मंगलवार, 5 नवंबर 2024
संघ में मतभेद दुश्मनी माना जाता है
संघ में मतभेद को दुश्मनी माना जाता है जबकि हमारी संस्कृति में मतभेद ज्ञानचर्चा का बेहद जुड़ा हुआ मर्म माना जाता है।
चरवाहा (संचालक) हरि घास (अखंड भारत, हिन्दू खतरे में है) दिखाकर पशुओ को एक धारा में लाता है और पशु को जो आदेश या ज्ञान देता है उसे सारे पशु मानकर मिमियाने लगते है। किसी भी पशु ने मतभेद किया उसे दुश्मन माना जाता है और उसे झुंड (संघ) से निकाल दिया जाता है। संघ की यही विचार के कारण कोई भी बड़ा संघी जब उस जाल से फायदा उठाकर आगे बढ़ता हुवा अंत मे भारत का बड़ा पद धारण करता है तो वो संघ का दुश्मन भी बन जाता है।
मोदी को ही देख लिजिये । 60 डिग्री के कोण से संघ ने उन्हें दुनिया दिखाया। लेकिन जब वो प्रधानमंत्री बने और जब उन्हें पता चला कि संघ का विषय ज्ञान का कोण तो मात्र 60 डिग्री है दुनिया तो 360 डिग्री से चलती है तो वो स्वतंत्र हो जाते हैं।
लेकिन उसका पूरा बचपन संघ में बीता है। वो स्वतंत्रता संभाल नही सकते ।
क्योकि संघ में उनको कभी स्वतंत्र समझ पैदा होने ही नही दिया और इस कारण वो स्वतंत्र होकर उटपटांग काम करना शुरू कर देते हैं। जिसका परिणाम और विषैला हो जाता है। आज मोदी संघ का किरकिरी बन गये हैं।
मोदी पहली सरकार में ही खुलकर आज बोलने लगे थे कि कि राम मंदिर उसके एजेंडे में नही - संघ दुखी
मोदी खुलकर बोलने लगे थे कि धारा 370 उसके एजेंडे में नही - संघ दुखी
- मोदी खुलकर आज मुस्लिम महिला जागरण की बात करत हैं - संघ दुखी
-मोदी खुलकर आज मुस्लिम ठिकानों पर जाते हैं क्योकि वो चाहताे हैं लोग उनको नेहरू की तरह याद करें। महान जो बनना चाहते हैं - संघ दुखी
-मोदी सनातनियों के ईच्छा के खिलाफ सांई बाबा के शरण में -संघ दुखी
- संघ भगवा यात्रा चाहता है जबकि मोदी ने तिरंगा यात्रा निकाल रखी है - संघ दुखी
-मोदी संविधान दिवस मना रहे हैं जबकि संघ संविधान को धोखा बताता रहा - संघ दुखी
-संघ का एक भी आर्थिक नीति को मोदी ने लागू नही किया बल्कि उसने गुजराती लूटेरो के लिए सारे नीतिगत फैसले लिए - संघ दुखी
और सबसे बड़ा।
- संघ जितना बड़ा है मोदी- शाह की जोड़ी ने मिलकर उससे 3 गुना बड़ी अपनी फौज मोदी भक्त तैयार किया है जिसको केवल मोदीमय बना दिया है। और उनके करतूत लफंगों जैसा है- संघ बेहद दुखी।
यानी समझ गए । मोदी स्वतंत्र हुये लेकिन विध्वंशक। वो संघ से स्वतंत्र हुये लेकिन उनको स्वतंत्रता का मतलब और उसकी जिम्मेदारी क्या होती है मालूम नही है।
इसी लिए ये देश संघ और मोदी दोनो से दुखी है। क्योकि संघ से जुड़ा व्यक्ति भी खतरनाक है और स्वतंत्र होने के बाद और भी देश के लिए विध्वंशक।
समझे कि नहीं समझे...
drbn singh.
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1 टिप्पणी:
सटीक चित्रण।
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