सोमवार, 18 मार्च 2019

कामरेड विश्वनाथ शास्त्री को लाल सलाम


 भाकपा के पूर्व राज्य सचिव एवं पूर्व सांसद का. विश्वनाथ शास्त्री का आज सुबह लगभग 6 बजे लखनऊ के सहारा अस्पताल में निधन होगया। उन्हें 1 मार्च को पैरेलिटिक अटेक पड़ा था। तभी से वे अस्पताल में भर्ती थे। उनके पार्थिव शरीर को उनके गृह जनपद गाजीपुर लेजाया जारहा है जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
बाइक से प्रचार करते थे विश्वनाथ शास्त्री
दानिश

गाजीपुर : वर्ष 1991 में सांसद बने विश्वनाथ शास्त्री को वह दिन अभी भी नहीं भूलता। वह बाइक से प्रचार करने निकलते। लोग मिलते और खुद उनके प्रचार में जुट जाते। उन्होंने वह चुनाव मतदताओं की मदद से जीता।

दो दशक बीतने के बाद भी पूर्व सांसद विश्वनाथ शास्त्री को उनके चुनाव की याद ताजा है। उन्होंने अपना ठिकाना स्टेशन रोड स्थित कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय को बना रखा था। सुबह चार बजे बिस्तर छोड़ते। मार्निग वाक करते हुए नगर के आसपास के गांवों में पहुंच जाते। लोगों के साथ बैठते। बातचीत करते और आठ बजे तक लौट कर कार्यालय आते। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से बातचीत कर क्षेत्र में अकेले ही निकल जाते थे। वह जिधर से गुजरते रास्तों में लोग रोक-रोक कर उनका स्वागत करते जिस गांव में वह पहुंचते वहां पर लोगों की भीड़ जुटने लगती। धीरे-धीरे हुजूम सा लग जाता। यही नहीं चुनाव नजदीक आया तो कार्यकर्ताओं ने अपने खर्च पर जीप मुहैया करा दी। उसी में लाउडस्पीकर बांध दिया। उसी से प्रचार करते। चुनाव का परिणाम घोषित हुआ तो नतीजा उनके पक्ष में रहा। पूर्व सांसद विश्वनाथ शास्त्री कहते हैं कि समय बदलने के साथ चुनाव के प्रचार के तौर-तरीकों में भी काफी बदलाव आ गया है। उन्होंने अपना चुनाव मात्र कुछ रुपयों में ही लड़ा जो अब संभव नहीं है।
दैनिक जागरण से
कामरेड विश्वनाथ शास्त्री अमर रहे 
कामरेड विश्वनाथ शास्त्री को लाल सलाम 

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-03-2019) को "मन के मृदु उद्गार" (चर्चा अंक-3279) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

LAAL SALAAM.
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