शुक्रवार, 6 मई 2011

अमेरिकन साम्राज्यवाद में सूरज अस्त नहीं होगा और न ही चाँद डूबेगा

ब्रिटिश साम्राज्यवाद की सीमाओं में सूरज अस्त नहीं होता थाआने वाले दिनों में अमेरिकन साम्राज्यवाद के तहत दुनिया उसकी गुलाम होगी तब यह कहना उचित होगा कि सूरज अस्त होता है चाँद डूबता हैअफगानिस्तान, ईराक, कुवैत सहित एशिया अफ्रीका के काफी मुल्कों को अमेरिकन साम्राज्यवाद ने अपना गुलाम बना लिया हैबहाना चाहे आतंकवाद का हो, परमाणु हथियार का हो, लोकतंत्र स्थापित करने का चाहे मामला हो इन बहानो के तहत वह दुनिया को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से गुलाम बनाने का एक हिस्सा होते हैंभारत को जब ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने गुलाम बनाया था तो तरह-तरह के हथकंडे, बहाने वह लोग ढूंढ कर पहले से रखते थे और फिर उन्ही बहानों को लेकर पूरे देश पर अधिपत्य कर लिया थाअमेरिकन साम्राज्यवाद के पास दुनिया को गुलाम बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी मजबूत संस्था भी है अमेरिकियों के इशारे पर यह संस्था लीबिया में नो फ्लाई जोन का प्रस्ताव पारित कर सकती है किन्तु नो फ्लाई जोन में नाटो को युध्मारक विमान उड़ाने की खुली छूट हैनाटो सेनाओ को तानाशाह कर्नल गद्दाफी से ज्यादा भयानक नरसंहार करने की खुली आजादी भी संयुक्त राष्ट्र संघ देता हैईराक में अमेरिकी कार्यवाइयों के समय अमेरिका उसकी समर्थक फौजें नरसंहार कर रही थी तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् जैसी संस्थाएं अप्रत्यक्ष रूप से उनका समर्थन कर रही थी। उस समय लोकतंत्र, समानता, न्याय, विश्व बंधुत्व अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों के नीचे थाअब अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के अन्दर एबटाबाद दोहराने की जब भी जरूरत महसूस होगी दोहराया जायेगावहीँ, पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर ने कहा है कि अगर कोई देश पकिस्तान के अन्दर घुसने की जुर्रत करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगाइस तरह की बयानबाजी के बाद अमेरिकन पकिस्तान की आर्थिक मदद रोक कर उसकी सार्वभौमिकता संप्रभुता का हरण कर उसको गुलाम बना लेगा।
चीन, ईरान, उत्तर कोरिया, भारत जैसे देश अमेरिकन साम्राज्यवादियों के प्रस्ताव के समय संयुक्त राष्ट्र में बहिष्कार जैसे अस्त्र का इस्तेमाल कर उसको मनमानी करने का पूरा मौका देते रहेंगेपकिस्तान के बाद किसी किसी बहाने उक्त देशों में से किसी का नंबर लगेगाऔर धीरे धीरे ग्लोबल दुनिया का बेताज बादशाह अमेरिकन साम्राज्यवाद होगा और हमें उसकी गुलामी करने के लिये मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा

सुमन
लो क सं घ र्ष !

3 टिप्‍पणियां:

Leader ने कहा…

मुजे लगता हे की आपकी बातों में यथार्त तो हे, ऐसा हो सकता हें आशंका पर्बल पर्तित होती हें, इसे चुनोती कान्हा से मिल रही हे व आज के राजनेतिक अंतर्विरोध क्या हे उसका उल्लेख किए बिना भला ऐसा होगा ही कहना कढ़िन हें ।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

SAHI KAHAA AAPNE.
............
ब्लॉdग समीक्षा की 13वीं कड़ी।
भारत का गौरवशाली अंतरिक्ष कार्यक्रम!

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

इतनी निराशा क्यों? हर साम्राज्य टूटा है। यह भी टूटेगा।

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