मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025
आश्चर्य जनक किन्तु सत्य है
चरक पूजा: अंग्रेजों नें 1863 में कानून बना कर इस प्रथा का अंत किया (चरक पूजा जब कभी भवन एवं पुल का निर्माण किया जाता था तो शूद्रों की स्त्री, पुरुष एवं बच्चों को जिंदा चुनवा दिया जाता था। इसकी मान्यता थी कि भवन या पुल ज्यादा दिनों तक टिकाऊ रहते हैं।) 2 सती प्रथा : दिसम्बर 1819 अंग्रेजों नें अधिनियम 17 द्वारा विधवाओं को जलाना अवैध घोषित कर सती प्रथा का अन्त किया और महिलाओं को आजाद किया। 3 देवदासी प्रथा ब्राहमणो के कहने पर शूद्र अपनी लड़कियों को मंदिर की सेवा केलिए दान दे देते थे। मंदिर के पुजारी उनका शारीरिक शोषण करते थे। और उससे जो बच्चा पैदा होता था उसे फेंक कर हरिजन नाम दे देते थे 1921 में अंग्रेजों ने जातिवार जनगणना कराई जिसमें अकेले मद्रास में 2 लाख देवदासी थी। 4 बाल विवाह अंग्रेजों नें 1872 सिविल मैरिज एक्ट बनाकर 14 वर्ष से कम आयु की कन्याओं एवं 18 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह वर्जित करके बाल विवाह पर रोक लगाई। 5 दास प्रथा : अंग्रेजो ने 1813 में कानून बनाकर दास प्रथा का अंत किया जिसमें शूद्र वर्ण की महिलाओं को दास बनने से मुक्ति मिली । 6 शुद्धिकरण पथ अंग्रेजो ने 1819 में अधिनियम 7 के द्वारा शुद्धिकरण प्रथा को समाप्त किया। इस प्रथा में शूद्रों की शादी होने पर दुल्हन को अपने दूल्हे के घर न जाकर कम से कम 3 दिन रात ब्राहमण के घर शारीरिक सेवा देनी पडती थी।
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