बुधवार, 6 मार्च 2024

स्टेट बैंक सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का कार्य कर रहा है-रामनरेश पांडेय

एसबीआई भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का कार्य कर रहा है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची जारी करने के लिए समय मांगने की तीखे शब्दों में निंदा की है। भारतीय स्टेट बैंक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी अवहेलना करने लगा है। चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने में एसबीआई की अनिच्छा कुछ और नहीं बल्कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का एक प्रयास है। यह दावा कि केवल 22217 ईबी का विवरण प्रस्तुत करने में 4 महीने से अधिक की आवश्यकता होगी, मोदी के डिजिटल इंडिया के दावों का मजाक उड़ाता है। भाजपा की जबरन वसूली और पूंजीपति सांठगांठ को उजागर किया जाना चाहिए। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड को असंवैधानिक करार दिया है और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची 13 मार्च 2024 तक भारत निर्वाचन आयोग को देने को कहा और जिसेे आयोग को वेबसाइट पर सार्वजिक करने का निर्देश भी दिया गया। अब भारतीय स्टेट बैंक सूची जारी करने के लिए 30 जून 2024 तक का समय मांग रहा है। तब तक लोकसभा चुनाव निकल जायेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर सभी नियमों को ताक पर रख कर अडानी और अंबानी को कर्ज देता है, लेकिन चुनावी बॉन्ड की सूची जारी करने में जान बूझकर देर कर रहा है। क्योंकि सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड अडानी और अंबानी ने खरीदा है और भाजपा को पांच वर्षों में 6500 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा चुनावी बॉन्ड से मिला है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि हर हाल में लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची जारी होनी चाहिये। किस पार्टी को कितना चंदा किसने दिया है, यह जानकारी हासिल करना लोगों का अधिकार है।

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