रविवार, 28 अप्रैल 2024

राजा का जवाब

राजा का जवाब यूनान में एक राजा हुआ। जिसे खुद को शेर कहना और कहलवाना बहुत पसंद था। उसका सीना बहुत कम था,मगर कवच बहुत भारी और चौड़ा पहनता। जिससे वह बहुत रौबदार दिखता था। अपनी इस युक्ति से वह अपने विरोधियों को प्रायः भ्रम में डाले रहता। एक दिन की बात है... राजा एक जंगली बकरी का शिकार करते-करते जंगल में भटक गया और उसकी टोली कहीं पीछे छूट गई। इस सबका परिणाम यह हुआ कि राजा अपना फ्रस्ट्रेशन अपने घोड़े पर निकालने लगा। घड़ी-दो घड़ी पर वह घोड़े को चाबुक लगा देता। थका-भूखा घोड़ा आखिर कितनी तेज चलता। घोड़ा बिदक गया और राजा को गिराकर भाग गया । घोड़े को भागते देख राजा धीरे से बोला,' शायद मेरी ही तपस्या में कोई कमी रह गई होगी!' राजा जंगल में भटकता रहा। चलते-चलते राजा को जोर की प्यास लग आई। सहसा उसे झाड़ियों के पीछे एक तालाब दिखा। वह पानी पीने को लपका तो अचानक उसके सामने एक सुंदरी प्रकट हो गई। राजा इस चमत्कार को और सुंदरी की सुन्दरता को देखकर ठिठक गया। 'पहले मेरे सवाल का जवाब दो, फिर यहां पानी पीने को मिलेगा!' सुंदरी बोली। 'ये तो दूर देश भारत के ग्रंथ महाभारत के जैसी सिच्वेशन है!' राजा बोला। 'बकवास नहीं! जो पूछा जाए उसका जवाब दो!' सुंदरी का कोमल चेहरा कठोर हो गया। 'बकवास क्या! यह तो मेरे मन की बात थी! और तुम यह मत भूलो कि मैं यहां का राजा हूं राजा... और वो भी विश्व विजेता!' राजा एटीट्यूड में बोला। 'पर मैंने तो सुना है कि तुम अपने को सेवक कहते हो!' सुंदरी मुस्कुराई। 'प्रजा को खुश रखने के लिए यह सब कहना पड़ता है!' राजा यह कहते हुए पानी पीने के लिए आगे बढ़ा। उसने देखा कि तालाब पीछे खिसक गया। राजा हतप्रभ रह गया। सुंदरी खिलखिलाकर हंसी और बोली,' माया सिर्फ तुम ही नहीं रचना जानते हो बाबू!' अब राजा समझ चुका था कि मामला उसके हाथ में नहीं है। वह बुरी तरह से थक चुका था। तलवार ही उसको सौ मन का लग रहा था। प्यास के कारण जान सूख रही थी। अकेला था। 'हे अप्रितम सुंदरी! विश्व सुंदरी पूछिए! क्या सवाल है आपका!' राजा बहुत विनम्रता से बोला। सुंदरी की देहभाषा और भाषा दोनों बदल गई । ' दो देशों के बीच युद्ध को रुकवाना आसान है,मगर मुझे रोकना कठिन है! बताओ राजन मैं कौन हूं! ' सुंदरी ने एक प्रहेलिका पूछी। राजा थोड़ी देर सोचा और बोला,' महंगाई!' 'गलत! आपको एक एक मौका और देती हूं राजन,मगर ये अंतिम होगा!' सुंदरी ने फाइनली ग्राउंड रिपोर्ट दी । 'ध्यान से सुनें! आई रिपीट! दो देशों के बीच युद्ध को रुकवाना आसान है,मगर मुझे रोकना कठिन है! बताओ राजन मैं कौन हूं!' 'ओह!' राजा हंसा और बोला' जुबान!' यह सुनते ही सुंदरी गायब हो गई और तालाब खुद पे खुद राजा के पास आ गया। अनूप मणि त्रिपाठी

1 टिप्पणी:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दरी को महामंत्री बना दिया गया था | कहानी पूरी हुई |

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