शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

हमारे देशभक्त

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ट अधिकारी श्री मनोज अग्रवाल दिल्ली विकास प्राधिकरण में उच्च पद पर पदासीन हैं मनोज अग्रवाल के यहाँ सी.बी.आई ने छापा डाला तो 2.75 लाख रुपये उन्होंने ने अपनी छत से नीचे फेंक दिए । विभिन्न जगहों कि छापामारी के पश्चात लगभग 1 अरब रुपये से ज्यादा की परसम्पत्तियाँ प्रकाश में आई हैं और पांच बैंक लाकरों का खुलना अभी बाकी है । उत्तर प्रदेश आई.ए.एस एसोसिएसन ने अपने वहां पांच महाभ्रष्टों को चिन्हित करने का कार्य किया था तब यह मामला प्रकाश में आया की वरिष्ट नौकरशाहों को सेवा अवधि में जितना वेतन भत्ता व सुविधाएं मिलती हैं उससे हजारों गुना ज्यादा उनकी परिसंपत्तियां है और एक-आध प्रशासनिक अफसर को छोड़ कर सभी अपनी देश भक्ति में लगे हुए हैं । यह तथ्य आने के बाद आई.ए.एस एसोसिएसन ने महाभ्रष्टों के चयन का कार्य बंद कर दिया । केंद्र सरकार को चलाने के लिए विभिन्न प्रकार के नौकरशाह नियुक्त होते हैं । जिनके दिशा निर्देशों व सोच पर केंद्र सरकार संचालित होती है। वास्तविक देश की प्रगति इन्ही के हाथों तय होती है ।

हमारे ये नौकरशाह देश को राष्ट्रभक्त, देशभक्ति, नैतिकता, कानून, न्याय, लोकतंत्र का पाठ विभिन्न समारोहों में मुख्य अतिथि या अतिथि बनकर पढ़ाते रहते हैं और उनके अनुकरणीय आचरण को देख कर जनता भी इन्ही चीजों का अनुसरण करती रहती है। अब सवाल यह उठता है कि देशद्रोही, गद्दारी बेचारा क्या करे ?
ब्रिटिश साम्राज्यवाद ने दुनिया की जनता को गुलाम बनाने के लिए गुलाम देशों में प्रशासनिक सेवाओं का तंत्र निर्मित किया था और आज भी नौकरशाहों का न चरित्र ही बदला है न ही साम्राज्यवादी सोच इस कारण इन लोगों से भारतीय जन गण का भला नहीं होने वाला है ।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com
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