शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

स्वामी विवेकानंद के सगे भाई भूपेंद्र नाथ दत्त कम्युनिस्ट थे

युवा अवस्था में ही ब्रह्म समाज ... भूपेंद्र नाथ दत्त (4 सितंबर 1880 - 25 दिसंबर 1961) स्वामी विवेकानंद के छोटे भाई थे, जो एक भारतीय कम्युनिस्ट क्रांतिकारी, समाजशास्त्री और मानवविज्ञानी थे. युवावस्था में वे युगांतर आंदोलन से जुड़े रहे और बाद में युगांतर पत्रिका के संपादक बने. उन्होंने मार्क्सवाद का प्रचार किया और कई किताबें लिखीं, जिनमें 'स्वामी विवेकानंद, देशभक्त-पैगंबर' शामिल है. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा भूपेंद्र नाथ दत्त का जन्म 4 सितंबर 1880 को हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कोलकाता के ईश्वर चंद्र विद्यासागर द्वारा स्थापित मेट्रोपॉलिटन इंस्टीट्यूशन से पूरी की. उन्होंने एमए की पढ़ाई के लिए अमेरिका और फिर पीएचडी के लिए जर्मनी गए. क्रांतिकारी जीवन युगांतर आंदोलन से जुड़ने के बाद वे युगांतर पत्रिका के संपादक बने और 1907 में गिरफ्तारी के बाद जेल गए. उन्होंने बंगाल विभाजन का विरोध किया और युगांतर पत्रिका में 'ईंट का जवाब ईंट से' देने की बात कही, जिससे अंग्रेज़ों के प्रति तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त हुई. वे इंडो-जर्मन षडयंत्र में शामिल थे. समाजशास्त्री और लेखक बाद में वे एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री और मानवविज्ञानी बने. उन्होंने भारतीय संस्कृति और समाज पर कई पुस्तकें लिखीं. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जन-कल्याणकारी पहलुओं पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण मार्क्सवादी क्लासिक्स का अनुवाद किया. बाद का जीवन भूपेंद्रनाथ दत्त ने ब्रिटिश भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन को बढ़ावा देने में योगदान दिया और कई कम्युनिस्ट नेताओं को प्रोत्साहित किया. आज भी, एशियाटिक सोसाइटी उनके सम्मान में डॉ. भूपेंद्रनाथ दत्ता स्मारक व्याख्यान आयोजित करती है. भूपेन्द्रनाथ दत्त - विकिपीडिया अनुवादित — डॉ. भूपेन दत्ता कभी भी सीपीआई के औपचारिक सदस्य नहीं रहे, लेकिन व्यावहारिक रूप से वे एक सदस्य के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने पार्टी के सदस्यों को प्रोत्साहित किया और उनकी भर्ती की, जिनमें सोमनाथ लाहिड़ी भी शामिल थे।

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