गुरुवार, 12 सितंबर 2024
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का निधन
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सीताराम येचुरी दिल्ली के एम्स के आईसीयू में भर्ती थे. पार्टी की ओर से कहा गया है कि हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सीपीआई (एम) महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया. वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं पैदा हो गई थीं.
इस दुख की घड़ी में येचुरी के परिवार ने शिक्षण रिसर्च के लिए सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को AIIMS नई दिल्ली को डोनेट करने का फैसला किया है.
माकपा नेता येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार की शिकायत के बाद AIIMS के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था. सीपीआई (एम) नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी.
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव थे. वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे. येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे. येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे
राहुल गांधी ने जताया दुख
सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए राहुल गांधी ने X पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.
ममता बोलीं- येचुरी का निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए क्षति
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने X पर पोस्ट किया कि यह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है. मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं.
'सीताराम का न होना देश के लिए अपूरणीय क्षति'
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे. मैं सीताराम के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हूं. छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक दौर में पार्टी का नेतृत्व किया. सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के पदों पर अच्छी स्थिति बनाकर सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश और उनके लोग गंभीर संकटों का सामना कर रहे हैं, तब सीताराम का न होना, देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
कौन थे सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे. उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं. वे हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की.
सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से म.ए अर्थशास्त्र किया. इमरजेंसी के समय जे.एन.यू में छात्र रहते उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
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नमन
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