लो क सं घ र्ष !
लोकसंघर्ष पत्रिका
बुधवार, 20 नवंबर 2024
अंग्रेजों के मुखबिरों साथी सुनील मुखर्जी से सबक लो
कॉमरेड सुनील मुखर्जी
जन्म 16 नवंबर 1914 - मृत्यु 30 मार्च 1993
सुनील दा , आपको कम्युनिस्ट ही नहीं ,सभी राजनीतिक दलों के नेता भी सुनील दा ही कहते थे। कोई मुख्यमंत्री हों ,सुनील दा से ही सबोधित करते थे।
गौरव है कि आपके नेतृत्व में काम करने का महान अवसर पाया था।
30 मार्च,1993 को पटना के इन्दिरा गांधी ह्रदय संस्थान में जब आपने आखिरी सांस ली थी , मौजूद था।
अस्पताल के पोर्टिको में शव के समक्ष खड़ा अश्रुपूरित नयनों से आपको निहारते हुए एक गौरवशाली इतिहास का स्मरण कर रहा था।
आप तब भी अडिग रहे जब 1930 के दशक में कलकत्ता जेल की यातनाओं को झेल रहे थे,जहां बर्फ की सिल्लियों पर सुलाकर आपकी सभी उंगलियों में कीलें चुभाई गई थी। आपके 'युगांतर' नामक क्रांतिकारी संगठन के एक साथी को फांसी दे दी गई थी लेकिन सबूत के अभाव में आपको छोड़ा गया।
जेल में ही का. भूपेश गुप्ता के साथ चार साल तक आपने मार्क्सवाद की शिक्षा ली थी।
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिह आपके पिता निरापद मुखर्जी के दोस्त और उनके नेतृत्व की कांग्रेसी सरकार के संसदीय सचिव और मंत्री थे।
उन्होंने जेल में आपसे मार्क्सवादी दर्शन और वर्गसंघर्ष के सिद्धांत पर बहसों के दौरान कहा था , दोस्त का बेटा मेरा शिक्षक बन गया है ,तुमसे मैंने मार्क्सवाद का ज्ञान हासिल किया ।
आपको का. पी .सी . जोशी ने बंबई बुलाया और तीन माह तक मार्क्सवाद के प्रशिक्षण शिविर में वहां रहकरआपने गहन अध्ययन किया।
इसके बाद बिहार में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी से अलग होकर कम्युनिस्ट पार्टी के गठन की जिम्मेदारी आपको सौपी गई।
गया के किसान सम्मेलन से लौटकर आपने 20 अक्टूबर 1939 को मुंगेर के गंगा घाट पर अवस्थित अपनी बड़ी बहन के घर में दशहरा के दिन पुलिस से बचते हुए कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी और पांच सदस्यीय कमिटी के आप ही सचिव बने थे।.
सुनील दा , आपने जयप्रकाश और लोहिया की पार्टी से संबंध विच्छेद इसलिए तो किया था कि वे सोवियत संघ और वर्गसंघर्ष के विरोधी थे।
सुनील दा , याद है मुझे ,आप 1968 के पटना पार्टी कांग्रेस के अवसर पर भोजन विभाग के प्रभारी थे और मैं वोलेंटियर। अवकाश के समय में आप रोचक ढंग से हमसबों को प्रशिक्षित भी कर रहे थे। एक बार सोशलिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी के अन्तर को लेनिन के कथन को उद्धृत करते हुए आपने समझाया था , जो वर्ण (जाति ) और वर्ग के अंतर को नहीं समझेगा, कम्युनिस्ट नहीं हो सकता है।
सोशलिस्ट वर्णवादी हैं ,वर्गसंघर्ष को नकार कर वे पूंजीवाद की सहायता करते हैं।
आपने विस्तार से बताया था,अज्ञान और अंधकार में डूबा रहने वाला मार्क्स के सिद्धांत को समझ नहीं पाएगा। वैसे लोग अंधविश्वासों और धार्मिक भावनाओं में कैद रहेगें,गुट बनाने में माहिर होगें और संगठन को मूल उद्देश्यों से दूर कर देगें । जातिवादी सोच से बाहर आना उसके लिए मुश्किल है और वे वैज्ञानिक ढंग से वर्ग संघर्ष की शिक्षा ग्रहण करने से भागते रहेगें।
सुनील दा , सोशलिस्ट पार्टी अब रही नहीं ,अनेक जातिवादी ,वंशवादी पार्टियों में वह परिवर्तित हो गया है, लेकिन उससे ज्यादा दुखद है ,महान अक्टूबर क्रांति का संदेश जातिवादी सोच को स्थापित करते हुए अभी हाल मेंआपके नेतृत्व में ही निर्मित जनशक्ति भवन के केदारदास की स्मृति में बने भवन के सभागार में एक कम्युनिस्ट नेता ने दिया है ।वह राज्य सचिव मंडल और राष्ट्रीय परिषद का सदस्य है ,आधिकारिक वक्तव्य दिया है , मार्क्सवाद का वर्गसंघर्ष भारत केलिए गलत है ।
उसका वीडियो सुन शर्म से सिर झुक गया है।
आज आपकी तस्वीर पर क्या वे फुल चढाने के लायक हैं ?
संपूर्ण बिहार आपकी कर्मभूमि थी ।आपने कम्युनिस्ट आंदोलन को बीज से बट वृक्ष बनाया । 1947 के आरंभ में ही दैनिक जनशक्ति का प्रकाशण करके कम्युनिस्ट विचारधारा को फैलाया । बिहार के क्षेत्रीय बोलचाल की भाषा में आपने जनसंवाद बनाया । जमशेदपुर ,डालमियानगर ,गिरिडीह और धनबाद में मजदूरों को संगठित करके वर्ग संघर्ष का इतिहास रच दिया । टाटा के खिलाफ ऐतिहासिक हड़ताल का नेतृत्व किया ।वहां से मजदूरों ने आपको बिहार विधानसभा में विधायक बनाकर भेजा ।
1962 में 12 विधायक बिहार में चुने गए थे और आप उसके विधानसभा में नेता बने थे। 1962 -67 और 19 69 से 77 तक आप बिहार सीपीआई दल के नेता थे । 1973 से 77 के दौरान बिहार विधानसभा में आप विरोधी दल के नेता थे और 1978 के बाद लंबे दिनों तक सीपीआई बिहार के सचिव रहे।
जन्मदिन के अवसर पर आपके प्रति अब शब्दांजलि ही अर्पित कर सकने में समर्थ हूँ। आपकी शिक्षा को याद रख मार्क्सवादी बने रहने का निश्चय करता हूँ।
सादर नमन।
-राजेन्द्र राजन
भगवी की गुंडागर्दी - डी एम डर कर भागे - बुल्डोजर हाय हाय हो गए
भागने में भलाई! DM ऑफिस में तलवार लेकर घुसी जूना अखाड़े की साध्वी, पीछे के दरवाजे भागे साहब
बिजनौर के कण्व ऋषि में अवैध कब्जे का मामला गहरा गया है. इस आश्रम को खाली कराने और ताला लगाने के विरोध में मंगलवार की सुबह 50 से अधिक साधु संत कलक्ट्रेट पहुंच गए. इस दौरान जमकर हंगामा किया और तलवारें भी भांजी. नौबत यहां तक आ गई कि डीएम को पिछले दरवाजे से निकलना पड़ा.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में जूना अखाड़े के साधुओं ने मंगलवार की सुबह कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया. डीएम के ऑफिस के बाहर साधुओं ने तलवारें भांजी और उन्हें चोर तक कहा. साधुओं का आरोप है कि कण्व त्रषि के आश्रम में हमेशा साधुओं का प्रवास होता है. लेकिन डीएम बिजनौर की टीम ने इस आश्रम को जबरन खाली कराना चाहती है. यही नहीं, अचानक से दबिश देकर आश्रम में से सौ कुंटल गेंहू, 70 से 80 गोधन आदि ट्रकों में भरवाकर गायब करा दिया है. इसके विरोध में दर्जनों की संख्या में साधु संत जिला कलेक्टर का घेराव करने पहुंचे.
नौबत यहां तक आ गई कि कलेक्टर अंकित कुमार को अपने दफ्तर से बैक डोर से निकल कर निजी गाड़ी में बाहर जाना पड़ा. उधर, उनकी गाड़ी के पास साधु संत विरोध प्रदर्शन करते हुए ढोल मजीरा बजाते रहे. इस दौरान कुछ साधुओं साध्वियों ने तलवारें भी भांजी. एक साध्वी ने तलवार लेकर डीएम को ललकारा. उन्हें खरी खोटी सुनाते हुए कण्व आश्रम से 70-80 गाय और सौ कुंटल गेंहू चोरी करने का आरोप लगाया. अपने कार्यालय में साधु संतों के इस रौद्र रुप देखकर डीएम अंकित कुमार ने पीछे के रास्ते से निकल जाने में ही भलाई समझी.
आश्रम से अनाज और गायों को उठा ले जाने का आरोप
साध्वी गंगा का आरोप है कि डीएम और एसडीएम ने स्वाहेडी के ग्राम प्रधान के साथ साठगांठ कर इस आश्रम को खाली कराने की साजिश रची है. उन्होंने आश्रम के मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति गायब करा दी और मंदिर को बंद कराने के बाद गाय और अनाज-भूषा आदि भी उठा ले गए. इसके बाद आश्रम में ताले डलवा दिए गए हैं. इसकी वजह से यहां पूजा अर्चना बंद हो गयी है. इसके विरोध में पचास से अधिक साधु सन्यासी बिजनौर कलक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए हैं.
एडीएम-एसडीएम को भी सुनाई खरी-खोटी
इस दौरान साधुओं को समझाने के लिए एसडीएम और एडीएम भी पहुंचे और उन्हें मनाने की काफी कोशिश की. हालांकि साधुओं ने उन्हें भी खरी खोटी सुनाकर वापस लौटा दिया. उधर, स्वाहेडी के ग्राम प्रधान सोमदेव का कहना है कि कण्व ऋषि आश्रम में ये साधु चिलम सुल्फा पीते थे. इनकी वजह से गांव के बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा था. इस संबंध में उन्होंने प्रशासन को शिकायत दी तो यह कार्रवाई हुई है. अब प्रशासन ने आश्रम को खाली कराकर ताले डलवा दिए हैं.
आर या पार की लड़ाई
उन्होंने बताया कि अब इस स्थान का जीणोद्धार कराया जाएगा. उधर, साध्वी गंगा ने कहा कि इस ऐतिहासिक आश्रम में उसके दादा की भी समाधि है. वह खुद यहां वर्षो से रह कर पूजा तपस्या और गौसेवा कर रही हैं. जबकि प्रधान सोमदेव और उसके कुछ साथी आश्रम की जमीन हड़पना चाहते हैं. गंगा ने कहा कि उनके गुरू ने कह दिया है कि समझाने पर भी ना समझे तो तलवार खींच लेना. अब तो लड़ाई आर या पार की होगी.
मंगलवार, 19 नवंबर 2024
हिन्दुवत्व के ठेकेदार भाजपा महासचिव विनोद तावडे वोट फार कैश का खेल रहे हैं
हिन्दुवत्व के ठेकेदार भाजपा महासचिव विनोद तावडे वोट फार कैश का खेल रहे हैं
'मेरा बैग खाली था, तावड़े के बैग में तो पैसा मिला...', होटल में कैश कांड के आरोपों पर उद्धव ने भाजपा को घेरा
बीवीए ने आरोप लगाया है कि तावड़े के पास मौजूद बैग में एक डायरी थी जिसमें 15 करोड़ रुपये के बंटवारे का जिक्र था. वसई-विरार से बीवीए विधायक हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि विनोद तावड़े मतदाताओं में पैसे बांटने के लिए 5 करोड़ रुपये नकद लेकर होटल पहुंचे थे. इलेक्शन कमीशन ने इन आरोपों का संज्ञान लेते हुए विनोद तावड़े और बीजेपी उम्मीदवार राजन नाइक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
विनोद तावड़े पर लगे कैश फॉर वोट के आरोप।
महाराष्ट्र में चुनाव से एक दिन पहले उस वक्त राजनीतिक तनाव बढ़ गया, जब भाजपा महासचिव विनोद तावड़े पर बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बांटने का आरोप लगाया. बीवीए कार्यकर्ताओं ने विनोद तावड़े का विरार के एक होटल में घेराव किया. बीवीए ने आरोप लगाया है कि तावड़े के पास मौजूद बैग में एक डायरी थी जिसमें 15 करोड़ रुपये के बंटवारे का जिक्र था. वसई-विरार से बीवीए विधायक हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि विनोद तावड़े मतदाताओं में पैसे बांटने के लिए 5 करोड़ रुपये नकद लेकर होटल पहुंचे थे.
हिन्दुवत्व के नेताओं की पहचान भाजपा नेता ने शादी का झांसा देकर
हिन्दुवत्व के नेताओं की पहचान भाजपा नेता ने शादी का झांसा देकर
बलात्कार किया
मध्यप्रदेश के बालाघाट में भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सोहागपुरे के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. महिला थाना पुलिस ने भूपेन्द्र पर शादी का झांसा देकर पीड़िता का शारीरिक शोषण करने, धमकाने और जातिगत रूप से अपमानित किए जाने का मामला दर्ज किया है. पुलिस इस मामले में पड़ताल के बाद ही कार्यवाही के मूड में दिखाई दे रही है.
मामला 2008 से 2024 के बीच का है. पीड़िता शासकीय सेवा में कार्यरत एक माध्यमिक टीचर है. वहीं जानकारी अनुसार वर्तमान में जिस युवती से भूपेन्द्र की सगाई की तस्वीरें सामने आई है, वह भी एक जिम्मेदार पद पर है.
'चार सालों तक किया था मुझे प्रपोज'
पुलिस को की गई शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि 'साल 2008 में एक निजी बीएड कॉलेज में भूपेन्द्र सोहागपुरे मेरे साथ पढ़ता था. तीन साल तक वह लगातार मुझसे अपने प्यार का इजहार करता रहा और बात करने के लिए दबाव बनाया लेकिन मैंने मना कर दिया. फिर 17 दिसंबर 2012 को मैंने उसका प्रजोपल एक्सपेप्ट किया था. तब उसने मुझसे शादी करने का वादा किया था.
'शादी का झांसा देकर बनाए संबंध'
पीड़िता ने आगे बताया कि 'मैं 2013 से 2020 के तक सिंगरौली जिले में माध्यमिक टीचर के रूप में पदस्थ रही. जब छुट्टियों में घर पहुंची तो उसने अपने दोस्त भुवनेश्वर रजक के किराए के कमरे में शादी की बात कहकर मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए. वह बार-बार ये करता रहा और शादी की बात को टालता रहा. अगस्त 2020 में बालाघाट के लामता में मेरा ट्रांसफर होने के बाद वह मेरे किराए के कमरे में आकर भी मुझसे शारीरिक संबंध बनाता रहा. फिर, भूपेन्द्र के किसी से अफेयर होने की जानकारी के बाद मैंने उससे सवाल किया तो उसने उसे अपनी रिश्तेदार बता दिया. इसी को लेकर भूपेन्द्र ने मुझे जातिगत रूप से अपमानित किया और खुद को भाजयुमो जिलाध्यक्ष बताते हुए मुझसे शादी करने से बदनामी की बात कही.'
'दी जान से मारने की धमकी'
पीड़िता ने आगे कहा कि 20 अप्रैल 2022 को भी रात में भूपेन्द्र ने हमारे अफेयर को लेकर किसी से बात करने पर अध्यक्ष के पद का खतरा होने और जान से मारने की धमकी दी.
इसके बाद फिर से चर्चा हुई तो उसने कहा कि मैं अपने घरवालों को मना लूं. घरवालों के मानने के बाद 4 फरवरी 2024 को भूपेन्द्र ने मेरे घर में आकर शादी की बात तो नहीं की बल्कि मुझ पर लांछन लगाकर शादी करने से मना कर दिया. इतने के बाद भी मुझे विश्वास था कि भूपेन्द्र मुझसे शादी कर लेगा, लेकिन गत 16 नवम्बर को पता चला कि भूपेन्द्र की शादी होने वाली है. जब मैं वहां पहुंची तो देखा शादी का ही कुछ फंक्शन चल रहा था. मैंने डायल 100 कर पुलिस को बुलाया. पुलिसकर्मियों ने मुझे थाना जाकर रिपोर्ट करने की बात कही.
सगाई में बवाल के बाद टाली गई शादी
पुलिस के अनुसार इसके बाद महिला ने 17 नवबर को बीजेपी नेता की सगाई के आयोजन में पहुंच कर हंगामा भी किया. 17 नवम्बर की रात ही महिला की शिकायत पर बीजेपी नेता पर मामला कायम होने के बाद 18 नवंबर को होने जा रही शादी टाल दी गई.
सोमवार, 18 नवंबर 2024
मुल्ला पद्मश्री मुलायम सिंह यादव अब भाजपा के आदर्श पुरुष
भाजपा कार्यालय, लखनऊ में लगा मुलायम सिंह यादव का होर्डिंग 😃 ये वही मुल्ला मुलायम सिंह है जिसकी सरकार की पुलिस ने कारसेवकों को गोली से मारकर अयोध्या में सरजू का पानी खून से लाल कर दिया था. पहले मोदी सरकार ने मुल्ला मुलायम सिंह को पद्म श्री दिया. फिर योगी ने उनको अपने पार्टी कार्यालय की होर्डिंग में जगह दिया..
स्वामी विवेकानंद , भगत सिंह , नेता जी सुभाष और सरदार पटेल के बाद अब मुलायम सिंह भी बीजेपी के आदर्श पुरूषों की लिस्ट में शामिल हो गये...दोगलापन की कोई सीमा नहीं... 🥹🤣👌🏼
सिंह बी एच यू
बुलडोजर बाबा के राज में चालीस करोड़ का गोमांस पकड़ा - हिन्दुवत्व वादी तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं
ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में पुलिस ने कई टन गौमांस बरामद किए हैं। जिसे पुलिस ने जेसीबी की मदद से नष्ट कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने बयान जारी कर बताया है कि कटे हुए मांस की कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है। जनता का कहना है कि बाजार में गौमांस की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है।
दादरी नागालैंड क्षेत्र के लुहारली टोल पर पुलिस ने एक ट्रक को छोड़ा और मांस के टुकड़े लेकर जांच के लिए भेजा। जांच में मांस के गौमांस होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सूचना के आधार पर दादरी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ट्रक को मौके पर ही जब्त कर लिया। ट्रक में लदे मांस के टुकड़ों की जांच के लिए मथुरा लैब भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने दादरी के एसपीजे कोल्ड स्टोरेज बिसाहड़ा रोड पर छापा मारा।
पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार
कोल्ड स्टोरेज के चैंबर नंबर-5 से करीब 153 टन पैक प्रतिबंधित मांस बरामद हुआ, जबकि ट्रक में करीब 32 टन पैक मांस मिला। लैब रिपोर्ट में मांस के गोमांस होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस ने कोल्ड स्टोरेज के मालिक, लीडर, मैनेजर और ट्रक चालक समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि गोलियों में पूर्ण जोशी (मालिक), खुर्शीदुन नबी (संचालक), अक्षय सक्सेना (प्रबंधक), शिव शंकर (ट्रक चालक) और सचिन (संचालक) शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है। ज़ेज़ मांस की दुकान की कीमत करीब चार करोड़ रुपये है। पुलिस ने बरामद मांस को मौके पर ही नष्ट कर दिया।
बुलडोजर पुलिस मुफ़्त में दूध पीती है
बुलडोजर पुलिस मुफ़्त में दूध पीती है। लखनऊ में फ्री में दूध नहीं देने पर सिपाही ने एक युवक को पीट दिया। फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की भी धमकी दी। पीड़ित ने थाने में शिकायत की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। इससे परेशान युवक ने वीडियो जारी कर पूरी आपबीती बताई।
रहीमाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम उतरेड़ा के रहने वाले विशाल यादव ने बताया कि थाने में तैनात सिपाही शिवम ने मुफ्त में दूध देने को कहा। नहीं देने पर मारपीट और धमकी दी। विशाल ने कहा कि सिपाही शिवम ने ना सिर्फ उसे पीटा, बल्कि सुलह न करने पर फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी भी दी।
पुलिस कमिश्नर ने भी नहीं सुनी बात
विशाल ने स्थानीय थाने और एसीपी मलिहाबाद से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब वह पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचा तो वहां भी बात नहीं सुनी गई। विशाल ने वीडियो जारी कर सोशल मीडिया पर न्याय की गुहार लगाई है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
इससे पहले भी रहीमाबाद थाने में तैनात सिपाही शिवम पर ग्राम प्रधान सतीश कुमार गोस्वामी ने अभद्रता के आरोप लगाए थे।
पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग
इस घटना ने लखनऊ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने सिपाही शिवम के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि पुलिस की साख बरकरार रहे। लखनऊ में पुलिस दुर्व्यवहार के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिनमें विकासनगर, चिनहट और गाजीपुर के गंभीर प्रकरण शामिल हैं।
रविवार, 17 नवंबर 2024
ना कोई स्वर्ग है, ना कोई मोक्ष, ना आत्मा किसी परलोक में जाती है.
भारत में परजीवियों का एक विशाल समूह है जो बोलता है कि “सब कुछ माया है”, लेकिन व्यवहार में यह समूह खुद तो सारी जिंदगी इसी “माया” के पीछे पागल रहता है.
प्राचीन भारत के लोकायत संप्रदाय ने इन परजीवियों की खूब खबर ली थी.
आइए लोकायत दर्शन की कुछ प्रमुख प्रस्थापनाओं को देखते हैं:
चार्वाक दर्शन के अनुसार विश्व के सृष्टि :- जड़ पदार्थ ( पृथ्वी जल अग्नि अंतरिक्ष और हवा) का स्वभाव ही ऐसा है जो अपने आप विश्व की रचना कर देती है
1. यह जगत ही एकमात्र जगत है, यह जीवन ही एकमात्र जीवन है, और हमें इसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से जीने का प्रयत्न करना चाहिए.
2. जब तक जियो सुख से जियो. मृत्यु की निगाहों से कोई नहीं बच सकता. एक बार जब शरीर जलकर राख हो जाएगा, फिर पुनर्जन्म कैसे होगा?
3. 'सुख के साथ दुख भी मिश्रित है, इसलिए हमें सुख को त्याग देना चाहिए'--ऐसा मूर्खों का विचार है. अपना भला चाहने वाला कौन इंसान धूल और भूसी के कारण उत्कृष्ट सफेद अनाज वाले धान को फेंक देगा?
4. ना कोई स्वर्ग है, ना कोई मोक्ष, ना आत्मा किसी परलोक में जाती है.
5. वर्णाश्रम धर्म के पालन से भी कोई फल प्राप्त नहीं होता.
6. मोर को रंग किसने दिए हैं या कोयल से गीत कौन गवाता है, इसका प्रकृति के सिवा और कोई कारण नहीं है.
7. अग्निहोत्री यज्ञ, तीनों वेद, त्रिदंड धारण और शरीर में भस्म लगाना, ये सभी बुद्धि और पौरुषहीन लोगों की आजीविका के साधन मात्र हैं.
8. अगर श्राद्ध में अर्पित भोजन से स्वर्ग में बैठे लोग संतुष्ट हो जाते हैं तो क्यों नहीं छत पर बैठे लोगों को नीचे ही भोजन दे दिया जाता?
9. अगर श्राद्ध करने से मरे हुए लोगों को तृप्ति हो जाती है, तो फिर किसी राहगीर को साथ में भोजन देने की क्या जरूरत है? घर में दिए भोजन से ही उसे रास्ते में तृप्ति मिल जाएगी!
10. अगर कोई अपने शरीर को छोड़कर परलोक चला जाता है तो अपने दोस्तों और अन्य लोगों के प्रेम में बंधकर वह दुबारा वापस क्यों नहीं लौट आता?
11. इसीलिए, पंडित पुरोहितों ने मात्र अपनी आजीविका के लिए श्राद्ध कर्म की व्यवस्था की है. इसमें अधिक कुछ भी नहीं है.
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चित्र Janardan Thapa जी के सौजन्य से
बुलडोजर बाबा की पुलिस ने रात में बेटी से कराया अंतिम संस्कार:बोली- पापा को मार दिया;
पुलिस ने रात में बेटी से कराया अंतिम संस्कार:बोली- पापा को मार दिया;
लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में पुलिस एनकाउंटर में घायल आरोपी कमलेश तिवारी की 13 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मुठभेड़ में उसके बाएं पैर में गोली लगी थी। इलाज के दौरान उसकी हालत बिगड़ी और खून की उल्टियां होने लगीं। उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने रात में ही 7 साल की बेटी से कमलेश के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया।
कमलेश की 7 साल की बेटी बस यही बोल रही कि पुलिस ने पापा को मार दिया है।
पत्नी बोली- पुलिस सबको गुमराह कर रही कमलेश तिवारी की पत्नी रूमी ने कहा- पुलिस सबसे कह रही है, जब मौत हुई तब वो जेल में था। जबकि एनकाउंटर के बाद वह जेल नहीं गए। पहले दिन ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। इसके बाद डालीगंज में हड्डी के डॉक्टर के पास भेजा गया था। कमलेश रोजाना दर्द से चीखते-चिल्लाते थे।
3 नवंबर को उनका ऑपरेशन हुआ। इसके बाद डॉक्टर ने चलने के लिए मना किया तो वो नहीं चले। पैर में पश बन गया था। रोज कोई न कोई दिक्कत बढ़ती जा रही थी। इलाज भी बेहतर नहीं मिल रहा था। तेज बुखार हुआ और खून की उल्टी होनी लगी। वापस ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां मौत हो गई।
पुलिस ने जबरन कराया अंतिम संस्कार कमलेश की मौत की जानकारी किसी को न लग सके, इसलिए पुलिस ने देर शाम पोस्टमॉर्टम कराया। गुलाला घाट पर पहले से ही सारा इंतजाम कर दिया था। अंधेरा होने पर अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया। पत्नी रूमी ने हिंदू धर्म का हवाला देते हुए मना किया। लेकिन, पुलिस अधिकारियों ने दबाव बनाकर जबरन अंतिम संस्कार करा दिया।
कमलेश की चिता को उसकी 7 साल की बेटी ने मुखाग्नि दी। रूमी ने कहा- बेटी पूछती है, पापा को पुलिस ने क्यों मार दिया? कमलेश घर के अकेले कमाने वाले थे।
पुलिस वाले दोपहर को पूछताछ करने के लिए ले गए थे रूमी ने कहा- 22 अक्टूबर को मेरे पति घर में खाना खा रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे पुलिस टीम उनके साथी अली अब्बास को लेकर घर पहुंची। बोली, लूट में नाम आया है। पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं। पुलिस वालों के जाने के बाद हम लोग नजदीकी थाने पहुंचे। जहां कुछ पता नहीं चला। 23 अक्टूबर को मालूम हुआ कि पुलिस ने गोली मार दी, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं।
शनिवार, 16 नवंबर 2024
भूत कैसे पैदा होते हैं जानने के लिए प्रवेश ले - बी एच यू
इस देश में काशी हिंदू वि.वि. अपने स्थापना के काल से ही फासिस्ट और मनुवादी सोच का केंद्र रहा है. इस वि.वि. में शुरू से ही लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता का अभाव रहा है. गोलवलकर इसी वि. वि. की संतान रहे हैं .1929 में हेडगवार जब पं. मदन मोहन मालवीय का गेस्ट बनकर मालवीय भवन में रूके थे तब जाते समय मालवीय ने गुरूगोलवलकर को हेडगवार को उपहार के रूप में भेंट किया था और कहा कि यह लड़का भविष्य में सनातन धर्म का रक्षक होगा. इस वि.वि. मे सदैव से संघ की शाखा लगती रही . जितने भी कुलपति आते रहे सब एक विशेष जाति के थे , पहली बार गैर विशेष जाति के कुलपति आचार्य नरेंद्र देव आये तो वि.वि. में हंगामा मच गया . आचार्य नरेंद्र देव की नियुक्ति विशेष जाति के लोगों को बरदास्त नही हो रही थी. उनपर वि.वि. के संसाधन पर दुरूपयोग का आरोप लगाया गया. स्थानीय सांसद नेता विधायक , छात्र नेता आचार्य नरेंद्र देव का इस्तीफा मांगने लगे. आचार्य जी ने अपना इस्तीफा पं. नेहरू को भेंज दिया । बात संसद में पहुंच गयी. एक देवता ने जब सदन में आचार्य जी को वामपंथी भ्रष्ट कुलपति कहकर हमला किया और हटाने की बात की तब पं. नेहरू पहली बार आपा खो बैठे और बोले जो वि.वि. आचार्य नरेंद्र देव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है , उस वि.वि. को बंद कर देना चाहिये. हमे ऐसे वि.वि. की जरूरत नहीं. आचार्य और मै दोनों वर्षों तक एक ही जेल में बंद रहे . हमे आचार्य नरेंद्र देव के बारे में किसी वि.वि. के प्रमाण पत्र की जरूरत नही है. आचार्य नरेंद्र देव का इस्तीफा मंजूर करने के बजाय मै इस वि.वि. को बंद कर देना पसंद करूंगा. सारे कांग्रेस के आस्तीन में छिपे संघियों का मुंह अवाक हो गया. सब चुप हो गये . पं. नेहरू ने सदन से पूछा कि क्या करे , दो विकल्प है सरकार के सामने , पहला आचार्य का इस्तीफा नामंजूर कर दूं या दूसरा विकल्प है कि बनारस हिंदू वि.वि. का अनुदान बंद कर दूं. सदन मे सन्नाटा छा गया. सब जोर से बोले आचार्य जी का इस्तीफा नामंजूर कर दीजिए . यह वि वि. मनुवादी संघियों का गढ़ रहा है. इसका उदाहरण सामने है. पं. मदन मोहन मालवीय कभी भी संघ में नही रहे. 4 बार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे , गांधी से 8 साल और पं. नेहरू से 28 साल बडे रहे, लेकिन कांग्रेस ने कभी भी उनको भारत रत्न नही दिया, जबकि गुल्ली डंडा खेलने वाले तेंदुलकर को दे दिया. आखिर मोदी ने उनको भारत रत्न दिया जबकि उनका संघ से कभी संबंध नही रहा. मोदी ने पं. मालवीय को अटल के नीचे भारत रत्न देकर संघी कांग्रेसियों को खुश किया और वि.वि. को संघ का ट्रेनिंग सेंटर में तब्दील कर दिया . जहां संघ के जांबाज दिन दहाड़े छात्रओं से रेप कर रहे हैं और बीजेपी के नेता जमानत पर छूटने पर माला पहनाकर स्वागत कर रहे हैं . हिंदू वि.वि. आज फासिज्म का सेंटर बन चुका है. सभी लोकतांत्रिक गतिविधियों पर ताला लग चुका है. चुन चुन कर संघ के लंपट स्वयंसेवकों की हर पद पर नियुक्ति की जा रही है. पैसा लेकर अयोग्य कुलपतियों की नियुक्ति की जा रही है.
आश्चर्य की बात है अपनी योग्यता के बल पर जे एन यू से आये कुछ सवर्ण अध्यापक यहां आकर मालवीय के आदर्शों का गायन कर रहे है. वामपंथ की जगह गेरूआ धारण करके जय श्रीराम का गायन कर रहे है. काशी हिंदू वि.वि. के पढ़े हुये 95% छात्र खासकर सवर्ण और बड़े पदों पर अधिकारी बनकर बैठे हुये लोग फासिस्ट सोच के हैं और मोदी - योगी का तलुआ चाट रहे हैं .इस वि.वि. का दुनियां के 600-700 वि.वि. मे कोई स्थान नहीं. कभी कोई नोबुल पुरस्कार किसी को नही मिला, शायद एक दो को छोड़कर किसी शोधार्थी का पेपर नेचर जैसी जर्नल में नही मिलेगा. यहां की शोध थेसिस को देखा जाय तो हर तीसरे चौथे की थेसिस के पन्ने एक दूसरे की फोटो कापी मिलेगी. यहां गोबर के उपले बनाने की विधि बताने वाले प्रोफेसर डीन डायरेक्टर के पदों पर विराजमान होते हैं . यहां भूत पर शोध किया जाता है कि भूत कैसे पैदा होते हैं ,बकायदा विभाग खुला है. यहां के सेमिनारों मे गंगा आरती के विकास पर चर्चा होती है. यहां संस्कृत कोई मुसलमान नही पढ़ा सकता , हिंदू धर्म नापाक हो जायेगा. पं. नेहरू ने सही कहा था कि ऐसे वि.वि. को बंद कर देना चाहिये. यहां अध्ययन- अध्यापन नहीं फासिज्म का नंगा नांच हो रहा है. काशी हिंदू वि.वि. वर्तमान में एक भ्रष्ट संस्था बनकर रह गयी है....देश समाज के योगदान में इसका कोई योगदान नही रह गया है. इस हिंदू बगिया से निकले फूल खासकर सवर्ण हर हर मोदी का गुणगान करते गली चौराहे पर मिल जायेंगे. अब यह वि.वि. देश पर बोझ बन चुका है. देश के विकास मे इसका कोई योगदान नही रह गया है. 1-2% जो योग्य लोग हैं उन्हे किनारे कर दिया जाता है और देश छोड़कर विदेशों की शरण मे जाने पर मजबूर कर दिया जाता है... इस वि.वि. को समझना हो तो तीन लोगों की स्पीच जरूर सुने. हांलाकि वि.वि. में शायद न मिले.
1. गांधी की स्थापना दिवस के समय का.
2. पं. नेहरू की जेल से छूटने के बाद ,जब वि.वि. मे आये थे.
3. सबसे बेजोड़ स्पीच महादेवी वर्मा की जो ज्ञान पीठ पुरस्कार पाने के बाद भारत कला भवन मे आयीं थी.
drbn singh.
बुल्डोजर बाबा के मंत्री सुरक्षित भी सुरक्षित नहीं
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योगी के मंत्री के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ की ठगी; नंदी के बेटे का फोटो लगाकर किया था ये मैसेज
साइबर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। ठगी की यह वारदात बुधवार को हुई। मंत्री नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से मैसेज आया। डीपी नंदी के बेटे की लगी हुई थी। मैसेज में लिखा था कि यह मेरा नया नंबर है। मैं एक बहुत जरूरी बिजनेस मीटिंग हूं। यह मीटिंग अभी काफी देर तक चलेगी। मुझे कुछ पैसों की तुरंत जरूरत है।
साइबर ठगों ने सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये ठग लिए। व्हाट्सएप डीपी पर नंदी के बेटे की तस्वीर लगाए ठग ने मैसेज भेजा, मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है, तुरंत पैसे भेजो। अकाउंटेंट ने तुरंत बताए तीन खातों में पैसे भेज दिए। भेद खुलने पर सनसनी मची। साइबर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। ठगी की यह वारदात बुधवार को हुई। मंत्री नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से मैसेज आया। डीपी नंदी के बेटे की लगी हुई थी।
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