बाबरी मस्जिद प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ ने अपना फैसला दे दिया। भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। सहमति और असहमति प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। असहमति वाले लोगों के लिए द्वार माननीय उच्चतम न्यायलय के लिए खुले हैं लेकिन जब किसी भी विवादस्पद मामले में न्याय पाने के लिए जब हम न्यायलय पहुँचते हैं तो उसके फैसले का सम्मान करना हम सभी नागरिको का कर्तव्य है लेकिन कुछ वर्षों से शरारती व अलोकतांत्रिक तरीकों का उपयोग करके हिंसा फ़ैलाने का काम भी जारी रहा है। जब हम हिंसा का प्रयोग करने लगते हैं, तब देश की एकता और अखंडता को निश्चित रूप से चाहे अनचाहे चोट पहुंचाते हैं।
हमारे देश में भाषा, जाति, प्रान्त, धर्म, सम्प्रदाय के सवाल उठा कर देश को कमजोर करने का कार्य सदियों से जारी रहा है। इसी प्रकरण के सवाल पर सैकड़ों करोडो रुपये फैसला सुनाने के नाम पर व कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए खर्च किये जा चुके हैं, जब इस खर्चे का फ़ाइनल हिसाब-किताब आएगा तो उसमें भी घोटाले नजर आयेंगे लेकिन हमारे आपके बीच में अब यह फैसला होना है कि हम कितनी मजबूती से अपनी सांप्रदायिक एकता व सद्भाव को बचाए व बनाये रखते हें।
आइये हम आप मिलकर फैसले का सम्मान करें -
सुमन
लो क सं घ र्ष !
हमारे देश में भाषा, जाति, प्रान्त, धर्म, सम्प्रदाय के सवाल उठा कर देश को कमजोर करने का कार्य सदियों से जारी रहा है। इसी प्रकरण के सवाल पर सैकड़ों करोडो रुपये फैसला सुनाने के नाम पर व कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए खर्च किये जा चुके हैं, जब इस खर्चे का फ़ाइनल हिसाब-किताब आएगा तो उसमें भी घोटाले नजर आयेंगे लेकिन हमारे आपके बीच में अब यह फैसला होना है कि हम कितनी मजबूती से अपनी सांप्रदायिक एकता व सद्भाव को बचाए व बनाये रखते हें।
आइये हम आप मिलकर फैसले का सम्मान करें -
चाहे अल्लाहू कहो , चाहे जय श्री राम !
प्यार फैलना चाहिए , जब लें रब का नाम !!
मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !
इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !!
प्यार फैलना चाहिए , जब लें रब का नाम !!
मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !
इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
सुमन
लो क सं घ र्ष !
5 टिप्पणियां:
aap se sahamat hun
मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !
इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !!
bahut sunder!
उचित संदेश!
बधाई हो -
सत्य को जितना भी दबाया जाये - पर वो सामने आकार ही रहता है.
चाहे अल्लाहू कहो , चाहे जय श्री राम !
प्यार फैलना चाहिए , जब लें रब का नाम !!
मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !
इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !!
bahut sundar vichar .
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