रविवार, 26 अगस्त 2012

ए के हंगल को श्रद्धांजलि

इप्टा के संस्थापक तथा सुप्रसिद्ध चरित्र अभिनेता श्री ए  के हंगल का देहांत आशा पारीख हॉस्पिटल मुंबई में हो गया. 1940 में बलराज सहनी के  साथ भारतीय जन नाट्य  संघ से जुड़े हुए थे। कैफ़ी आजमी क साथ भी रहे तथा आजीवन इस देश के मजदूरों किसानो क लिए लड़ते रहे. जनता की समस्यायों को नुक्कड़ नाटकों क माध्यम से उठाते रहे तथा एक पीढ़ी को तैयार किया जिसने इस देश के मजदूरों और किसानो के लिए होने वाले संघर्ष को समर्पित कर रखा है।
          एके हंगल ने लगभग 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है. शोले फिल्म के मशहूर संवाद 'इतना सन्नाटा क्यों है भाई' को उन्होंने डायलॉग अदायगी के इतिहास में अमर कर दिया. हिंदी सिनेमा में उनकी यादगार चरित्र भूमिकाओं के लिए उन्हें पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था।
            98 वर्षीय ए के हंगल अपने को अपने कार्य से विरत नहीं रखा वरन पिछले  वर्ष उन्होंने मधुबाला सीरियल में कार्य करना शुरू कर दिया था और आजीवन इप्टा से जुड़े रहे। भारतीय रंगमंच में उनका विशिष्ठ योगदान था। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे।
लोकसंघर्ष की तरफ से उनको विनम्र श्रद्धांजलि।

सुमन
लोकसंघर्ष  

1 टिप्पणी:

virendra sharma ने कहा…

एक बुजुर्ग की भूमिका में उनकी मुस्कान और भलमनसाहत संवाद प्रस्तुति मोह लेती थी मन को. अपने से लगते थे हंगल कुछ हरदम सोचते से भावप्रवण हंगल ,महा -प्रयाण पर उनके - श्रृद्धांजलि ,कैंटन (मिशगन )के प्रणाम ,वीरुभाई ,४३,३०९ ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,४८ १८८
कृपया यहाँ भी पधारें -.
ram ram bhai
रविवार, 26 अगस्त 2012
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
मुझे अपने पापा की सलाह के बिना कुछ काम नहीं करना चाहिए, क्योकिं अब मुझे यह ज्ञान हो चूका था की मेरे पापा दुनियां के सबसे समझदार और सबसे ज्यादा प्यार करने वाले व्यक्ति हैं .....।
मुझे अपने पापा की सलाह के बिना कुछ काम नहीं करना चाहिए, क्योकिं अब मुझे यह ज्ञान हो चूका था की मेरे पापा दुनियां के सबसे समझदार और सबसे ज्यादा प्यार करने वाले व्यक्ति हैं .....।

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