गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

और जूता चल गया ..


बूट डासन ने बनाया
मैंने मजंमू लिख दिया
मुल्क में मजंमू फैला
और जूता चल गया।

पुरानी कविता

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

अब तो चल निकला है..

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