सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

ममता की फुलझड़ी

भ्रष्टाचारी सरकार में रेल मंत्री
रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने मांग की है कि बंगाल के कम्युनिस्ट नेताओं जिनका धन विदेशों में जमा है उसकी जांच करायी जाए। जांच निश्चित रूप से करायी जानी चाहिए। ममता बनर्जी को यह राग अलापने के बजाये कि जांच होनी चाहिए, वह भारत सरकार में मंत्री हैं उन्हें अविलम्ब प्रधानमन्त्री से मिलकर जिन जिन कम्युनिस्ट नेताओं के विदेशों में रुपया जमा होने का अंदेशा हो, उनकी जांच करा दें और अगर वह इतना छोटा सा कार्य नहीं करा सकती हैं तो उनको पद मुक्त हो जाना चाहिए। फुलझड़ी छोड़ने के लिए मंत्री पद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वैसे ममता बनर्जी जिस सरकार में रेल मंत्री हैं। उस में दूरसंचार घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला तथा इसरो-देवास समझौता जैसे घोटाले चर्चा में हैं। दूरसंचार मंत्री .राजा जेल में हैं। ममता जी आप किस मुंह से आरोप लगा रही हैं। पहले भाजपा के समर्थन की सरकार चलाई और अब कांग्रेस को समर्थन देकर भ्रष्टाचारियों की सरकार चला रही हैं।
पिछले साल ममता बनर्जी ने रेल बजट में तमाम सारी घोषणा की थी। जिसमें अधिकांश हवा-हवाई साबित हुई हैं सबसे ज्यादा रेल दुर्घटनाएं ममता बनर्जी के समय में हुई हैं। रेल मंत्रालय वास्तव में बगैर मंत्री पद है क्योंकि रेल मंत्री का काम रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी न देख कर बंगाल की वाम मोर्चा सरकार हटाओ मंत्रालय देख रही हैं। पिछले चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस ने अरबों रुपये चुनाव अभियान में उद्योगपतियों से लेकर खर्च किये थे। जरा सा तृणमूल कांग्रेस के चुनाव खर्चों पर श्वेत पत्र जारी ही कर दीजिये।

सुमन
लो क सं घ र्ष !
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