देवेगौड़ा के कार्यकाल में भारत के गृह मंत्री रहे कॉमरेड इंद्रजीत गुप्ता अपनी ईमानदारी व सादगी के लिए विख्यात रहे. गृह मंत्री के रूप में भी वे दो कमरे के घर में ही रहे. आज रफी अहमद किदवई किसे याद हैं? उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी. पर, प्रैक्टिस नहीं की. वह बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) के रहनेवाले थे. उनका घर खपड़ैल था. कुछ हिस्सा झोपड़ीनुमा भी था. उनके बाहर के कमरे में जो लोग बैठते थे. उन्होंने लिखा है - घर की छवाई इतनी खराब थी कि कमरे से रात में तारे दिखते थे और दिन में आसमान. आजाद भारत के कैबिनेट में मंत्री रहे, तब से मरने तक. उनके मरने के बाद पत्नी और बच्चे वापस उसी ध्वस्त और जर्जर मकान में चले गये, जहां किदवई साहब का वह पुराना घर था। उनके न रहने पर पता चला कि उनके बैंक खाते में भी कुछ नहीं था।
प्रभात खबर से साभार
3 टिप्पणियां:
ऎसे नेताओ को लोग अपने दिल मे सम्मान देते हे, ओर यह एक उदारण बनते हे इमानदारी का, ओर आज के नेताओ को लोग मां बहन की गालिया भी नही देते, क्योकि आज के नेता उन्हे भी बेच देते हे पैसो के लिये, देश तो क्या हे इन के लिये..., भारत टिका हे तो कॉमरेड इंद्रजीत गुप्ता ओर रफी अहमद किदवई जेसे नेताओ की अच्छाई के कारण ही हे, हमे नाज होना चाहिये ओर बच्चो को इन जेसा बनाने की शिक्षा देनी चाहिये
अपवाद के हाशिये में डाल भुला दिये जायेंगे.
कॉमरेड इंद्रजीत गुप्ता और रफी अहमद किदवई जी के बारे में अच्छी जानकारी दी आपने... आजकल तो ऐसे लोगो को बेवक़ूफ़ कहा जाने लगा है... इंसानों में इंसानियत का जज्बा ख़त्म होता जा रहा है...
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