शनिवार, 16 नवंबर 2024

भाजपा सरकारें कानून और संविधान को नहीं मानती है - डाँ पी एल पुनिया

भाजपा सरकारें कानून और संविधान को नहीं मानती है - डाँ पी एल पुनिया बुलडोजर फैसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत है सरकारों द्वारा बुलडोजर के इस्तेमाल पर उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी 15 सूत्रीय दिशानिर्देश पर वकीलों, पूर्व नौकरशाह और राजनीतिक ने अपने विचार व्यक्त किए और फैसले का स्वागत किया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व सांसद डॉ. पीएल पानिया ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र के अस्तित्व की दिशा में मजबूत कदम बताया. उन्होंने इस फैसले को भाजपा शासित राज्यों के शासकों के खिलाफ सबसे सख्त कानूनी ढांचा बताया है. ऐसे शासकों को तत्काल अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इंकलाब के प्रतिनिधि तारिक खान - प्रश्न क्या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब बुलडोजर चलाना बंद कर देगी? जवाब दे रहे हैं डॉ.पुनिया ने कहा कि ये लोग न तो संविधान को मानते हैं और न ही कानून को. ये लोग भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे। आधुनिक अंग्रेज़ों का शासन - अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन उच्चतम न्यायालय गाइडलाइन पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि राज तंत्र को छोड़कर किसी भी सरकार में किसी का घर या संपत्ति तोड़ने की परंपरा नहीं है. अंग्रेजी सरकार और राजाओं के शासनकाल में सरकार के खिलाफ बोलने वाले या विरोध का रास्ता अपनाने वाले को देश से निकाल देने की परंपरा इतिहास में जरूर मिलती है. यही तरीका अपनाकर ये लोग जाति और धर्म देखकर लोगों के घर और कीमती संपत्तियों को तोड़ रहे हैं और कानून और संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोगों को अस्थाई प्रसन्नता जरुर हुई है। बुल्डोजर न्याय संविधान और कानून से कहीं ऊपर है इंकलाब प्रतिनिधि से बात करते हुए हिसाल बारी क़िदवई अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन ने कहा कि लंबे समय से सरकारों की बुलडोज़र कार्रवाई के ख़िलाफ़ वकीलों और न्यायपालिका में चिंता और लाचारी थी। आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने इस ग़ैरक़ानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने का फ़ैसला किया. उन्होंने कहा कि कानून में किसी भी आरोपी को तब तक अपराधी नहीं कहा जाता जब तक वह अदालत में दोषी साबित न हो जाए. लेकिन हाल के दिनों में सरकारों ने ऐसा रवैया अपनाया कि एक व्यक्ति को उसके पूरे परिवार को सजा देने का सिलसिला कायम हो गया। यह देश के कानून के साथ-साथ प्राकृतिक कानून और मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस कृत्य को असंवैधानिक करार दिया

1 टिप्पणी:

पैदल यात्री समान सड़क अधीकार मंच रांची व रामगढ का वेबिनर ने कहा…

निश्चित तौर पर नए सी जे आई अच्छे निर्णय ले रहे हैं। लेकिन जो मुख्य मुद्दे इतने दिनों से पेंडिंग हैं जैसे electrolar बॉन्ड,370, ईवीएम और उसके 100% पर्चियों की गिनती या फिर उस पर प्रतिबंध, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की नियुक्ति प्रक्रिया, मणिपुर, ईडी सीबीआई ईटी की का विपक्ष के खिलाफ़ इदारतन दुरुपयोग आदि पर फैसला किया जाना चाहिए।

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