मंगलवार, 9 दिसंबर 2025
मास्टर दा सूर्य सेन की मुखबिरी चड्डी गैंग के नेत्र सेन ने किया था
◆ "मास्टर दा" सूर्य सेन, महान कांग्रेसी शहीद, का संसद में मोदी ने अपमान किया है..आज टेलीग्राफ अख़बार ने मोदी को ख़ूब सुनाया है..पश्चिम बंगाल में जनता थूक रही है..
~ मोदी ने "मास्टर" सूर्य सेन बोला..जब कि "मास्टर दा" कहना था..सूर्य सेन को सिर्फ़ मास्टर कहना गाली देने जैसा माना जाता है..बहुत बड़ा अपमान हुआ है।।
👉 मास्टर दा के ख़िलाफ़ जासूसी भी चड्डी गैंग ने की थी..जासूस का नाम था नेत्र सेन..
👉 कांग्रेसी किरणमय सेन और रोबिन्द्रो नंदी ने चड्ढी जासूस नेत्र सेन का सर काट दिया था..उस वक़्त के बंगाली कांग्रेसी ग़द्दारी की सज़ा सिर्फ़ मौत दिया करते थे..
◆ कौन थे मास्टर दा सूर्य सेन ?
~ 1918 में चट्टोग्राम कांग्रेस के अध्यक्ष
~ 1926-28 असहयोग में जेल में रहे
~ चट्टोग्राम अब बांग्लादेश में है
~ मास्टर दा एक शिक्षक भी थे..
~ बांग्लादेश में उन की हर निशानी हेरिटेज है
~ मास्टर दा ने ब्रिटिश का "चट्टोग्राम अस्त्रागार" लूटा था
~ तारीख़ थी 18 अप्रैल 1930
~ आर्म्स लूट कर कांग्रेस का झंडा फहरा दिया था
~ आर्म्स लूट कर क्रांतिकारियों को दे दिए थे
~ 80 ब्रिटिश फ़ौजियों को मारा था
~ 12 कांग्रेसियों की शहादत हुई थी
◆ इस ऑपेरशन के बा'द मास्टर दा अंडरग्राउंड हो गए थे..किसान, पुजारी, मुसलमान के तौर पर छुप कर रहने लगे थे..
◆ फरवरी 1933 में चड्ढी जासूस नेत्र सेन ने ब्रिटिश को मास्टर दा के छुपने की जगह बता दी थी..वरना मास्टर दा कभी पकड़े नहीं जाते
👉 नेत्र सेन की पत्नी कांग्रेसी थी..उन्होंने कांग्रेसियों को बता दिया था कि उन का पति चड्ढी जासूस है..और ख़ुद के पति को ग़द्दारी की सज़ा दिलवाई थी..
👉 ऐसी मिसाल शायद ही भारत में दूसरी है जहां एक पत्नी ख़ुद के पति को ग़द्दारी की सज़ा मौत दिलवाने में मदद की हो..ऐसी महान नारी का को नमन..
★★ 12 जनवरी 1934 को चट्टोग्राम सेंट्रल जेल में ब्रिटिश ने इस महान कांग्रेसी मास्टर दा सूर्य सेन को फांसी दे दी थी..
★★ चट्टोग्राम सेंट्रल जेल में आज भी उस फांसी मंच को हिफ़ाज़त से रखा गया है जिस मंच पर मास्टर दा को फांसी हुई थी.. मास्टर दा बांगलादेश के भी आइकॉन हैं..
✋ मास्टर दा सूर्य सेन के नाम के साथ कांग्रेसी नहीं लगाना भी उन का अपमान है..और मोदी ने उन का कांग्रेसी परिचय छुपाने का महापाप किया है..लानत है
💐 कांग्रेस के महान शहीद मास्टर दा सूर्य सेन अमर रहे..
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