22 दिसम्बर 2005 को गुजरात में सहाबुद्दीन और उनकी पत्नी कौशर बी तथा एक अन्य व्यक्ति तुलसी राम प्रजापति को गुजरात और आन्ध्र पुलिस के एक संयुक्त ऑपरेशन में पकड़ा गया था बाद में गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने फर्जी मुठभेड़ के नाम पर हत्या कर दी थी । पुलिस अधिकारियो ने सबूत मिटाने के लिए तुलसी राम प्रजापति तथा कौसर बी की भी हत्या कर दी थी। यह सब कार्य गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पात्र अधिकारीयों ने किया था पीड़ित पक्ष माननीय उच्चतम न्यायलय में रिट दाखिल कर सी.बी.आई जांच कराने की मांग कर रहा था। माननीय उच्चतम न्यायलय ने विगत दिनों सी.बी.आई जांच करने के आदेश दे दिए हैं । इस मामले में महानिरीक्षक डी.डी बंजारा, आर.के पाण्डेय आई.पी.एस, दिनेश एमएन (राजस्थान कैडर के आई.पी एस) व पुलिस उपाधीक्षक एन.के अमीन सहित अन्य नौ पुलिस कर्मी जेल में हैं सी.बी.आई को यह जांच करनी है कि क्या नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कौन-कौन से अधिकारी इन तीनो की हत्या के षड्यंत्र में शामिल थे ? माननीय डी.डी बंजारा जब से जेल में हैं तबसे गुजरात का आतंकवाद पूर्णतया समाप्त हो गया है । इस तरह से यह बात सोचने की है कि गुजरात का मुख्य आतंकी कौन था ?
माननीय उच्चतम न्यायलय के इस आदेश के बाद राजनीतिक नेतृत्व व नौकरशाही अपने हितों के लिए लोगो की हत्या करने में जो संकोच नहीं करती है उसकी गति में जरूर ठहराव आएगा । राज्य का कार्य अपने नागरिको की हत्या करना नहीं होता है बल्कि नागरिको द्वारा किसी भी अपराध किये जाने पर समुचित न्यायिक प्रक्रिया द्वारा दण्डित किये जाने की व्यवस्था है लेकिन हमारे देश में भाषा, धर्म, जाति , राज्य, लिंग के आधार पर तमाम सारे अपराध राज्य को चलाने वाले अपराधी करते रहते हैं जिसको रोका जाना समाज के हित में होगा ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
माननीय उच्चतम न्यायलय के इस आदेश के बाद राजनीतिक नेतृत्व व नौकरशाही अपने हितों के लिए लोगो की हत्या करने में जो संकोच नहीं करती है उसकी गति में जरूर ठहराव आएगा । राज्य का कार्य अपने नागरिको की हत्या करना नहीं होता है बल्कि नागरिको द्वारा किसी भी अपराध किये जाने पर समुचित न्यायिक प्रक्रिया द्वारा दण्डित किये जाने की व्यवस्था है लेकिन हमारे देश में भाषा, धर्म, जाति , राज्य, लिंग के आधार पर तमाम सारे अपराध राज्य को चलाने वाले अपराधी करते रहते हैं जिसको रोका जाना समाज के हित में होगा ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें