गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
हिन्दी के महाविद्वान - सिर्फ अपने मुख के विद्वान है
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल का निबंध बताकर 70 साल से पढ़ाया जा रहा अनुवाद
यूपी बोर्ड के आठवीं और 10वीं कक्षा में हिंदी की पुस्तक में मौलिक निबंध की तरह पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम हिंदी में अनुवादित हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल की मूल रचना की तरह पिछले 70 साल से छात्रों को यह पुस्तक पढ़ाई जा रही है। इसका खुलासा नागरी प्रचारिणी सभा के दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ है। निबंध की भाषा सरस होने के कारण यह किसी को अंदाजा नहीं हुआ कि यह किसी अंग्रेजी कृति को आधार बनाकर रचा गया है। पाठ्यक्रम निर्धारण समिति ने उस समय इसका ध्यान नहीं दिया और वह गलती आज भी चली आ रही है।
आठवीं और 10वीं कक्षा के पुस्तक में शामिल है आचार्य रामचंद्र शुक्ल का निबंध
यूपी बोर्ड में कक्षा आठ की हिंदी पाठ्य पुस्तक प्रज्ञा में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का निबंध आत्मनिर्भरता पिछले 70 साल से पाठ्यक्रम में शामिल है। वह आचार्य शुक्ल का मौलिक निबंध नहीं है, अनुवादित रचना है। ऐसे ही हाईस्कूल की हिंदी-पुस्तक में मित्रता शीर्षक नाम से निबंध है। वह निबंध भी भारतीय दृष्टि से अनूदित है, लेकिन यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में पिछले 70 बरस से वह मूल निबंध की तरह शामिल है।
पाठ्यपुस्तक में लिखी है ये बात
पाठ्यपुस्तक में लिखा है कि यह निबंध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंधों के संग्रह चिंतामणि से लिया गया है, लेकिन वह चिंतामणि के चारों खंडों में से किसी में भी नहीं है। यह दोनों निबंध अंग्रेजी पुस्तक अंग्रेजी लेखक थेडोर थॉर्टन मंगेर की रचना प्लेन लिविंग एंड हाई थिंकिंग : ए न्यू ईयर होमली का भारतीय दृष्टि से अनुवादित पुस्तक आदर्श जीवन से लिए गए हैं। इसी में दोनों मजमून हैं जिनके अनुवादों को मित्रता और आत्मनिर्भरता शीर्षक से कक्षा 10 और कक्षा 8 की पाठ्य पुस्तकों में मौलिक निबंधों की तर्ज पर पढ़ाया जाता है।
नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल ने बताया कि हम सब लोगों ने उन निबंधों को आचार्य शुक्ल के मौलिक निबंध मानकर पढ़ा क्योंकि पाठ्य-पुस्तक हमें यह नहीं बताती कि ये किस विदेशी ग्रंथ को आधार बनाकर लिखे गए हैं। आजादी के बाद इसे यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया और तब से अनवरत हर साल बोर्ड-परीक्षा में मित्रता वाले पाठ से जरूर सवाल पूछे जाते हैं। पूरे संसार की निगाह में उनका मौलिक निबंध है और पूरा संसार उसे मित्रता के ही नाम से पढ़ता-जानता आया है लेकिन दस्तावेजों की जांच के बाद सामने आया है कि वह दोनों निबंध निरे अनुवाद नहीं थे। श्रेष्ठ रचना और अच्छे से अच्छे विचारों का हिंदी भाषा में रूपांतरण थे।
1897 में पहली बार प्रकाशित हुई थी अंग्रेजी पुस्तक
अंग्रेजी की प्रसिद्ध पुस्तक के शीर्षक प्लेन लिविंग एंड हाई थिंकिंग : ए न्यू ईयर होमली ने हिंदी में महान मुहावरे सादा जीवन उच्च विचार को जन्म दिया। यह किताब सन 1897 में पहली बार प्रकाशित हुई थी और अंग्रेजी साहित्य में इसका ओहदा बहुत ऊंचा था। संसार की अनेक भाषाओं में इसके अनुवाद भी प्रकाशित हुए। यह किताब तमाम ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। साल 1914 में यह पुस्तक हिंदी में भी पहली बार प्रकाशित हुई और इसका नाम आदर्श जीवन था। हिंदी पुस्तक अंग्रेजी मजमून का शब्दश: अनुवाद नहीं थी बल्कि अंग्रेजी की किताब के आधार पर लिखी गई एक लगभग स्वतंत्र पुस्तक थी। इसका प्रकाशन नागरीप्रचारिणी सभा और लेखक-अनुवादक आचार्य रामचंद्र शुक्ल थे।
विदेशी पुस्तक को आधार बनाकर लिखी गईं कई पुस्तकें
इस पुस्तक के माध्यम से नागरी प्रचारिणी सभा ने मनोरंजन पुस्तकमाला नामक एक बेहद दिलचस्प और शिक्षाप्रद शृंखला की शुरुआत की थी। इस शृंखला में शामिल अनेक पुस्तकें पाठ्यक्रमों में रखी गईं। आगे चलकर मनोरंजन पुस्तकमाला में ऐसी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुईं जो किसी मशहूर विदेशी पुस्तक को आधार बनाकर लिखी गई थीं और उनका हुबहू अनुवाद नहीं थीं। ये सभी अनुवाद निरे अनुवाद नहीं थे। श्रेष्ठ रचना और अच्छे से अच्छे विचारों का अपनी भाषा में रूपांतरण थे। अंग्रेजी में मूल पुस्तकों का सम्मान यथावत है वे उपलब्ध हैं और लोग उन्हें पढ़ रहे हैं, लेकिन हिंदी में उन विदेशी ग्रंथों की महान पुनर्रचनाएं हाशिये पर चली गई हैं।
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