शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

किसान आंदोलन के बीच शंभू बॉर्डर पर बुजुर्ग अन्नदाता की गई जान

: किसान आंदोलन के बीच शंभू बॉर्डर पर बुजुर्ग अन्नदाता की गई जान पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के बीच एक बुजुर्ग किसान की जान चली गई. दिल का दौरा पड़ने के बाद शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) तड़के उन्होंने दम तोड़ दिया था. मृतक अन्नदाता की पहचान 78 साल के ज्ञान सिंह के रूप में हुई है. वह पंजाब में गुरदासपुर के रहने वाले थे. ऐसा बताया गया कि प्रदर्शन के दौरान रात को उन्हें ठंड लग गई थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञान सिंह को सुबह 4 बजे स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उन्हें पटियाला के गवर्नमेंट राजिंद्र अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया था. यहां उनका इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, हालांकि, उन्होंने डेढ़ घंटे तक चले इलाज के बाद दम तोड़ दिया. पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में के बीच ये किसी किसान की पहली मौत है. पटियाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने भी किसान की मौत की पुष्टि कर दी है. ज्ञान सिंह किसान मजदूर मोर्च के धड़े किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्य थे. सुबह 3 बजे तबीयत खराब होने की कही बात इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञान सिंह ट्रॉली में पांच अन्य किसानों के साथ सो रहे थे. ये लोग शंभू बॉर्डर के पास मौजूद थे, जहां धरना चल रहा है. ज्ञान सिंह के भतीजे जगदीश सिंह ने बताया कि सुबह 3 बजे उन्होंने तबीयत खराब होने की बात कही. जगदीश सिंह ने बताया कि हमने शंभू पुलिस स्टेशन के पास खड़ी एंबुलेंस को तुरंत बुलाया और उन्हें राजपुरा सिविल अस्पताल लेकर गए. उन्होंने आगे बताया कि वहां पहुंचने पर हमें राजिंद्र मेडिकल कॉलेज, पटियाल भेज दिया गया. इस दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. एंबुलेंस में ही उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई दी गई. सुबह 5 बजे तक हम मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. ज्ञान सिंह की शादी नहीं हुई थी, वह अपने भतीजों के साथ ही रहते थे. उनकी 1.5 एकड़ की खेती की जमीन थी, जिस पर खेती करते थे.

कोई टिप्पणी नहीं:

Share |