शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

न मांस खाओ, न दाल खाओ ,न पानी

इसी  से काम चलाओ
मांस  न खाओ धर्म नष्ट होगा .शाकाहारी खाना  भी नही खाने देगे पानी में भी घोटाला करेगे . यह बाते  केंद्र सरकार के काम काज करने के ढंग से निकल कर आ रही है . केंद्र सरकार की नीतियों के कारण २०० रूपए किलो अरहर की दाल हो गई है . अन्य दाले भी; चिकन मीट से महंगी  हो गई है | दूसरी ओर प्रधानमंत्री विदेश यात्राओ या चुनाव सभाओ से फुरसत ही नहीं मिल पा रही  है. नरेन्द्र मोदी की स्तिथ यह हो गई है की वह बेलगाम घोड़े पैर सवारी कर रहे है .साक्षी महराज ,योगी आदित्यनाथ , साध्वी प्राची , महेश शर्मा , गिरिराज सिंह , जैसे   हवाबाज नेतागण लोगो की धार्मिक भावनाए भड़काने वाले बयांन देकर इतने विवाद पैदा कर दिये  है कि उन्हें ही निपटाना मुश्किल  हो गया है . भूख , महगाई , बेरोजगारी , शिक्षा , स्वास्थ ,सुरक्षा , कानून ब्यवस्था जैसे शब्द परदे के पीछे चले गये है. रह गई है गाय उसका गोबर और उसका मूत यह लोग देश की सारी समस्याओ का समाधान गाय के गोबर व मूत में ही देख रहे है.
वहीँ उत्तर रेलवे के रेलवे की  प्रीमियम ट्रेनों में यात्रियों को रेल नीर न देकर दूसरी कंपनियों को दिया जा रहा था।नीर घोटाले में को सीबीआई ने सात प्राइवेट कंपनियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी कर 20 करोड़ रुपए कैश जब्त किया।रेल मंत्री का रेलवे  से कोई मतलब ही नही है .
जमाखोरों , मुनाफाखोरो के सम्बन्ध में शासक दल उनका मालिक नागपुरी मुख्यालय हमेशा चुप्पी साधे रहता
है .वह सिर्फ और सिर्फ दंगा कराने  का उस्दाद  है इन सारी समस्याओ  से  मुसलमानों से ही दिक्कत है हिन्दुओ को  नही यह उसकी समझदारी है .दाल और सब्जियो के दाम में साथ-साथ विभिन्न वस्तुओ के जो दाम बढ़ रहे है उसका सीधा सम्बन्ध जमाखोरों की जमाखोरी है . मुख्य बात यह है की उद्योगपतियों के मुनाफे की दर हजारो गुना बढ़ी है उसके ऊपर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है . यह समझते है कि जनता को मुसलमान विरोध व गाय के सवाल को खड़ा कर हम शांतिपूर्वक तरीके से हम सरकार चला लेंगे यह उनकी विकृत मानसिकता की समझ हो सकती है लेकिन जनता की बेहतरी के सवाल को लेकर अगर कोई सकारात्मक कदम न उठाया गया तो यह फासिस्ट सरकार का  भी चलना मुश्किल  होगी .
 गांवो के अंदर खेत मजदूर निचले तबके के लोग अब न दाल खाने की स्थित में है ,न सब्जी .न खाना है न पानी -मोदी नाम से ही काम चलाओ -हिन्दुवत  का बाजा बजाओ . भूखे मर जाओ .इस जन्म  में नही -अगले जन्म में सब कुछ मिलेगा का गीत गुनगुनाओ .इस जन्म में पिछले जन्म के पापो  को भुक्तो .भूखे मर कर  जन्नत  पाओ-वहां सोमरस का पान  करो --अप्सराओ का सानिध्य  प्राप्त करो ---संघर्ष  मत  करो -ढोगियो को संसद  पहुँचाओ ---------------राम -राम जपना ,पराया माल अपना ------------

-रणधीर सिंह  सुमन 


2 टिप्‍पणियां:

Jyoti Dehliwal ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति...सुमन जी

Sanju ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...

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