रविवार, 16 फ़रवरी 2025
महाकुंभ - बकवास बाज नेता - मो आजम खां
महाकुंभ - बकवास बाज नेता - मो आजम खां
महाकुंभ का आयोजन में पता नहीं क्या हो गया है कि आए दिन आग का लगना भगदड़ का मचना। भारी संख्या में लोगों की मृत्यु होना। प्रदेश भर में ट्राफिक जाम से जनजीवन का अस्त व्यस्त होना। आयोजन की सफलता है य असफलता का घोतक है बकवास बाज सत्तारूढ़ दल के नेता तरह तरह से आयोजन की सफलता का गुण गान कर रहा है अव्यवस्था अपनी चरम सीमा पर है महाकुंभ शब्द को नेताओं ने बदनाम कर दिया है रही सही कसर महाकुंभ के लिए जाने वाली भीड़ की भगदड दिल्ली स्टेशन पर भारी संख्या में श्रद्धालु जनों की मौत ने महाकुंभ की असफलताओं का रिकॉर्ड कायम कर है।
महाकुंभ में साधारण जनों की दुर्दशा है दूसरी तरफ प्रदेश सरकार दो माह से सिर्फ महाकुंभ ही करवा रही है।
पिछले महाकुंभ के सफल आयोजक मो आजम खां सरकार के कोपभाजन के कारण जेल में है। महाकुंभ के परिक्षेत्र में कोई घटना दुर्घटना नहीं हुई थी रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्घटना के शुद्ध रुप से रेलवे जिम्मेदार थी।
अखिलेश सरकार ने 2013 में आजम खान को महाकुंभ मेला समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था। हालांकि, जब इलाहबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची और उसमें 40 लोगों की जान चली गई तो इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आजम खान ने तुरंत 11 फरवरी 2013 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
संघ और बीजेपी ने उठाए थे सवाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विपक्षी दलों ने आजम खान को कुंभ मेले का प्रभारी मंत्री बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। संघ का कहना था कि कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को दी जानी चाहिए जो हिंदू परंपराओं और आयोजनों के प्रति श्रद्धा रखता हो। संघ का यह भी कहना था कि अगर कोई हिंदू मंत्री होता, तो ऐसी घटना नहीं होती। इस विवाद के बावजूद, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजम खान का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा था कि आजम खान ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कुंभ की व्यवस्थाएं संभालीं, इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें