विश्व की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में मानी जाने वाली इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र की दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग है। इसके कर्मचारियों अधिकारीयों के लिए इसकी अपनी जेट हवाई सेवा भी है। जून 2010 में अमेरिका के कैलिफोर्निया से कोलंबस नमक स्थान पर सैमसंग कंपनी का जहाज जाने की तैयारी में था। कैलिफोर्निया हवाई अड्डे के कर्मचारियों को उसमें रखे गए सामान पर शक हो गया। तलाशी लेने पर 230 किलोग्राम मारिजुआना- नमक एक नशीला पदार्थ बरामद हुआ जिसको मौत के सौदागरों के हाथ बेचने पर लगभग 15 करोड़ का मुनाफा होगा।
सैमसंग कंपनी की व्यावसायिक हैसियत को देखने के हिसाब से 15 करोड़ रुपये का कोई अर्थ नहीं है लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को मुनाफे से मतलब होता है और मुनाफे के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं। मानवता, इंसानियत इनके शब्दकोष में नहीं है। भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ की भी अगर जांच की जाए तो कर चोरी के अलावा मानव विरोधी बहुत से कार्यों में इनके संलिप्तता पायी जाएगी। बहुराष्ट्रीय कंपनी रिलायंस तमाम तरह के घोटालों में लिप्त होने के बाद भी भारत सरकार उनके विरुद्ध कार्यवाई करने में हमेशा अपने को असमर्थ पाया है। भारतीय बहुराष्ट्रीय निगम अपने मुनाफे में वृद्धि करने के लिए सरकार के नियमो और उपनियमो को भी अपने पक्ष में करने के लिए सभी हथकंडे अपनाती है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
आशा करनी चाहिये कि यह कंपनी का काम नहीं होगा...किसी का व्यक्तिगत दुर्प्रयास रहा होगा.
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