सोमवार, 6 मई 2024
अथ श्री महामीडिया कथा -------
अथ श्री महामीडिया कथा
---------------------------------
शरशैय्या पर लेटे भीष्म पितामह का टाइम पास नहीं हो रहा था ।
उन्होंने टाइम पास करने की गरज से अपने एक सहयोगी को टीवी चलाने का आदेश दिया ।
आदेश का पालन हुआ ।
टीवी चली।
जिसमें समाचार प्रस्तोता विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं को लेकर बहस चला रहा था ।
सारे प्रवक्ता एक दूसरे से बुरी तरह से भिड़े हुए थे।
बोल सब रहे थे, मगर समझ में नहीं आ रहा था कि बोल क्या रहे थे !
अगर वे बोलते हुए जरा-सा रुकते तो समाचार प्रस्तोता कोई न कोई ऐसी बात छेड़ देता कि प्रवक्ता दुगने जोश से आपस में फिर भिड़ जाते ।
समझ में नहीं आ रहा था कि कौन प्रस्तोता है और कौन प्रवक्ता !
कभी प्रवक्ता प्रस्तोता लगता तो कभी प्रस्तोता ही प्रवक्ता लगने लगता।
भीष्म पितामह को घबराहट हुई । आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा । नब्ज डूबने लगी ।
वे चीखे,'अरे बंद कर दे टीवी ! नहीं तो ये ससुरे फिर से एक और नया महाभारत करा देंगे !'
अनूप मणि त्रिपाठी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
पितामह तो चुनाव सभाओं में व्यस्त है :)
/वर्तमान परिदृष्य पर सच्ची व्याख्या है
एक टिप्पणी भेजें