उत्तर प्रदेश में लखनऊ और फैजाबाद की कचेहरियों में बम विस्फोट हुए थे। उस समय 25 दिसम्बर 2007 को ए.टी.एस, एस.टी.एफ और उच्च पुलिस अधिकारी बृजलाल ने अखबारों में अपने बयान प्रकाशित कराये थे जिसमें कहा गया था कि प्रारम्भिक जांच से पता चलता है कि हैदराबाद की मक्का मस्जिद और गोकुल चाट हाउस पर जो धमाके किये गए। उनकी कार्यविधि लखनऊ और फैजाबाद में हुए धमाकों से मेल खाता है। दोनों धमाकों में एक जैसी बैटरी व घड़ियाँ व धमाके खेज माद्दे इस्तेमाल किये गए थे. फैजाबाद में हुए धमाके में प्रिंस टेबल अलार्म घडी का इस्तेमाल किया गया था उसी कंपनी की घडी हैदराबाद धमाके में भी इस्तेमाल की गयी थी। हैदराबाद में धमाके के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया था।
स्वामी असीमानंद ने अपने 164 सी.आर.पी.सी के बयान में यह स्वीकार किया है कि हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाका उसी ने किया था और उसी तर्ज पर फैजाबाद और लखनऊ की कचेहरियों में बम धमाके हुए हैं तो हो सकता है कि हिन्दुवत्व वादी आतंकी संगठनो ने इन बम कांडों को किया हो। इन बम कांडों में 12 दिसम्बर 2007 को मोहम्मद तारिक को आजमगढ़ से और 16 दिसम्बर 2007 को मोहम्मद खालिद को मडियाहूँ से उठा कर एस.टी.एफ ने 22 दिसम्बर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास आर.डी.एक्स के साथ फर्जी गिरफ्तारी दिखाई थी। इसलिए आवश्यक यह है कि न्याय देने के लिए कचेहरी सीरियल बम विस्फोट कांड की पुन: जाँच की जाए और दोषी व्यक्तियों को अविलम्ब रूप से गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए। फर्जी गिरफ्तारी दिखाने वाले पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ भी समुचित कार्यवाई की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओ की पुनरावृत्ति न हो।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
स्वामी असीमानंद ने अपने 164 सी.आर.पी.सी के बयान में यह स्वीकार किया है कि हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाका उसी ने किया था और उसी तर्ज पर फैजाबाद और लखनऊ की कचेहरियों में बम धमाके हुए हैं तो हो सकता है कि हिन्दुवत्व वादी आतंकी संगठनो ने इन बम कांडों को किया हो। इन बम कांडों में 12 दिसम्बर 2007 को मोहम्मद तारिक को आजमगढ़ से और 16 दिसम्बर 2007 को मोहम्मद खालिद को मडियाहूँ से उठा कर एस.टी.एफ ने 22 दिसम्बर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास आर.डी.एक्स के साथ फर्जी गिरफ्तारी दिखाई थी। इसलिए आवश्यक यह है कि न्याय देने के लिए कचेहरी सीरियल बम विस्फोट कांड की पुन: जाँच की जाए और दोषी व्यक्तियों को अविलम्ब रूप से गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए। फर्जी गिरफ्तारी दिखाने वाले पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ भी समुचित कार्यवाई की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओ की पुनरावृत्ति न हो।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
after6 dec.1992 .,in every terrorist activity INDIAN agences and POLICE arrest inocent MUSLIMS ,RSS elements those r in GOVT.working against minority,they made conspiracy,I can say very cofidently that MSLIMS OF INDIA can not do any odd activity against country,V love our NATION more than any one.
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