जापान में दुनिया का पांचवे सबसे बड़े भूकंप के बाद आई सुनामी में 1000 से ज्यादा लोग मारे गए। 1300 मील लम्बे तटवर्ती इलाके में 33 फूट तक ऊँची लहरों ने व्यापक तबाही मचाई है। सुनामी के कारण कई रिफ़ायनरीज़ में आग लग गयी। कई सौ अरब रुपये की परिसंपत्तियां नष्ट हो गयीं। जनजीवन ध्वस्त हो गया। लोकसंघर्ष परिवार अपनी संवेदना प्रकट करता है।
वहीँ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य की सुनामी के तहत लखनऊ के डी.आई.जी डी.के.ठाकुर ने राज्य की सुनामी आनंद सिंह भदौरिया के ऊपर उतारी। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डी.के. ठाकुर ने गिरफ्तारी के बाद आनंद सिंह भदौरिया को हजरतगंज में लाठियों से पीट कर सड़क पर लातों से रौंदा जिससे उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के पुलिस अधिकारीयों का वास्तविक चेहरा जनता के सामने आया। कहने के लिये हम आप लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा हैं लेकिन वास्तव में राज्य का असली स्वरूप जब सामने आता है तो वह बड़ा वीभत्स होता है। इन स्तिथियों के बाद भारत सरकार में दम है कि इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाई कर सके। जनता के साथ पुलिस का व्यवहार यह होता है, वहीँ अभी कुछ दिन पहले राज्य के एक पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री का जूता साफ़ करते नजर आये थे। अगर बात मुख्यमंत्री की आ जाए तो महाबलशाली डी.आई.जी डी.के.ठाकुर उनकी चप्पलें साफ़ करते नजर आयेंगे। इन घ्रणित चेहरों का इलाज भारतीय लोकतंत्र में नहीं है ।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
वहीँ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य की सुनामी के तहत लखनऊ के डी.आई.जी डी.के.ठाकुर ने राज्य की सुनामी आनंद सिंह भदौरिया के ऊपर उतारी। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डी.के. ठाकुर ने गिरफ्तारी के बाद आनंद सिंह भदौरिया को हजरतगंज में लाठियों से पीट कर सड़क पर लातों से रौंदा जिससे उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के पुलिस अधिकारीयों का वास्तविक चेहरा जनता के सामने आया। कहने के लिये हम आप लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा हैं लेकिन वास्तव में राज्य का असली स्वरूप जब सामने आता है तो वह बड़ा वीभत्स होता है। इन स्तिथियों के बाद भारत सरकार में दम है कि इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाई कर सके। जनता के साथ पुलिस का व्यवहार यह होता है, वहीँ अभी कुछ दिन पहले राज्य के एक पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री का जूता साफ़ करते नजर आये थे। अगर बात मुख्यमंत्री की आ जाए तो महाबलशाली डी.आई.जी डी.के.ठाकुर उनकी चप्पलें साफ़ करते नजर आयेंगे। इन घ्रणित चेहरों का इलाज भारतीय लोकतंत्र में नहीं है ।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
4 टिप्पणियां:
उत्तर प्रदेश का हाथी बिना अंकुश का हो गया है .... परोक्ष तानाशाही का दूसरा चेहरा है उत्तर प्रदेश सरकार
राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलजुग आएगा
हंस चुगेगा दाना दूनका कौवा मोती खाएगा
यह अच्छी बात नहीं है!
आपकी पोस्ट देख कर यह याद आया कि जिन्हें नाज है हिंद पर वह कहाँ है
सुनील कुमार जी से सहमत
एक टिप्पणी भेजें