सबसे कम कमाने वाले 50 परसेंट लोगों को सिर्फ़ 15 परसेंट मिलता है। वर्ल्ड इनइक्वालिटी लैब द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वेल्थ इनइक्वालिटी और भी ज़्यादा है, जहाँ सबसे अमीर 10 परसेंट लोगों के पास कुल वेल्थ का लगभग 65 परसेंट और टॉप 1 परसेंट लोगों के पास लगभग 40 परसेंट है। पिछली वर्ल्ड इन-इक्वालिटी रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में टॉप 10 परसेंट लोगों के पास कुल नेशनल इनकम का 57 परसेंट हिस्सा था, जबकि 2021 में सबसे कम 50 परसेंट लोगों का हिस्सा 13 परसेंट था। इकोनॉमिस्ट जयति घोष और जोसेफ स्टिग्लिट्ज़ की लिखी रिपोर्ट में कहा गया है, "हर व्यक्ति की सालाना औसत इनकम लगभग 6,200 यूरो (PPP) है, और औसत दौलत लगभग 28,000 यूरो (PPP) है। महिलाओं की लेबर में हिस्सेदारी बहुत कम 15.7 परसेंट है, जिसमें पिछले दस सालों में कोई सुधार नहीं हुआ है। कुल मिलाकर, भारत में इनकम, दौलत और जेंडर के हिसाब से असमानता बहुत ज़्यादा है, जो इकोनॉमी में लगातार बने स्ट्रक्चरल बंटवारे को दिखाती है।" दुनिया भर में, दौलत अब तक के सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गई है, लेकिन अभी भी बहुत असमान रूप से बंटी हुई है, जिसमें टॉप 0.001 परसेंट लोग शामिल हैं। भारत में आय का हिस्सा: 1900-2024 70% 60% 50% आय में हिस्सेदारी (कुल %) 40% 30% 20% 10% 0% 1920 1940 1960 सर्वोत्तम 10% निचला 50% 1980 2000 1900 2020 मतलब: टॉप 10% इनकम शेयर 2024 में 58% के बराबर है। इनकम को पेंशन और अनएम्प्लॉयमेंट इंश्योरेंस सिस्टम के ऑपरेशन के बाद और इनकम टैक्स से पहले मापा जाता है। सोर्स और सीरीज़: WIR2026, WID WORLD/मेथडोलॉजी। असमानता का दृष्टिकोण-भारत आय संपत्ति समूह औसत आय (PPP €) कुल का हिस्सा (%) औसत संपत्ति (PPP €) कुल का हिस्सा (%) पूरा पॉप. 6.224 100% 28,141 100% निचले 50% 940 15% 1,801 6.4% मध्य 40% 4,247 27.3% 20,120 28.6% सर्वोत्तम 10% 35,901 57.7% 182,913 65% 140,649 22.6% 1,128,435 40.1% शीर्ष 1% मतलब: देश का ट्रांसपेरेंसी इंडेक्स 4/20 है। सभी वैल्यू पर कैपिटा (पूरी आबादी) लेवल पर अनुमानित हैं। सोर्स और सीरीज़: WIR2026 WID वर्ल्ड/मेथडोलॉजी। और बहुपक्षीयवाद का कमजोर होना, रिपोर्ट में कहा गया है। 60,000 से भी कम करोड़पति, जिनके पास पूरी दुनिया के निचले तबके के लोगों से तीन गुना ज़्यादा दौलत है। उनका हिस्सा 1995 में लगभग 4 परसेंट से लगातार बढ़कर आज 6 परसेंट से ज़्यादा हो गया है, और यह दुनिया भर में बढ़ती असमानताओं के बीच हुआ है। पोर्ट ने कहा कि दुनिया के टॉप 10 परसेंट लोगों के पास कुल दौलत का तीन-चौथाई हिस्सा है, जबकि सबसे नीचे के 50 परसेंट लोगों के पास सिर्फ़ 2 परसेंट है। "और ज़ूम करने पर, यह कंसंट्रेशन चौंकाने वाला हो जाता है। टॉप 1 परसेंट इसमें कहा गया है, "अकेले, मोटे तौर पर यूनाइटेड किंगडम की एडल्ट आबादी, दुनिया की 37 परसेंट दौलत पर कंट्रोल करती है। यह दुनिया की पूरी निचली आधी आबादी की दौलत से 18 गुना ज़्यादा है, जो चीन, भारत, यूनाइटेड स्टेट्स, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, ब्राज़ील और रूस की कुल एडल्ट आबादी जितना बड़ा ग्रुप है।" दस लाख में से टॉप एक के पास मिलकर दुनिया की 3 परसेंट दौलत है, जो दुनिया की आधी से ज़्यादा एडल्ट आबादी से ज़्यादा है। वर्ल्ड इनइक्वालिटी लैब के को-डायरेक्टर थॉमस पिकेटी ने कहा: "वर्ल्ड इनइक्वालिटी रिपोर्ट 2026 एक मुश्किल पॉलिटिकल समय पर आई है, लेकिन यह पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है। बराबरी की तरफ़ ऐतिहासिक कदम को जारी रखकर ही हम आने वाले दशकों की सोशल और क्लाइमेट चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।" 1980 और 2025 में ग्लोबल इनकम ग्रुप्स का ज्योग्राफिक ब्रेकडाउन देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 में, ग्लोबल एलीट नॉर्थ अमेरिका और ओशिनिया, यूरोप में कंसंट्रेटेड था। लैटिन अमेरिका में भी टॉप के पास कुछ प्रेजेंस थी, लेकिन चीन और इंडिया लगभग पूरी तरह से डिस्ट्रीब्यूशन के निचले आधे हिस्से तक ही लिमिटेड थे। इसमें कहा गया है, "उस समय, ग्लोबल एलीट में चीन की प्रेजेंस लगभग नहीं थी, जबकि इंडिया, एशिया आम तौर पर, और सब-सहारा अफ्रीका बहुत कम परसेंटाइल में कंसंट्रेटेड थे।" जेंडर के हिसाब से, सैलरी में अंतर सभी इलाकों में बना हुआ है, खासकर बिना पेमेंट वाले काम के लिए। बिना पेमेंट वाले काम को छोड़ दें, तो महिलाएं हर काम के घंटे में पुरुषों की कमाई का सिर्फ़ 61 परसेंट कमाती हैं; और जब बिना पेमेंट वाले काम को भी शामिल किया जाता है, तो यह आंकड़ा सिर्फ़ 32 परसेंट रह जाता है। इसमें कहा गया है, "दुनिया भर में, महिलाएं कुल लेबर इनकम का सिर्फ़ एक चौथाई से ज़्यादा हिस्सा लेती हैं, यह हिस्सा 1990 के बाद से मुश्किल से ही बदला है। जब इलाकों के हिसाब से एनालाइज़ किया जाता है, तो मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में, महिलाओं का हिस्सा सिर्फ़ 16 परसेंट है; साउथ और साउथईस्ट एशिया में यह 20 परसेंट है; सब-सहारा अफ्रीका में, 28 परसेंट; और ईस्ट एशिया में, 34 परसेंट है। यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और ओशिनिया, साथ ही रूस और सेंट्रल एशिया बेहतर परफॉर्म करते हैं, लेकिन महिलाएं अभी भी लेबर इनकम का सिर्फ़ लगभग 40 परसेंट ही हासिल कर पाती हैं।" रिपोर्ट में क्लाइमेट संकट पर भी ज़ोर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि दुनिया की आबादी का सबसे गरीब आधा हिस्सा प्राइवेट कैपिटल ओनरशिप से जुड़े कार्बन एमिशन का सिर्फ़ 3 परसेंट हिस्सा है, जबकि टॉप 10 परसेंट लोग 77 परसेंट एमिशन के लिए ज़िम्मेदार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अमीर 1 परसेंट लोग प्राइवेट कैपिटल ओनरशिप एमिशन का 41 परसेंट हिस्सा हैं, जो पूरे नीचे के 90 परसेंट लोगों के कुल एमिशन से लगभग दोगुना है। 2025 तक, चीन की स्थिति ऊपर की ओर खिसक जाएगी, और इसकी ज़्यादातर आबादी बीच के 40 परसेंट में आ जाएगी, और एक बढ़ता हुआ हिस्सा ऊपरी-बीच के हिस्सों में आ जाएगा। ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपनी जगह खो दी है: 1980 में, इसकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बीच के 40 परसेंट में था, लेकिन आज लगभग सभी नीचे के 50 परसेंट में हैं। सब-सहारा अफ्रीका भी ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन के निचले आधे हिस्से में ही बना हुआ है।

राजस्थान में किसानों पर लाठीचार्ज काफी किसान घायल पुलिस फायरिंग की आशंका संचार माध्यम ठप्प

राजस्थान में किसानों पर लाठीचार्ज काफी किसान घायल पुलिस फायरिंग की आशंका संचार माध्यम ठप्प हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर विवाद गहराया, कांग्रेस विधायक समेत 40 लोग हिरासत में लिए गए ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री को लेकर शुरू हुआ विरोध अब उग्र रूप ले चुका है। गुरुवार को किसान सभा में शामिल होने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। इसी दौरान पुलिस ने कांग्रेस विधायक रूपिंदर सिंह कुन्नर को भी हिरासत में ले लिया। बाद में टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा परिसर में किसानों की बैठक हुई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। किसानों ने साफ चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों पर समाधान नहीं निकलता, आंदोलन जारी रहेगा। उधर, 10 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 107 से अधिक किसानों और ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें से 40 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। बुधवार को राठीखेड़ा गांव में प्रदर्शनकारियों ने निर्माणाधीन फैक्ट्री की बाउंड्री दीवार तोड़ दी थी। इसके पुलिस के उकसाने पर किसानों के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें पुलिसकर्मी द्वारा लाठीचार्ज से संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया सहित कई आंदोलनकारी घायल हो गए। कई घायल किसान रातभर गुरुद्वारे में रुके रहे। स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं गुरुवार को भी बंद रहीं। फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार सुरक्षा की आशंका के चलते अपने घर छोड़ चुके हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद? चंडीगढ़ की ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा राठीखेड़ा में 40 मेगावाट क्षमता वाला अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट स्थापित किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि यह प्रोजेक्ट केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम को सहयोग देगा। सितंबर 2024 से जून 2025 तक विरोध शांतिपूर्ण रहा, लेकिन जुलाई 2025 में कंपनी द्वारा बाउंड्री वॉल निर्माण शुरू करते ही गुस्सा भड़क गया। दीवार तोड़ने के बाद माहौल हुआ खराब 19 नवंबर को पुलिस सुरक्षा में निर्माण दोबारा शुरू हुआ, जिसके विरोध में किसान नेता समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। 20 और 21 नवंबर को 67 किसानों ने गिरफ्तारी देकर विरोध जताया। 10 दिसंबर की दोपहर किसानों ने टिब्बी एसडीएम कार्यालय के बाहर बड़ी सभा की और शाम को सैकड़ों की भीड़ ट्रैक्टरों के साथ फैक्ट्री स्थल पर पहुंच गई, जहां दीवार तोड़ने के बाद विवाद बढ़ गया।

बुधवार, 10 दिसंबर 2025

मंगलवार, 9 दिसंबर 2025

मास्टर दा सूर्य सेन की मुखबिरी चड्डी गैंग के नेत्र सेन ने किया था

◆ "मास्टर दा" सूर्य सेन, महान कांग्रेसी शहीद, का संसद में मोदी ने अपमान किया है..आज टेलीग्राफ अख़बार ने मोदी को ख़ूब सुनाया है..पश्चिम बंगाल में जनता थूक रही है.. ~ मोदी ने "मास्टर" सूर्य सेन बोला..जब कि "मास्टर दा" कहना था..सूर्य सेन को सिर्फ़ मास्टर कहना गाली देने जैसा माना जाता है..बहुत बड़ा अपमान हुआ है।। 👉 मास्टर दा के ख़िलाफ़ जासूसी भी चड्डी गैंग ने की थी..जासूस का नाम था नेत्र सेन.. 👉 कांग्रेसी किरणमय सेन और रोबिन्द्रो नंदी ने चड्ढी जासूस नेत्र सेन का सर काट दिया था..उस वक़्त के बंगाली कांग्रेसी ग़द्दारी की सज़ा सिर्फ़ मौत दिया करते थे.. ◆ कौन थे मास्टर दा सूर्य सेन ? ~ 1918 में चट्टोग्राम कांग्रेस के अध्यक्ष ~ 1926-28 असहयोग में जेल में रहे ~ चट्टोग्राम अब बांग्लादेश में है ~ मास्टर दा एक शिक्षक भी थे.. ~ बांग्लादेश में उन की हर निशानी हेरिटेज है ~ मास्टर दा ने ब्रिटिश का "चट्टोग्राम अस्त्रागार" लूटा था ~ तारीख़ थी 18 अप्रैल 1930 ~ आर्म्स लूट कर कांग्रेस का झंडा फहरा दिया था ~ आर्म्स लूट कर क्रांतिकारियों को दे दिए थे ~ 80 ब्रिटिश फ़ौजियों को मारा था ~ 12 कांग्रेसियों की शहादत हुई थी ◆ इस ऑपेरशन के बा'द मास्टर दा अंडरग्राउंड हो गए थे..किसान, पुजारी, मुसलमान के तौर पर छुप कर रहने लगे थे.. ◆ फरवरी 1933 में चड्ढी जासूस नेत्र सेन ने ब्रिटिश को मास्टर दा के छुपने की जगह बता दी थी..वरना मास्टर दा कभी पकड़े नहीं जाते 👉 नेत्र सेन की पत्नी कांग्रेसी थी..उन्होंने कांग्रेसियों को बता दिया था कि उन का पति चड्ढी जासूस है..और ख़ुद के पति को ग़द्दारी की सज़ा दिलवाई थी.. 👉 ऐसी मिसाल शायद ही भारत में दूसरी है जहां एक पत्नी ख़ुद के पति को ग़द्दारी की सज़ा मौत दिलवाने में मदद की हो..ऐसी महान नारी का को नमन.. ★★ 12 जनवरी 1934 को चट्टोग्राम सेंट्रल जेल में ब्रिटिश ने इस महान कांग्रेसी मास्टर दा सूर्य सेन को फांसी दे दी थी.. ★★ चट्टोग्राम सेंट्रल जेल में आज भी उस फांसी मंच को हिफ़ाज़त से रखा गया है जिस मंच पर मास्टर दा को फांसी हुई थी.. मास्टर दा बांगलादेश के भी आइकॉन हैं.. ✋ मास्टर दा सूर्य सेन के नाम के साथ कांग्रेसी नहीं लगाना भी उन का अपमान है..और मोदी ने उन का कांग्रेसी परिचय छुपाने का महापाप किया है..लानत है 💐 कांग्रेस के महान शहीद मास्टर दा सूर्य सेन अमर रहे..

वकील राकेश तिवारी की जूते से पिटाई सीजीआई पर जूता फेंका था

वकील राकेश तिवारी की जूते से पिटाई सीजीआई पर जूता फेंका था हमला अचानक हुआ, संभल पाता उससे पहले 100 जूते पड़ चुके थे, रिक्शा के 70 रुपए नहीं दिए तो कुटा गया वकील राकेश तिवारी जिसने हमला किया था CJI पर, जूतों से बचने के लिए सनातन धर्म की जय के नारे लगाए लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ उल्टा 50 जूते और पड़े, निंदनीय 🔥🔥

स्टालिन और हिटलर में अंतर फिर आप कहते हैं कि स्तालिन तानाशाह थे

स्टालिन और हिटलर में अंतर फिर आप कहते हैं कि स्तालिन तानाशाह थे चर्चिल अपनी बहुचर्चित पुस्तक Memoirs of Second World war में लिखते हैं- 'आंग्ल-रूसी संधि पर हस्ताक्षर हेतु मैं मास्को गया था। मास्को छोड़ने के एक दिन पहले अचानक मेरे कमरे में स्तालिन और मलोटोव हाजिर हुये। स्तालिन ने कहा लड़ाई-वड़ाई तो काफी हुई-एक अच्छा सा समझौता भी हो गया। आप तो कल चले ही, आज हम थोड़ा मस्ती कर लें। मेरे मकान में चलिए।' चर्चिल आगे लिखते हैं 'रूस का महान तानाशाह अपने यहाँ न्योता दे रहे हैं, जरूर आज कोई खास चीज देखने को मिलेगी। स्तालिन ने कहा आपको कोई पहरेदार ले चलने की जरुरत नहीं है, मेरे पास तो है ही, आप अकेले ही चलें। क्रेमलिन के अन्दर जा रहे हैं, संतरियों का अभिवादन मिल रहा है। थोड़ी देर बाद एक छोटा, पीले रंग का दुमहला मकान के सामने गाड़ी रूकी। स्तालिन उस मकान की निचली मंजिल में मुझे ले गये। उन्होंने कहा ऊपरी मंजिल में मेरे गुरु यानी लेनिन रहते थे, इसलिए मैं उसका इस्तेमाल नहीं करता, बल्कि उसे एक म्यूजियम बनवा दिया है। निचली मंजिल में तीन कमरे हैं, एक में मैं और मेरी पत्नी, दूसरे में बेटी रहती है और तीसरे में पार्टी सदस्यों के बैठकी है।' चर्चिल लिखते हैं, 'मुझे तो जोर का झटका लगा। महान रूस के महान तानाशाह मात्र तीन कमरे के फ्लैट में रहते हैं! उसमें भी केवल एक ही कमरा उनके और उनकी पत्नी के लिए अलग किया हुआ है! बहरहाल स्तालिन ने कहा मुझे कुछ वक्त छुट्टी दें, आपके लिए खाना बनाना है। मैंने कहा आपके पास कोई रसोइया नहीं है? स्तालिन ने कहा नहीं, मैं और मेरी पत्नी मिलकर खाना बनाते हैं। फिर एक झटका! महान रूस के महान डिक्टेटर खुद खाना बनाते हैं।' चर्चिल आगे लिखते हैं 'अच्छी बात है। आज आपकी पत्नी अकेले ही खाना बनाये और आप मेरे पास बैठें। अभी और भी हैरान होना बाकी था। स्तालिन ने कहा मैं लाचार हूँ। वह घर पर नहीं हैं, कारखाना गई हैं। कपड़ा मिल में काम करती हैं। पाँच बजे छुट्टी होगी, तब घर आयेंगी। यह सुनकर मैं बिल्कुल चारों खाने चित्त हो गया। ग्रेट डिक्टेटर की पत्नी कारखाने में काम करती हैं!' साथी Rajendra Prasad के सौजन्य से ...

भाजपा मंत्री का भाई गांजा तस्करी में गिरफ्तार

भाजपा मंत्री का भाई गांजा तस्करी में गिरफ्तार 46 किलो गांजा के साथ राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी का सगा भाई गिरफ्तार, धान की बोरियों में पैक कर रखी थी खेप सतना जिले के रामपुर बघेलान पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 46 किलो से अधिक गांजा बरामद किया और दो आरोपियों अनिल बागरी व पंकज सिंहको गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात यह कि अनिल, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी का सगा भाई है. तीसरा आरोपी शैलेंद्र राजावत पहले से ही गांजा तस्करी में जेल में है. NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पुलिस पूरे रैकेट की गहन जांच कर रही है. गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार अनिल सतना जिले के रामपुर बघेलान थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध गांजा तस्करी के खिलाफ एक ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसने इलाके से लेकर राजनीतिक हलकों तक हलचल मचा दी है. गोपनीय सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में मादक पदार्थ मिला, साथ ही ऐसे नाम भी सामने आए, जिनकी वजह से यह मामला और भी संवेदनशील हो गया.
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