मंगलवार, 19 जून 2018

गिरोहबन्द बलात्कार की बर्बरता

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिला के हीरानगर के रसाना गाँव की आठ साल की नाबालिग बच्ची आसिफा को अगवा करके जो बर्बरता की गई, वह इस धरती पर किसी भी सभ्य इंसान को झकझोर देने और शर्मिन्दा कर देने के लिए काफी है। इस बदतर हालत में भी विकसित हो जाने में यकीन करने वालों की कमी नहीं। उस बच्ची को एक पवित्र मंदिर में बंद करके भूखा रखा गया, नशीली दवाएँ खिलाई गइंर् और पांच दिनों तक जिस बच्ची को अपने शरीर का ज्ञान तक नहीं, उसके साथ गिरोहबंद बलात्कार किया गया, बेशरमी से हत्या कर दी गयी और उसकी कुचली हुई लाश को एक जंगल में फेंक दिया गया ताकि उसके मुस्लिम बकरवाल समुदाय को डराकर उस इलाके की जमीन से बेदखल कर दिया जाए और भी घिनौना तब हुआ जब जम्मू बार एसोसिएशन के हिन्दू एकता मंच के सदस्य और संघ परिवार से जुड़े दूसरे गिरोहों ने गिरोहबन्द बलात्कारी दरिन्दों के पक्ष में एक जुलूस निकाला, जिसका नेतृत्व बीजेपी के मंत्री कर रहे थे। प्रदर्शनकारी इस अमानवीय करतूत को राष्ट्रवादी उपलब्धि दिखाने के लिए राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहरा रहे थे। 
जब इस देश को जनवरी में आसिफा के साथ घटी घटना का पता चला तब गिरोहबंद बलात्कारियों के समर्थन में हिन्दुत्व कट्टरपंथियों ने प्रदर्शन किया, उन्हीं दिनों एक 17 वर्षीय लड़की की त्रासद दास्तान भी सामने आई, जिसका उत्तर प्रदेश के उन्नाव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 को बलात्कार किया था और इसके बाद विधायक के तीन साथियों द्वारा उसका अपहरण करके उसके साथ गिरोहबंद बलात्कार किया था। यह घटना तब उजागर हुई जब लड़की ने 9 अप्रैल 2018 को योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने खुद को जलाने की कोशिश की। उसी दिन उसके पिता की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। उन्हें सेंगर के भाई के नेतृत्व में सेंगर समर्थकों ने बुरी तरह मारा था क्योंकि उन्होंने एफआईआर वापस लेने से इन्कार कर दिया था। पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार करने के बजाए पीड़ित लड़की के पिता को ही न्यायिक हिरासत में ले लिया जहाँ उनकी मौत हो गई। इसके बाद भड़के गुस्से, आक्रोश के नतीजे में ही जाकर सेंगर के नाम पर एक बकायदा एफआईआर दर्ज हुआ और सीबीआई ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
      उपर्युक्त दोनां घटनाओं के बाद एक बार पुनः लोगों के बीच मीडिया ने लड़कियों-बच्चियों के साथ बलात्कार की अनेकानेक खबरों की बाढ़ ला दी। धीरे 
धीरे ऐसी खबरों के लोग आदी (भ्ंइपजनंस) होते दिखाई देने लगे। 
बीजेपी यानी बलात्कार जनद्रोही पार्टी :- तथाकथित हिन्दुत्ववादी मनुवादी राष्ट्रवादी बीजेपी द्वारा बहुप्रचारित ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का दूसरा पक्ष कितना स्याह, डरावना है इसे समझने के लिए उनके निम्नलिखित करतूतों को भी स्मरण करना चाहिए जिसमें बीजेपी के 21 बलात्कारी नेताओं के मामलों का पता चलेगा-

1. मई 2013 में बीजेपी प्रवक्ता और नेता मधु चव्हाण के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज है। 
2. मार्च 2017 में मध्य प्रदेश के भाजपा नेता भोजपाल सिंह का बीपीएल कार्ड के वादे पर दलित महिला से बलात्कार की शिकायत दर्ज की गई थी।
3. बीजेपी के पूर्व विधायक विजय माली के खिलाफ पिछले साल फरवरी में बलात्कार के मामले में शिकायत दर्ज की गई। 
4. गुजरात के कच्छ जिले में बीजेपी के चार स्थानीय नेताओं ने 24 वर्षीय महिला के साथ कथित तौर पर गिरोहबंद बलात्कार किया था। बाद में उन्होंने उससे वेश्यावृत्ति कराने व ब्लैकमेल करने जैसा भी कुकृत्य किए।
5. गुजरात से भाजपा के एक विधायक जयेश पटेल के खिलाफ जो बड़ोदरा में निजी मालिकाने वाली पारूल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष हैं, एक 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा के साथ बलात्कार का मामला दर्ज है। यह घटना जून 2016 की है। 
6. गुड़गांव के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल और उनके दो साथियों पर बलात्कार, हमला करना, ड्रग देना, 
अपराधिक धमकी और उत्पीड़न के कथित अपराधों का आरोप है। मई 2015 में एक होटल में 30 वर्षीय महिला के साथ ये घटना अंजाम दी गई थी।
7. कर्नाटक में भाजपा के पूर्व मंत्री हालरप्पा को जून 2010 में बलात्कार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया।
8. नवम्बर 2013 में भाजपा विधायक डी0एन0 जीवराज के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज है। 
9. एक कॉरपोरेटर और भाजपा की मीरा-भयंदर इकाई के महासचिव और म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की वार्ड समिति के अध्यक्ष अनिल भोसले पर एक 44 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार और अप्राकृति यौन दुराचार का आरोप है। 
10. मध्य प्रदेश के एक स्थानीय भाजपा नेता और उसके पांच साथियों पर एक आदिवादी लड़की को अगवा करके उसके साथ गिरोहबंद बलात्कार करने का आरोप है। घटना दिसम्बर 2016 की है। 
11. जुलाई 2013 में म0प्र0 के पूर्व भाजपा मंत्री पर बलात्कार का आरोप है।
12. गुजरात में एक स्थानीय भाजपा नेता अशोक मकवाना को 29 मई को इंडिगो एयरलाइंस की गोआ-अहमदाबाद उड़ान के दौरान 13 वर्षीय एक लड़की के साथ यौन-हिंसा में गिरफ्तार किया गया। 
13. अगस्त 2014 में मध्य प्रदेश के भाजपा नेता तथा पांच अन्य लोगों पर असम की एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न और तस्करी का आरोप है। 
14. सितम्बर 2016 की घटना में पूर्व भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता को पांच साल पुराने बलात्कार के मामले में अदालत ने कारावास की सजा सुनाई है। 
15. दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के खिलाफ कथित बलात्कार का मामला सामने आया था जो 1996 का है। 
16. भाजपा कार्यालय में कार्यरत महिला ने पार्टी के अंदर स्थानीय भाजपा नेता के भतीजे के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था। यह घटना 2012 की है। 
17. एक भाजपा नेता को बेटी के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पंजाब के अंजला की एक लड़की ने कहा था कि उसके पिता ने उसके साथ बलात्कार किया था। लड़की के पिता भाजपा के नेता अशोक तनेजा को गिरफ्तार किया गया था।
18. जून 2013 में एक बलात्कार के मामले में मोदी ने राजस्थान के सांसद और मंत्री निहाल चंद को तलब किया था।
19. छत्तीसगढ़ भाजपा विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कृष्णमूर्ति पर बलात्कार का आरोप लगा था। उनके सहयोगी के घर उस महिला का मृत शव पाया गया।
20. अक्टूबर 2016 में बंगलुरू में एक महिला ने भाजपा नेता के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। महिला चित्र दुर्ग की है। 
21. जुलाई 2016 में भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ बलात्कार के मामले की शिकायत दर्ज की गई थी। 
उपर्युक्त 21 तथ्य वे हैं जो समाचार बन गये इसके अलावा ऐसे अनगिनत तथ्य चुप्पी के कारण गुम हैं। लेकिन यह तो स्पष्ट है कि ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ के जुमले वालों से ही बेटियाँ असुरक्षित हैं। भाजपा के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद बलात्कार की घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है। एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2010 से 2016 के बीच प्रति एक लाख आबादी पर बलात्कार की घटनाएँ और उनकी दर इस प्रकार है-
     स्रोत-क्राइम इन इण्डिया रिपोर्ट्स ऑफ एनसीआरबी
देशद्रोह का ठप्पा लगाकर देशभक्त बनने वाले मनुवादी फासीवादियों द्वारा अनायास ही अंधविश्वास-निर्मूलन प्रचारक, वैज्ञानिक, तर्कशील नरेन्द्र दाभोलकर, कलबुर्गी, कामरेड गोबिन्द पन्सारे, पत्रकार गौरी लंकेश हत्या कर दी गई। इनकी विचारधारा ही सामंती व साम्राज्यवादी किस्म की है जो मानवद्रोही है। लेकिन इस तथ्य को भी नहीं भूलना चाहिए कि बलात्कारी मानसिकता के लोग सिर्फ भाजपा में ही नहीं सभी पार्टियों, संस्थानों, धार्मिक स्थलों पर मौजूद हैं। गिरोहबंद बलात्कार व हत्या की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। यह कोई पहली या आखिरी घटना नहीं हैं। लेकिन इन यौन हिंसाओं का समाधान क्या है? फांसी की सजा, बधियाकरण, कड़े-कानून, कठोर पुलिस-प्रशासन या संत-साधुओं के शरण में जाकर आत्मशुद्धि?
दुःख, गुस्से, आ़क्रोश व प्रतिरोध की आवाजों के बीच बलात्कार तथा यौन हिंसा के वास्तविक कारणों 
आधारों उसके समूल नाश के उपाय तथा इसके लिए उपस्थित कार्यभारों के 
सम्बन्ध में गम्भीर चर्चा-संवाद की आवाज उतनी मजबूत नहीं है जबकि इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है। बलात्कार के सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और वैचारिक आधारों पर विचार करने से पहले बलात्कार क्या है और इसके खत्म होने की शर्त जानना जरूरी है। 
‘‘बलात्कार किसी खास किस्म की यौन-विकृति का परिणाम भर नहीं है बल्कि यह महिलाओं के खिलाफ समाज में जारी हिंसा का ही चरम रूप है। बलात्कार स्त्री के खिलाफ एक ऐसी आक्रामक एवं हिंसात्मक प्रतिशोध की कार्यवाही है, जिसमें वह स्त्री के शरीर, मन, संवेदना तथा चेतना अर्थात सम्पूर्ण अस्तित्व को मनमाने तरीके से रौंदता और लांक्षित करता है। जिसका प्रत्यक्ष या प्रच्छन्न उद्देश्य एक मनुष्य के रूप में उसकी गरिमा और आत्मसम्मान को तार-तार कर देना, उसकी औकात बताना, उसे उसकी हद को तोड़ने के लिए दण्डित करना और उसे भविष्य के लिए चेतावनी देना होता है।’’
महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उनके अस्तित्व को रौंदने वाली बलात्कार जैसी जघन्य घटनाओं को रोकने की आवश्यक शर्त है कि पहले महिला 
विरोधी सामाजिक, सांस्कृतिक व वैचारिक कारणों के असली बुनियादी राज्य व्यवस्था को समझा जाये। महिलाओं पर जारी यौन-हिंसा की समाप्ति सड़ चुकी व्यवस्था की समाप्ति से ही सम्भव है जो ऐसे अपराधियों को जन्म देती है, प्रोत्साहित करते हुए जायज ठहराती है। 

-राजेश
लोकसंघर्ष पत्रिका जून 2018 अंक में प्रकाशित

कोई टिप्पणी नहीं:

Share |