शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में जारी हिंसा का मुख्य कारण मंत्री और मंत्रियों, अधिकारीयों के रिश्तेदारों का प्रत्याशी होना है

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे हैंतीन चरणों में मतदान पूरा हो चुका हैचौथे चरण का मतदान 25 अक्टूबर को होना हैइन चुनावों की मुख्य विशेषता यह है कि मंत्रियों के पूरे के पूरे परिवार चुनाव मैदान में हैंचुनाव से जुड़े हुए अधिकारीयों कर्मचारियों के परिवार के लोग चुनाव मैदान में होने के कारण चुनाव आचार संहिता का कोई अर्थ नहीं रह गया हैचुनाव आचार संहिता का उपयोग विपक्षी प्रत्याशियों के उत्पीडन के लिए किया जा रहा हैप्रशासनिक गुंडागर्दी का यह आलम है कि लोगों की मोटरसाइकिलों तक पंचर कर दी जा रही हैंमतदाताओं की जबरदस्त पिटाई की जा रही हैउसके बावजूद भी चुनावी हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही हैवहीँ प्रत्याशी मतदाताओं को दारु-मुर्गा, साड़ी, सहित तमाम तरह की घूस मतदाताओं को दे रहे हैं
लोकतान्त्रिक व्यवस्था के पतन की तस्वीर इन चुनावों में दिखाई दे रही हैयदि सरकारी चुनाव मशीनरी निष्पक्ष तरीके से कार्य करे तो काफी हद तक लोकतान्त्रिक व्यवस्थित तरीके से चुनाव संपन्न कराया जा सकता हैअन्यथा इस तरह से चुने गए उमीदवार सिर्फ घोटाला करने के अतिरिक्त कुछ करते नहीं हैं

सुमन
लो क सं घ र्ष !

1 टिप्पणी:

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

SUMAN JI NAMSKAR ..ANURODH HAI KI POST KO AUR VISTAR DIYA KAREN ,,AAPKE PAS VISHAY AUR VASTU KI KOI KAMI NAHI HAI ..AAP NE VOT DI KI NAHI .SARTHAK PRAYAS

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