गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
योगी पुलिस नहीं है क्या ‘हम ज़िंदा थे, लेकिन सिपाही बोला इसे गंगा में बहा दो…’, महाकुंभ भगदड़ में बची महिला का बयान
योगी पुलिस नहीं है क्या
‘हम ज़िंदा थे, लेकिन सिपाही बोला इसे गंगा में बहा दो…’, महाकुंभ भगदड़ में बची महिला का बयान
महाकुंभ भगदड़ में बची एक महिला के बयान ने सबको हिला कर रख दिया है। उसने कहा है कि वो जिंदा थी मगर बेहोश थी। तभी एक सिपाही ने कहा कि ये मर गई है इसे गंगा में बहा दो।
प्रयागराज के महाकुंभ में 28 और 29 जनवरी की दरमियानी रात को मची भगदड़ में मरने वालों के आंकड़े हर रोज बदल रहे हैं। कभी मरने वालों की गिनती 30 बताई जाती है, तो कभी वो घटकर कम हो जाती है। अभिनेत्री और सपा की सांसद जया बच्चन का बयान आया था जिसमें वो कह रही थीं कि महाकुंभ में गंगा दूषित है, क्योंकि वहां शव बहाये गए हैं। अब भगदड़ में बची बिहार की एक महिला ने ऐसा ही कुछ बताया है, जिसके बाद लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने भी सवाल खड़ा कर दिया है।
महाकुंभ की भगदड़ से बचकर लौटी महिला ने बीबीसी को बताया है कि वो भी भगदड़ में फंस गई थी और उनको वहां देखने वाला कोई नहीं था। वो मदद की गुहार लगा रही थी मगर कोई सुनने वाला नहीं था। महिला ने बताया कि उसके पास उसका बैग था, जिसे लोग छीन रहे थे। एक आदमी ने उसका बैग छीना और जब उसने बैग नहीं दिया तो उसने महिला के सीने पर लात मार दी, जिससे वो बेहोश हो गई।
सिपाही ने कहा गंगा में बहा दो
महिला ने जो कहानी बताई वो किसी को भी हैरान कर देगी। महिला ने बताया कि उसे थोड़ा सा होश आया तो उसने सुना कि एक सिपाही कह रहा था कि ये मर गई है इसे गंगा में बहा दो। तभी एक औरत ने सिपाही को डांटा और इस महिला के मुंह पर पानी की छींटे मारी, जिससे वो वापस होश में आ गई। ये महिला अपनी कुछ साथी महिलाओं के साथ अपने घर लौट चुकी है, लेकिन वो मंजर जो इन्होंने देखा वो ये भूल नहीं पा रही हैं।
बता दें कि नेहा सिंह राठौर ने एक मुहिम चलाई है, जिसमें वो महाकुंभ में लापता हुए लोगों को ढूंढने की बात कर रही हैं। उन्होंने अपने वीडियो में सरकार को महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों के लिए दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था, “नकहां छिपे हैं वो सरकारी कलाकार और सरकारी बाबा? जो बड़ी से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को महाकुंभ में बुला रहे थे, निकलो बाहर। ‘जो कुंभ नहीं आएगा वो देश द्रोही हो जाएगा।’ ये ही बोल रहे थे ना? भगदड़ के बाद से ये कहने लगे हैं, यहां मरने वाले भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें मोक्ष मिल गया। अरे इतना ही मोक्ष मिल रहा था तो खुद क्यों नहीं कूद पड़े भगदड़ में? खुद तो सरकारी काफिले के साथ कुंभ नहाने आएंगे और आम जनता को भीड़ के हवाले कर देंगे।”
किसी हिन्दूवादी संगठन ने हिन्दुओं के साथ हो रहे इस अन्याय पर उँगली उठायी?
क्यों नहीं उठायी?
क्या मृतक महिला हिन्दू नहीं थी?
सच तो ये है कि हिन्दुत्व की बात करने वाले 99% लोगों और संगठनों को हिंदुओं से कोई मतलब ही नहीं है.
उन्हें सिर्फ़ हिंदुओं के वोट से मतलब है…बस.
एक अन्य वीडियो शेयर करते हुए नेहा सिंह राठौर ने कैप्शन में लिखा था, “भाजपा सरकार ने कुंभ मेले से सिर्फ़ पाप कमाया है और मेले की भगदड़ में मरने वालों का खून इस सरकार के मत्थे मढ़ा जाना चाहिए।” साथ ही अपने वीडियो में नेहा कह रही थीं, “आम जनता भगदड़ में मर रही है और प्रशासन भाजपा नेताओं को वीआईपी स्नान कराने में व्यस्त है। ये है कुंभ मेले की सच्चाई। भोली-भाली जनता को महाकुंभ में बुलाकर मरने के लिए छोड़ देने वाली इनकी सरकार महान है और इनकी बद इंतजामी पर सवाल उठाने वाले लोग सनातन विरोधी और गिद हैं, हैं ना?”
जया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “सबसे ज्यादा दूषित पानी इस समय कहां है, कुंभ में है। उसके लिए कोई सफाई नहीं दे रहे। बॉडी जो पानी में डाल दी गई हैं, उससे पानी दूषित हुआ है। यही पानी लोगों तक पहुंच रहा है वहां। इसके ऊपर कोई सफाई नहीं दे रहे हैं।” जया बच्चन के बयान से जुड़ी पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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