उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 110 दिनों से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानो का शांतिपूर्वक आन्दोलन चल रहा था। ७ मई को जिला अधिकारी के कुशल नेतृत्व में किसान पुलिस संघर्ष हो गया जिसमें 3 किसान मारे गए और प्रशासन की जबरदस्त फायरिंग से तीन पुलिस कर्मी भी मारे गए। प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओ व बड़ी कंपनियों के लिये जबरदस्ती किसानो की भूमि का अधिग्रहण कर किसानो को बरोजगारी की स्थिथि में रहने के लिये मजबूर कर देती है।
इस घटना के बाद सात मई को ही प्रशासन ने गाँव में घुस कर बच्चों, महिलाओं, बीमार व वृद्धों को लाठियों से पीट-पीट कर गाँव छोड़ने के लिये मजबूर कर दिया। गाँव वालों के घरों में घुस कर घरेलू सामानों को भी नष्ट कर दिया । खेतो में खड़ी हुई फसलों को भी आग लगा दी गयी है। कल से आज तक लगभग 500 लोगों को गिरफ्तार कर बुरी तरीके से मारा-पीटा गया है। पुलिस पी.एस.सी की गुंडागर्दी अपने चरम पर है। कानून व संविधान से कुछ लेना देना नहीं है। सरकार इतनी संवेदनहीन है कि 110 दिन से चल रहे किसान आन्दोलन की तरफ उसने देखने की जरूरत नहीं महसूस की। नोएडा से कुछ ही दूरी पर राष्ट्रपति भवन व प्रधानमंत्री आवास है। किसानो का रुदन, चीख व चिल्लाहट उनके साथ लूट व अत्याचार की आवाज हमारे राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक नहीं पहुँच सकती। वहां तक आवाज पहुँचाने के लिये भी किसानो को अपनी हत्याएं करवानी होगी।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मायावती व उनके खासमखास सिपहसलार विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृजलाल के तांडव नृत्य ने अधिवक्ताओं से लेकर सभी आन्दोलनकारियों को राजधानी लखनऊ में हमेशा लाठियों से पीटा है। सरकार का हर आन्दोलन के प्रति लाठी चलवा देना, गोली चलवा देना ब्रिटिश हथकंडो को मात देता है। कल राजधानी लखनऊ में पुलिस ने नागरिको पर भी फायरिंग की है। मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में जितनी फायरिंग व लाठी चार्ज उनके खासमखास व विशेष पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने करवाया है वह भी एक रिकॉर्ड है। यदि मायावती की सरकार नहीं होती तो ऐसा विशेष पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश में नहीं होता कि जनता की हर आवाज को लाठियों व गोलियों से दबाने की कोशिश करता। उलटे किसान नेता मनवीर तेवतिया पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
इस घटना के बाद सात मई को ही प्रशासन ने गाँव में घुस कर बच्चों, महिलाओं, बीमार व वृद्धों को लाठियों से पीट-पीट कर गाँव छोड़ने के लिये मजबूर कर दिया। गाँव वालों के घरों में घुस कर घरेलू सामानों को भी नष्ट कर दिया । खेतो में खड़ी हुई फसलों को भी आग लगा दी गयी है। कल से आज तक लगभग 500 लोगों को गिरफ्तार कर बुरी तरीके से मारा-पीटा गया है। पुलिस पी.एस.सी की गुंडागर्दी अपने चरम पर है। कानून व संविधान से कुछ लेना देना नहीं है। सरकार इतनी संवेदनहीन है कि 110 दिन से चल रहे किसान आन्दोलन की तरफ उसने देखने की जरूरत नहीं महसूस की। नोएडा से कुछ ही दूरी पर राष्ट्रपति भवन व प्रधानमंत्री आवास है। किसानो का रुदन, चीख व चिल्लाहट उनके साथ लूट व अत्याचार की आवाज हमारे राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक नहीं पहुँच सकती। वहां तक आवाज पहुँचाने के लिये भी किसानो को अपनी हत्याएं करवानी होगी।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मायावती व उनके खासमखास सिपहसलार विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृजलाल के तांडव नृत्य ने अधिवक्ताओं से लेकर सभी आन्दोलनकारियों को राजधानी लखनऊ में हमेशा लाठियों से पीटा है। सरकार का हर आन्दोलन के प्रति लाठी चलवा देना, गोली चलवा देना ब्रिटिश हथकंडो को मात देता है। कल राजधानी लखनऊ में पुलिस ने नागरिको पर भी फायरिंग की है। मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में जितनी फायरिंग व लाठी चार्ज उनके खासमखास व विशेष पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने करवाया है वह भी एक रिकॉर्ड है। यदि मायावती की सरकार नहीं होती तो ऐसा विशेष पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश में नहीं होता कि जनता की हर आवाज को लाठियों व गोलियों से दबाने की कोशिश करता। उलटे किसान नेता मनवीर तेवतिया पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
4 टिप्पणियां:
बहुत सच्ची बातें कहीं हैं
निंदनीय घटनाक्रम |
पर इस घटनाक्रम पर कोई सेकुलर नहीं बोलेगा |
सत्ता का खेल... गरीबो की रक्षक सरकार है या भक्षक सरकार...
बैठ कर भाषण देना बहुत आसान है. मुझे तो अच्छा लगेगा कि लोक संघर्ष के लेखक वहां जाए, और वहां से रिपोर्ट भेजें
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