मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

जो गॉड को लाएं हैं/ हम उनको लायेंगे/ गॉड से फिर हम सब / सब कुछ ही मांगेंगे...

' गो महंगाई गो!' गो बेरोजगारी गो! ______________________________________________________ मैंने कल एक सपना देखा। मैं जर्मनी में हूं। शाम का समय है। सड़क पर खड़ा होकर मैं जोर-जोर से थाली बजा रहा हूं। और चिल्ला रहा हूं... गो महंगाई गो!!! गो बेरोजगारी गो!!! ठीक उसी वक्त प्रधानमंत्री (चांसलर) का काफिला गुजर रहा था। उन्होंने गाड़ी रुकवाई और मेरे पास आ गए। हंसते हुए बोले,' ये करोना नहीं है डियर! महंगाई,बेरोजगारी है...ये ऐसे नहीं दूर हो जाएगी!' मैंने थाली नीचे रखकर पूछा, 'सर!फिर ये कैसे जायेगी!' वे मुस्कुराकर बोले,'एक बार फिर पॉवर में जब हमारी सरकार आएगी!' 'सर! अब भी तो आपकी सरकार है!!!' मैंने उन्हें याद दिलाया। 'हां- हां,इससे मुझे कब इनकार है!!' वे चिढ़कर बोले। 'आप बेरोजगारी महंगाई दूर करने की बात करते थे, इसलिए वोट दिया,पर सर आपने किया क्या!' मेरे सब्र का पैमाना छलक गया। 'काम तो हम रात दिन कर ही रहे हैं। सी! हमने कितना बड़ा और भव्य चर्च बनावा दिया है। ऑल वर्ल्ड में जिसकी चर्चा हो रही है!' वे सीना ठोंकते हुए बोले। 'वो सब ठीक है! मगर हमारी समस्या क्या दूर हो गईं!!!' मैं फट पड़ा। 'फ़ूल! डैम फ़ूल! क्या तुम देखते नहीं कि तुम्हें गॉड से मांगने की एक बड़ी और नई पवित्र जगह मिल गई है।' वे गर्व से बोले। 'मास्टर स्ट्रोक!' कहकर मैं ताली बजाने लगा। अचानक प्रधानमंत्री झुके,थाली उठाई और पीट-पीटकर जोर-जोर से गाने लगे... जो गॉड को लाएं हैं/ हम उनको लायेंगे/ गॉड से फिर हम सब / सब कुछ ही मांगेंगे... अनूप मणि त्रिपाठी

1 टिप्पणी:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हां मैं भी इसा मसीह को ढूंढ रहा था यहां मिल गए हा हा

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