
अधिवक्ताओं पर चार्ज के बाद राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में हड़ताल जारी हैं। न्यायिक प्रक्रिया ठप्प है। कोई भी नेता या अफसर जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री मायावती औचक निरिक्षण में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री के औचक निरिक्षण में मुख्यमंत्री से सम्बद्ध अधिकारीयों द्वारा कर्फ्यू लगा दिया जाता है। लोगों को घरों में कैद कर दिया जाता है। जिस मोहल्ले में औचक निरिक्षण होता है वहां महिला सिपाही घर में बैठा दी जाती हैं। नेशनल हाई वे का ट्राफिक रोक दिया जाता है, गंभीर मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। जिससे मरीज मर जाते हैं। मुख्यमंत्री के निकलने के समय पुलिस अधिकारीयों का यह सख्त आदेश जनता को रहता है कि वह चुतड सड़क साइड में कर के खड़ा हो।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
सुमन
लो क सं घ र्ष !
13 टिप्पणियां:
What nonsence post!
सही फ़रमाया है !
भयमुक्त शासन का अच्छा नमूना पेश किया है आपने!
हर अधिकारी पैसा मांगता है... कहता है कि बहिन जी... को भी देना होता है... बहिन जी मांगतीं हैं... जीजा कांशीराम बहिन जी को तो छोड़ गए... और आम जनता की ऐसी तैसी हो रही है.
बहिन मायावती जिंदाबाद...
जीजा कांशीराम अमर रहें...
अन्धेर नगरी चौपट राजा...
मेरा नाम किसने लिया?
whats happening
कई देशों की सरकारें इन दिनों जनता का तांडव देख रही हैं। हमारी सरकारें निश्चिन्त हैं।
अरे भैया, अपनी पोस्ट मे हमे कहे बीच मे ल रहे हो , वैसे भी हर जगह पिटाई हमारी ही होती है
हर अधिकारी पैसा मांगता है... कहता है कि बहिन जी... को भी देना होता है... बहिन जी मांगतीं हैं... जीजा कांशीराम बहिन जी को तो छोड़ गए... और आम जनता की ऐसी तैसी हो रही है.
बहिन मायावती जिंदाबाद...
जीजा कांशीराम अमर रहें..
और जिताओ.
jiski laathi uski bhes----
jai baba banaras---
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