सोमवार, 14 मार्च 2011

विष कन्याओं का पतित खेल और अमरीकी साम्राज्यवाद

विश्व के सबसे ताकतवर और घृणित साम्राज्यवाद अर्थात् अमरीका के ऊपर एक बेजान और अदना-से नेट हमलावर ने जैसा सांघातिक आक्रमण किया है वह संभवतः अमरीका के लिए इतिहास का अब तक का सर्वाधिक शर्मिंदगी भरा आघात साबित हुआ है। विश्व की अनेक सरकारों, देशों, नागरिकों, शासकों और यहाँ तक कि सभ्यताओं को तहस-नहस करने की असीम नंगई प्रदर्शित करते रहने वाला अमरीकी साम्राज्यवाद आज इस अदना-से नेट हमलावर की करनी से खुद इस कदर हिल उठा है- मानो वह ब्रह्मांड में अपने पथ से भटक कर आवारा विचरण करने वाले किसी क्षुद्रतम उल्का पिंड से छू गया हो। कहने की जरुरत नहीं कि आप भलीभाँति जानते हैं कि वह अदना-सा नेट हमलावर विकीलीक्स नामक इंटरनेट सेवा का संस्थापक और आस्ट्रेलिया निवासी जूलियन असांजे है। लेकिन ये अंसाजे महोदय अब अदना-सा प्राणी नहीं रह गए हैं। वे उस संसार में जिसे सूचनाओं का महाकाश कहा जाता है, एक ऐसा भीमकाय रुप ग्रहण कर चुके हैं जिस पर आज के सर्वाधिक शक्तिशाली अमरीकी साम्राज्यवाद की सीधे हाथ डालने के नाम पर रुह काँप रही है।
लेकिन आज हम क्या देखते हैं कि नेट संसार का यह भीमकाय प्राणी अर्थात् असांजे महोदय कुछ समय पहले तक चूहे की तरह एक ऐसे जाल में फँसे नजर आ रहे थे जिसकी हमारे जैसे परंपरागत एशियाई समाज में तो कम से कम अत्यंत घिनौने रूप में पहचान होती है। वह है बलात्कार का आरोप। कहते हैं असांजे महोदय परम प्रसिद्धि हासिल करने के बाद संस्थाओं के बुलावे पर लेक्चर देने स्वीडन की यात्रा पर गए। उसी दौरान वहाँ वे दो स्वीडिश महिलाओं के साथ हम बिस्तर हुए जिसे बाद में इन महिलाओं ने इसे अपने साथ बलात्कार किए जाने का कृत्य बताकर असांजे महोदय के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा दीं। फिर क्या था, असांजे महोदय को किसी पगलाए कुत्ते की तरह पीछा किया जाने लगा। कहते हैं, यह घिनौना जाल अमरीका की सर्वाधिक खूँखार और बदनाम जासूसी संस्था सी0आई0ए0 ने बिछाया था और असांजे महोदय को इस घिनौने आरोप के तहत गिरफ्तार करने का भयंकर दबाव भी उसी का था। काफी लुकने-छिपने के बाद अंततः असांजे महोदय के पास अपने को ब्रिटिश पुलिस के हवाले करने के सिवाय कोई चारा नहीं रहा। हालाँकि ‘सूचनाओं के महाकाश’ अर्थात् नेट की दुनिया के योद्धाओं ने असांजे महोदय के समर्थन में ऐसी भारी ब्यूह रचना की कि सी0आई0ए0 के जबर्दस्त दबाव के बावजूद उन्हें जमानत पर छोड़ना पड़ा।
यह गर्हित घटनाक्रम क्या हमें पुराने समय के हिंदी के एक सर्वाधिक पढ़े जाने वाले उपन्यासकार देवकी नंदन खत्री के तिलस्मी उपन्यासों की याद ताजा नहीं करा देता है? लेकिन जरा ठहरिए! यह सवाल मैं किससे पूछ रहा हूँ? अपने समय की आज की उस पढ़ी-लिखी पीढ़ी से जिसका बहुलांश नेट की इसी असीम दुनिया की नागरिकता लेने के अंध-दौड़ में शामिल है और जिसका भारतीय साहित्य और संस्कृति से नाममात्र का रिश्ता रह गया है। वह भला देवकी नंदन खत्री के नाम और उनके उन उपन्यासों को क्यों कर जानने लगेगी जिनके पुनर्प्रकाशन का रिवाज भी जमाना पहले बंद हो चुका है? बहरहाल, मैं यहाँ आज की अत्याधुनिक दुनिया के इस गर्हित घटनाक्रम के लिए बीते जमाने के उपन्यासकार देवकी नंदन खत्री के तिलस्मी उपन्यासों की याद इसलिए नहीं करा रहा हूँ कि युवा पीढ़ी उनकी ओर आकर्षित हो। यदि ऐसा होता है तो हिंदी प्रकाशकों के लिए तो कम से कम भारी मुनाफे का अवसर तो पैदा हो ही सकता है। यह तुलना मैं इसलिए कर रहा हूँ कि लोग यह देखें कि हर युग में षड्यंत्रकारी सत्ताएँ अपने राज्य-शत्रुओं से निबटने के लिए कितने घिनौने स्तर की ब्यूह रचनाएँ रच सकती हैं- यह इस विकीलीक्स प्रकरण से साफ जाहिर होता प्रतीत होता है। देवकीनंदन खत्री के उपन्यासों में विष-कन्याओं की रोमांचकारी उपस्थिति ने भी उन तिलस्मी उपन्यासों की पठनीयता और लोकप्रियता में भारी इजाफा किया था। अमरीकी साम्राज्यवाद के कुख्यात सी0आई0ए0 एजेंटों के तर्ज पर खत्री रचित उपन्यासों की तरह मध्ययुगीन सम्राटों की निजी शासन-व्यवस्था में भी हम ऐय्यारों की एक पूरी सुगठित टोली पाते हैं जो राज्य शत्रुओं को तथा उनके षड्यंत्रों को नेस्तनाबूद कर देने के लिए किसी भी तौर तरीकों को अपनाने से बाज नहीं आती। उन्हीें में से एक तरीका था विष कन्याएँ पालना और उनके सांघातिक नागफाँस में फाँस कर राज्य शत्रुओं का निश्चित अंत करवाना। विष कन्याएँ परम सुंदरियाँ हुआ करती थीं और चपल-चतुर भी। वे राज्य पोषित थीं और उनकी परवरिश-प्रशिक्षण पर भारी राशि खर्च होती थी। ऐय्यारों को जब लगने लगता कि राज्य-शत्रु को घेरना अब उनके वश में नहीं रह गया है तब वे अंतिम और अचूक हथियार के रूप में विष कन्याओं को आगे बढ़ा देते थे। कहने की जरुरत नहीं कि विष कन्याएँ किन क्रियाओं द्वारा शत्रु के निश्चित नाश का खेल खेलती होंगी।
विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के मामले में क्या हम ठीक यही चीज नहीं पाते हैं? कहते हैं कि सी0आई0ए0 के हथकंडे में एक ‘हनी ट्रैप’ भी शामिल है। जाहिर है, सी0आई0ए0 के एजेंटों का जब सीधे-सीधे अमरीकी साम्राज्यवाद के शत्रुओं पर हाथ डालना संभव नहीं हो पाता होगा तो वे आखिरी हथियार के रुप में इसी ‘हनी ट्रैप’ का सहारा लेते होंगे। जैसा कि नाम से ही आभास होता है यह ‘हनी ट्रैप’ सी0आई0ए0 द्वारा तैयार किया गया सुरा-सुंदरियों का ही वह मोहक-मारक जाल है जिसमें फँसकर शत्रु को एकबारगी ‘नंगा’ होने की शर्मिदंगी से उबर पाना कठिन हो जाता होगा। विकीलीक्स द्वारा अमरीकी साम्राज्यवाद के पापों-अपराधों का रहस्योद्घाटन किए जाने और आगे और भी अधिक किए जाने की संभावना से आज अमरीकी प्रशासन दुनिया के सामने पूरी तरह से ‘नंगा’ हो चुका है और अपनी इस नग्नता को ढकने के लिए वह जिस ‘नंगई’ पर उतर आया है उसने उसकी नग्नता की वीभत्सता में और इजाफा ही किया है। दुनिया ने अमरीकी नंगई का यह नमूना विकीलीक्स के मालिक जूलियन अंसाजे की दो स्वीडिश महिलाओं के साथ तथाकथित बलात्कार के आरोपों में गिरफ्तारी के रूप में देखा है। हम यह कतई नहीं कहेंगे कि वे दोनों महिलाएँ सी.आई.ए. द्वारा पालित-पोषित ‘विष कन्याएँ’ ही हैं लेकिन विश्व मीडिया में इस प्रकरण पर अधिकांशतः जो टिप्पणियाँ, व्याख्याएँ प्रस्तुत की गई हैं वे यही आभास देती लगती हैं कि असांजे महोदय को सी0आई0ए0 रचित ‘हनी ट्रैप’ में फँसाया गया है। यह एक तीर से दो शिकार करने की अमरीकी साम्राज्यवाद की घिनौनी चाल को प्रदर्शित करती है। एक तो यह कि दुनिया के सबसे ताकतवर साम्राज्यवाद को ‘नंगा’ करने की धृष्टता करने वाले इस शत्रु को ऐसी जगह लाकर मारो जिससे शर्म के मारे वह अपनी गर्दन न उठा सके। दूसरा यह कि इस तथाकथित बलात्कारी शत्रु की ऐसे देश में गिरफ्तारी कराना जो अमरीका के साथ प्रत्यर्पण संधि से बँधा हो और जिसे बाद में अमरीका में घसीट कर लाया जा सके और उसका मुँह हमेशा के लिए बंद किया जा सके।
यह तो कहिए कि अमरीकी साम्राज्यवाद का यह शत्रु अर्थात् जूलियन असांजे नेट ब्रह्मांड का ऐसा महाबली निकला जिसकी असीम ताकतों को परखने में सी0आई0ए0 से भारी चूक हो गई। दरअसल, इस तरह के सांघातिक और प्रबलतम नेट प्रहार से अमरीकी साम्राज्यवाद का अपने सम्पूर्ण इतिहास में यह पहला ही सामना था जिसके आगे उसके कुख्यात सी0आई0ए0 एजेंटों के तमाम क्रूरतम और घृणास्पद फंदे रेत के ठेर साबित हो गए। असांजे महोदय के नेट योद्धाओं ने इस घिनौने और कुटिलतम ‘‘हनी ट्रैप’’ के विरुद्ध ऐसी एकजुटता प्रदर्शित की कि न सिर्फ विकीलीक्स का यह मालिक कैद से बाहर आ गया बल्कि सिर उठाकर यह कहने की स्थिति में भी कि यह बलात्कार का नहीं, आपसी सहमति से किए गए एक सामान्य कृत्य (योरोपीयन मानदंड के अनुसार) का मामला है।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। दुनिया में ऐसे लाखों लोग जिनमें हमारे देश के खाए-पिए-अघाए लोग भी शामिल हैं, अब तक तमाम अमरीकी बदमाशियों से आँख चुराए रहकर इसलिए उसके तीव्र मोहपाश में फँसे रहते हैं कि अंततः एक नई दुनिया और नई सभ्यता का अवतार यह अमरीकी धरती ही है, इस अमरीकी ‘नंगई’ के उजागर होने के बाद अपने ‘अवतार’ के बारे में अब क्या सोचेंगे? हम नहीं कह सकते कि जूलियन असांजे की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों से महा आतंकित अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके कुख्यात सी.आई.ए. एजेंट बौखलाहट में अभी और कितने घिनौने और पतित हथकंडे अपनाएँगे। लेकिन यह तो तय है कि ‘हनी ट्रैप’ के प्रकरण ने कुछ बातें बिल्कुल साफ कर दी हैं-आईने की तरह। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया जा चुका है, षड्यंत्रकारी सत्ताएँ चाहे वे किसी भी युग की क्यों न हों, अपने मूल चरित्र में एक समान होती हैं। अमरीकी साम्राज्यवाद को चाहे जिस कारण नई दुनिया और नई सभ्यता के अवतार से अभिहित किया जाता हो, दरअसल उन मध्य युगीन सम्राटों, साम्राज्यों का ही आधुनिकतम रूप है जिनके यहाँ विष कन्याओं का निरघिन खेल खेलने से तनिक गुरेज नहीं किया जाता था। जूलियन असांजे ने लाखों अमरीकी गुप्त सूचनाएँ प्राप्त कर और उनका अल्पांश ही नेट पर जारी कर जितना नंगा किया है सी0आई0ए0 ने ‘हनी ट्रैप’ का पतित खेल रचकर अमरीकी साम्राज्यवाद की उस नग्नता की वीभत्सता के विस्तार का काम ही किया है। सैकड़ों साल के अंतराल के बाद नई दुनिया का एक आधुनिकतम ‘अवतार’ मध्य युगीन सत्ता, साम्राज्यों की नग्नता को भी मात देने में बाजी मार ले सकता है, यह बात तो देवकी नंदन खत्री के कल्पना लोक को छू तक नहीं सकी होगी।

-सुमन्त

3 टिप्‍पणियां:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

सत्ता और साम्राज्य खुद को बचाने के लिए क्या नहीं करती?

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

उपयोगी जानकारी!
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लोकसंघर्ष पत्रिका के अंक मिल गये हैं!

Sushil Bakliwal ने कहा…

उपयोगी जानकारी । आभार...

टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.

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