शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
बुल्डोजर बाबा ने जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री है उसी संविधान का अपमान कर रहे हैं
बुल्डोजर बाबा ने जिस संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री है उसी संविधान का अपमान कर रहे हैं
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम योगी ने जस्टिस शेखर यादव के बयान का समर्थन किया जो मुख्यमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन है. उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था को तोड़ा है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी पर खतरा? हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, की ये मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की यूपी शाखा की ओर से दाखिल की गई है जिसमें सीएम योगी द्वारा हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के समर्थन में की गई टिप्पणी का विरोध किया गया है और उन्हें पद से हटाने की मांग की है.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की यूपी शाखा की ओर से दाखिल की याचिका में कहा गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जस्टिस शेखर कुमार यादव द्वारा की गई टिप्पणी का खुलकर समर्थन किया था, जो धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के विरुद्ध है और मुख्यमंत्री के पद की शपथ का उल्लंघन है क्योंकि उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दिया है. इसलिए सीएम योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई है.
सीएम योगी पर लगाया ये आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने आठ दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद की लीगल सेल की ओर से हाईकोर्ट बार के लाइब्रेरी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है.
यूपी के मुख्यमंत्री ने जस्टिस शेखर कुमार यादव की टिप्पणी का समर्थन किया जो मुख्यमंत्री के पद की शपथ का उल्लंघन है. क्योंकि उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दिया है इसलिए उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. बता दें कि जस्टिस शेखर ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए कहा था कि ये हिन्दुस्तान है और हिन्दुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों के अनुसार ही देश चलेगा.
सीएम योगी ने जस्टिस शेखर के बयान का समर्थन किया और कहा कि भारत ऐसा देश है जहां बहुसंख्यक समाज सिर्फ समान नागरिक कानून मांग रहा है जिसमें कोई बुरी बात नहीं हैं. जस्टिस शेखर ने सिर्फ यूसीसी का समर्थन ही तो किया लेकिन विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग का नोटिस दे दिया.
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